भारत में सिखों का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हरमंदिर साहिब यानी गोल्डन टेंपल अब जल्द ही और ज्यादा खूबसूरत होने जा रहा है। जानकारी के अनुसार मंदिर की भव्यता का विस्तार करने के लिए प्रशासन द्वारा सोने की और परतें चढ़ाने का फैसला किया गया है। बता दें कि पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर देश के उन सबसे व्यस्त मंदिरों में गिना जाता है जहां रोजाना सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालुओं का आगमन होता है।
इस मंदिर को सैलानियों के सबसे पसंदीदा स्थल होने का अवार्ड(2017) भी मिल चुका है। धार्मिक स्थल और पर्यटन के लिहाज से यह टेंपल काफी ज्यादा मायने रखता है, आइए आगे जानते हैं गोल्डन टेंपल को और खूबसूरत बनाने के लिए परिसर के कहां-कहां और कितने किलो सोने का इस्तेमाल किया जाएगा।
और भी सोने का प्रयोग
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स्वर्ण मंदिर को और भी स्वर्ण बनाने के लिए और 160 किलों के सोने का प्रयोग किया जाएगा। जानकारी के अनुसार इस पूरे काम में लगभग 50 करोड़ रूपए का खर्च आएगा। सोने की परत मंदिर के प्रवेशद्वारा पर लगे चार गुंबदों पर चढाई जाएगी। प्रत्येक गुंबद पर 40 किलो सोना लगाया जाएगा। सोने लगाने का अनुपात बढ़ भी सकता है। बता दें कि अमृतसर के इस मंदिर पर सबसे पहले सोने की परत 1830 में लगाई गई थी, जिसके बाद 1995-99 में सोने की परत दौबारा से चढ़ाई गई थी। आपको बताते दें कि गोल्डन टेंपल में शुद्ध सोने यानी 24 कैरेट सोने का ही इस्तेमाल किया जाता है।
फोर्थ ट्राऐंगल
थ्री ट्राऐंगल शहरों यानी दिल्ली, आगरा और जयपुर की श्रृंखला में अब जल्द ही फोर्थ ट्राएंगल अमृतसर भी जोड़ा जाएगी। अमृतसर एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जो अपने स्वर्ण मंदिर के लिए जाना जाता है, यहां रोजाना सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालुओं का आगमन होता है, इसलिए इस शहर को भी उपरोक्त ट्राएंगल शहरों की श्रृंखला में शामिल किया जाएगा।
फोर्थ ट्राएंगल बनने से परिवहन की सुविधा और भी ज्यादा सुगम हो जाएगी, जिसे यात्री बिना किसी दिक्कत के गोल्डन टेंपल समेत बाकी स्थलों का भ्रमण भी कर पाएंगे।
प्रसिद्ध धार्मिक स्थल
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भारत के पंजाब राज्य के अमृतसर शहर में स्थित स्वर्ण मंदिर एक विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो मुख्यत: सिख धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है। यहां सिर्फ सिख धर्म से जुड़े श्रद्धालु ही नहीं बल्कि अन्य धर्म के लोग भी आना पसंद करते हैं। यहां विश्व भर से पर्यटक आते हैं। बता दें कि इस धार्मिक स्थल को 'मोस्ट विजिटिड प्लेस ऑफ दा वर्ल्ड' का खिताब भी मिल चुका है। जानकारी के अनुसार यहां आम दिनों में 30 से 40 हजार और खास दिनों में 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं का आगमन होता है।
आसपास के आकर्षण - वाघा बॉर्डर
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अगर आप अमृतसर भ्रमण का प्लान बना रहे हैं तो स्वर्ण मंदिर के अलावा शहर के अन्य तीर्थ स्थानों का भी भ्रमण कर सकते हैं। गोल्डन टेंपल से करीब 30 किमी की दूर पर स्थित वाघा बॉर्डर आपका दूसरा पर्यटन गंतव्य बना सकता है। भारत-पाक सीमा पर स्थित यह स्थल राष्ट्र प्रेम को और भी दृढ़ कर देता है। यह भारत-पाक सीमा पर स्थित एक सड़क है जहां की वाघा सेरेमनी/फ्लैग सेरेमनी देखने के लिए दूर-दराज से पर्यटक यहां तक का सफर तय करते हैं।
यह सेरेमनी रोजाना ठीक पांच बजे आयोजित की जाती है, जिसके अंतर्गत दोनो देश मार्च पास्ट करते हुए सम्मापूर्वत अपने-अपने तिरंगे को विराम देते हैं, जिसे एकता का प्रतिक माना जाता है। इस दृश्य को देखते हुए देश प्रेम और भी ज्यादा दृढ़ हो जाता है।
चांद बावड़ी
वाघा बॉर्डर के अलावा आप गोल्डन टेंपल से यहां की ऐतिहासिक चांद बावड़ी को देखने का प्लान बना सकते हैं। यह एक स्टेप वेल है जो अपनी उत्कृष्ट वास्तुकला के लिए जानी जाती है। चांद बावड़ी को भारत के सबसे शानदार प्राचीन कुओं में शामिल किया जाता है। इसकी संरचना राजस्थान की बावड़ियों से बहुत ज्यादा मेल खाती हैं।
यह एक विशाल कुंआ है जो बहुत हद तक सैलानियों को प्रभावित करने का काम करता है। इतिहास की बेहतर समझ के लिए आप अपनी अमृतसर यात्रा में इस प्राचीन स्थल को शामिल कर सकते हैं।