Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »ऊंचाई पर स्थित हैं भारत के ये प्रमुख तीर्थस्‍थल

ऊंचाई पर स्थित हैं भारत के ये प्रमुख तीर्थस्‍थल

जब ईश्‍वर अपने भक्‍तों को पुकारते हैं तो इस दुनिया की ऐसी कोई भी शक्‍ति नहीं है जो उनके दर्शन से उसे रोक सके।

By Namrata Shatsri

जब ईश्‍वर अपने भक्‍तों को पुकारते हैं तो इस दुनिया की ऐसी कोई भी शक्‍ति नहीं है जो उनके दर्शन से उसे रोक सके। अपनी मनोरथ की पूर्ति के लिए श्रद्धालु देशभर के अनके तीर्थस्‍थलों के दर्शन करते हैं। देश के विविध परिदृश्‍यों में अलग-अलग तीर्थस्‍थल हैं ज‍हां पहुंचने के लिए तीर्थयात्रियों को धैर्य और अपनी भक्‍ति की परीक्षा देनी पड़ती है।

एक टूरिस्ट या ट्रैवलर के लिए है क्या ख़ास है 2000 से भी ज्यादा मंदिरें वाले भुवनेश्वर मेंएक टूरिस्ट या ट्रैवलर के लिए है क्या ख़ास है 2000 से भी ज्यादा मंदिरें वाले भुवनेश्वर में

भारत के कुछ ऐसे तीर्थस्‍थल </a></strong>हैं तो काफी ऊंचाई पर स्थित हैं और यहां तक पहुंचता काफी कठिन है। अत्‍यधिक ठंड के कारण इन तीर्थस्‍थलों कपाट अधिकतर बंद ही रहते हैं। केदारनाथ पहुंचने के लिए 14 किमी की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है और कैलाश मानसरोवर की यात्रा तो सबसे ज्‍यादा कठिन है। <strong><a href=ऊंचे-नीचे पहाड़, झीलें और प्रकृति" title="भारत के कुछ ऐसे तीर्थस्‍थल हैं तो काफी ऊंचाई पर स्थित हैं और यहां तक पहुंचता काफी कठिन है। अत्‍यधिक ठंड के कारण इन तीर्थस्‍थलों कपाट अधिकतर बंद ही रहते हैं। केदारनाथ पहुंचने के लिए 14 किमी की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है और कैलाश मानसरोवर की यात्रा तो सबसे ज्‍यादा कठिन है। ऊंचे-नीचे पहाड़, झीलें और प्रकृति" loading="lazy" width="100" height="56" />भारत के कुछ ऐसे तीर्थस्‍थल हैं तो काफी ऊंचाई पर स्थित हैं और यहां तक पहुंचता काफी कठिन है। अत्‍यधिक ठंड के कारण इन तीर्थस्‍थलों कपाट अधिकतर बंद ही रहते हैं। केदारनाथ पहुंचने के लिए 14 किमी की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है और कैलाश मानसरोवर की यात्रा तो सबसे ज्‍यादा कठिन है। ऊंचे-नीचे पहाड़, झीलें और प्रकृति

हेमकुंड साहिब

हेमकुंड साहिब

चमोली में 4632 की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब सिक्‍ख समुदाय का सबसे ऊंचाई पर बना गुरुद्वारा है। दुनियाभर से हज़ारों की संख्‍या में सिक्‍ख धर्म के अनुयायी यहां दर्शन करने के लिए आते हैं। सफेद संगमरमर से बने इस गुरुद्वारे आ आकार सितारे का है और ये हिमालय के बीच बहती नदियों में बना हुआ है।PC: Satbir 4

कैलाश मानसरोवर

कैलाश मानसरोवर

भारत की सबसे कठिन यात्राओं में से एक मानी जाती है कैलाश मानसरोवर की यात्रा। कैलाश मानसरोवर तिब्‍बत में आता है और 1962 में इस क्षेत्र पर चीन ने युद्ध के दौरान अपना कब्‍जा कर लिया था। माउंट कैलाश और मानसरोवर झील इस तीर्थयात्रा के प्रमुख आकर्षण है।

मान्‍यता है कि कैलाश मानसरोवर पर भगवान शिव अपने पूरे परिवार के साथ निवास करते हैं और यह स्‍थान चार मुख्‍य नदियों ब्रह्मपुत्र, सतलुज, गंगा और इंदु का स्रोत है। इस पर्वत की ऊंचाई 6,638 मीटर है और पर्वत श्रृंख्‍ला से 20 किमी की दूरी पर स्थित है मानसरोवर झील। इस नदी का पानी चमकीला हरा और नीला है।PC: Prateek

 तुंगनाथ

तुंगनाथ

भगवान शिव को समर्पित सबसे ऊंचा तीर्थस्‍थल है तुंगनाथ जिसकी समुद्रतट से ऊंचाई 3680 मीटर है। पंच केदार तीर्थों में ये स्‍थान सबसे ऊंचा है और माना जाता है कि इसका निर्माण हज़ार वर्ष पूर्व किया गया था। मंदाकिनी और अलकनंदा नदी के अलग होने वाले स्‍थान पर ये तीर्थस्‍थान स्थित है।PC: Varun Shiv Kapur

शिखर जी

शिखर जी

1350 मीटर की ऊंचाई पर झारखंड के पार्शनाथ पहाड़ों में स्थित है शिखर जी जोकि जैन धर्म के अनुयायियों का प्रमुख तीर्थस्‍थल है। यह तीर्थस्‍थल इसलिए भी खास है क्‍योंकि माना जाता है कि 24 में से 20 तीर्थंकरों को इस स्‍थान पर निर्वाण की प्राप्‍ति हुई थी। इस स्‍थान को तीर्थराज भी कहा जाता है और ये जैन धर्म के दिगंबरों का सबसे पवित्र तीर्थस्‍थल है।PC:Pankajmcait

बद्रीनाथ

बद्रीनाथ

भगवान विष्‍णु को समर्पित 3,133 मीटर की ऊंचाई पर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है बद्रीनाथ धाम। ये तीर्थस्‍थान भी चार धाम यात्रा में से एक है और भगवान विष्‍णु के मंदिरों में इस स्‍थान को सबसे पवित्र माना जाता है। यहां पर भगवान विष्‍णु को बद्रीनारायण के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां के प्रमुख पुजारी का चयन केरल के नमभूतरि ब्राह्मण परिवार द्वारा होता है।PC:Atarax42

अमरनाथ

अमरनाथ

सबसे प्रसिद्ध और पवित्र गुफा मानी जाती है अमरनाथ गुफा। गुफा तक पहुंचने का रास्‍ता काफी कठिन और चुनौतीपूर्ण है और इसे पार करने के लिए शारीरिक शक्‍ति के साथ-साथ मानसिक रूप से मजबूत होने की भी जरूरत है। साल में नौ महीने तक इस गुफा के कपाट बंद ही रहते हैं और यहां केवल 3 महीने के लिए ही यात्रा शुरु होती है। यहां पर भगवान शिव का लिंग स्‍वरूप बर्फ से स्‍वयं ही निर्मित होता है। हर साल सैंकड़ों भक्‍त यहां पर अपनी मनोकामना की पूर्ति हेतु यहां दर्शन करने आते हैं।

PC: Gktambe

वैष्‍णो देवी

वैष्‍णो देवी

जम्‍मू से 42 किमी की दूरी पर स्थित वैष्‍णो देवी मंदिर हिंदुओं का प्रमुख तीर्थस्‍थल है। ये मंदिर समुद्रतल से 1585 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मां दुर्गा का समर्पित इस मंदिर में तीन पिंडियों की पूजा की जाती है। इन तीन पवित्र पिंडियों को मां दुर्गा, देवी सरस्‍वती और महा काली का स्‍वरूप माना जाता है। इस तीर्थस्‍थान के दर्शन के लिए कटरा से 25 किमी की चढ़ाई पूरी करनी पड़ती है। मान्‍यता है वैष्‍णों माता के दरबार में सच्‍चे मन से मांगी गई हर मुराद जरूर पूरी होती है।

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X