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गिरिडीह - जिसे कहते हैं मंदिरों, पहाड़ों और हार्डकोर एडवेंचर का शहर

By Syedbelal

झारखंड राज्‍य, बिहार के दक्षिणी हिस्‍से के बाहरी इलाके में आता है जिसका गठन 15 नबंवर, 2000 में किया गया था। झारखंड का पर्यटन, संस्‍कृति, लोगों, प्रकृति और भाषा की एक बहुरूपदर्शक है। झारखंड की राजधानी रांची है और यहां पर्यटक भारी संख्‍या में सैर करने के लिए आते है। इसी क्रम में आज हम आपको अवगत कराने जा रहे हैं झारखंड के एक ऐसे शहर से जिसकी खूबसूरती की कल्पना शब्दों में नहीं की जा सकती।

जी हां, हम बात कर रहे हैं गिरिडीह की गिरिडीह, झारखंड की प्रसिद्द खदानों के शहर में से एक है। उत्तरी छोटा नागपुर डिवीजन के केंद्र में स्थित, गिरिडीह पहाड़ियों के बीच स्थित यह एक ख़ूबसूरत सा गाँव या खेड़ा है जो आस-पास के राज्यों से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। आपको बताते चलें कि 853.56 किमी के क्षेत्र में फैले हुए गिरिडीह में माणिक, अभ्रक और कोयले का भण्डार है।यदि स्थानीय लोगों कि माने तो गिरिडीह का अर्थ होता है पहाड़ियों और टीलों का क्षेत्र, जो इस प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र को फोकस करता है।

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जंगलों का विस्तृत खंड इस जिले के अधिकतम भाग को कवर करता है। यहाँ सागौन के वृक्ष बड़ी मात्रा में मिलते हैं इसके अलावा बांस, सेमल, महुआ और पलाश भी मिलते हैं। गिरिडीह में खनिजों का समृद्ध भण्डार है, माइका (अभ्रक) उनमें से एक है। तो अब देर किस बात की आइये जानें कि गिरिडीह में रहते हुए क्या क्या जरूर देखना चाहिए आपको।

पारसनाथ की पहाड़ियाँ

पारसनाथ की पहाड़ियाँ या श्री सम्मेता जी, समुद्र के तल से 4480 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। ये गिरिडीह की पहाड़ी श्रुंखला है जिसकी सर्वोच्च शिखर 1350 मीटर ऊँची है। यह केवल झारखंड की ही सबसे ऊँची चोटी नहीं है बल्कि हिमालय के दक्षिणी हिस्से का सबसे उंचा पर्वत है।

इसे जैनियों का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है, क्योंकि इस पर दिनांक 1775एडी दर्ज है। यह जैनियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र तीर्थों में से एक है। पारसनाथ वह जगह है जहाँ 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया था।

हरिहर धाम

झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित यह हरिहर धाम पर्यटकों के पसंदीदा स्थलों में से एक है। इसे हरिहर धाम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में संसार का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित है जिसकी ऊँचाई 65 फीट है। 25 एकड़ में फैला हुआ यह मंदिर नदी से घिरा हुआ है। इस बड़े शिवलिंग को पूरा करने में तीस साल लगे थे।

पूरे देश से भक्त गण, श्रावण मास की पूर्णिमा को इस मंदिर में आते हैं इसके अलावा पर्यटक, साल भर यहाँ आते रहते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार, श्रवण मास की पूर्णिमा की रात भगवान शिव के भक्तों द्वारा बहुत पवित्र मानी जाती है।

मधुवन

झारखंड के गिरिडीह जिले के विभिन्न दर्शनीय स्थलों में से मधुवन एक विशेष आकर्षण है। यह एक गाँव है जहाँ एक मंदिर 2000 साल से भी ज्यादा पुराना माना जाता है। यह पिर्टलैंड ब्लॉक में स्थित है और जैनियों के लिए एक धार्मिक स्थल है। समोशरण मंदिर और भौमिया जी आस्थान मधुवन के सबसे महत्वपूर्ण जैन मंदिर हैं।

जैन म्यूज़ियम में रखे गए जैन धर्मग्रन्थ, पांडुलिपियाँ और मूर्तियाँ, पर्यटकों को कई अनजान तथ्यों की जानकारी देते हैं। गिरिडीह से मधुवन 40 किमी और पारसनाथ 10 किमी की दूरी पर है। बहुत से जैन मंदिरों की उपस्थित इस जगह को जैनियों के लिए पूरे संसार में सबसे पवित्र जगह बना देती है।

खंडोली

झारखंड में स्थित खंडोली, रोमांचकारियों के लिए आकर्षक पर्यटक स्थलों में से एक है। गिरिडीह के उत्तर पूर्व में 10 किमी की दूरी पर स्थित खंडोली बाँध एक जलाशय है जो विभिन्न वाटर स्पोर्ट्स और रोमांच को स्थान देता है। पूरी खंडोली साईट विस्तृत रूप से एक घड़ी के टावर और एक पहाड़ी, जिसकी ऊँचाई 600 फीट है से साफ़ दिखाई पड़ती है।

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पक्षियों की असंख्य प्रजातियाँ हैं जिन्हें पक्षियों के शौक़ीन ढूंढ सकते हैं। यहाँ यात्री नौका विहार, पर्वतारोहण, रॉक क्लाइम्बिंग पैरासेलिंग और हाथी और ऊंट सफारी के अलावा कायाकिंग का मजा भी ले सकते हैं। खंडोली का समीपस्थ रेलवे स्टेशन गिरिडीह है।

उसरी जल-प्रपात

उसरी जल-प्रपात, गिरीडीह जिले के टुंडी रोड पर स्थित है। बस्ती से 13 किमी की दूरी पर स्थित उसरी बाँध सबसे पसंदीदा पिकनिक स्पॉट है। नदी 40 फीट गहरे गड्ढे में गिरने के बाद तीन धाराओं में बंट जाती है। पारसनाथ पहाड़ियों के सघन जंगल उसरी जलप्रपात को चारों ओर से घेर लेते हैं। नदी का पहाड़ी पर नीचे की ओर घने जंगलों से होकर बहते जाना बड़ा ही खूबसूरत दृश्य होता है। गिरिडीह यहाँ का निकटवर्ती रेलवे स्टेशन है जहाँ से पर्यटक ऑटो रिक्शा, टैक्सी या तांगा ले सकते हैं।

गिरिडीह में एडवेंचर

झारखंड अपने विभिन्न रोमांचकारी स्थलों के बारे में जाना जाता है जहाँ पर्यटकों को वास्तव में साहसिक गतिविधियों और खेलों के अनुभव के लिए विस्तृत क्षेत्र मिलते हैं। इन गतिविधियों का आनंद गिरिडीह, पारसनाथ, और सतपहाण हिल्स में लिया जा सकता है। गिरिडीह जिला इस तरह की रोमांचकारी गतिविधियों का केंद्र रहा है और पूरे देश के हर कोने से पर्यटकों को आकर्षित करता है।

गिरिडीह में क्या देख सकता है एक टूरिस्ट

पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोर्ट्स और पैरासेलिंग जैसी कुछ अलग तरह की गतिविधियाँ इस राज्य को लोकप्रिय बना रही हैं। वाटर स्पोर्ट्स गिरिडीह का एक आम मनोरंजन है। जिले के उत्तर पूर्व में 8 किमी की दूरी पर एक जलाशय है जहाँ विभिन्न रोमांचकारी खेल खेले जाते हैं।

कैसे जाएं गिरिडीह

गिरिडीह तक आने-जाने के लिए रेलवे और सड़क मार्ग मुख्य परिवहन के साधन हैं। यह स्थान अच्छी तरह से पश्चिम बंगाल और बिहार के महत्वपूर्ण स्थानों से जुड़ा हुआ है।

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