हिमाचल प्रदेश की खुबसूरत पार्वती घाटी अपने भीतर कई सारी खूबसूरत जगहों को समेटे हुए हैं, जिन्हें जानने और घूमने के लिए हर पर्यटक को काफी मेहनत करनी होती है। इस घाटी में छुपी हुई इन खास जगहों की बात है,यहां के प्राकृतिक नजारे, जो आज भी ये शहर के कोलाहल से दूर पर्यटकों को खुली स्वच्छ हवा प्रदान करती हैं।
यूं तो हमने हाल ही में आपको अपने लेख से पार्वती घाटी के खास गांवों से रूबरू कराया था, इसी क्रम में आज हम आपको उसी लिस्ट में से एक खास गांव ग्रहण के बारे में बताने जा रहे हैं।
पार्वती घाटी में स्थित कसोल एक प्रसिद्ध लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं, जोकि खास कर इजारायली पर्यटकों के लिए जाना जाता है। कसोल के आसपास कई खूबसूरत गांव बसे हुए, जहां आप किसी बस या जीप या फिर कैब से नहीं बल्कि हाईकिंग या फिर ट्रेकिंग के जरिये पहुंच सकते हैं। तो आइये जानते हैं, पार्वती घाटी की गोद में बसे खास गांव ग्रहण के बारे में
हिमाचल प्रदेश में ग्रहण कहां है?
Pc: Soumya Ganguly
कसोल के उत्तरी छोर पर बसा ग्रहण एक बेहद ही छोटा सा और बेहद ही खूबसूरत गांव है, इस खूबसूरत गांव तक पहुँचने के लिए पर्यटकों को दस किमी ट्रेकिंग ट्रेल पूरी करनी होती है।
कैसे पहुंचे ग्रहण?
इस ट्रेकिंग के दौरान आप नदी किनारे या फिर जंगल में थोड़ी देर आराम भी कर सकते हैं। रास्ते में पड़ने वाली नदियों का पानी बेहद साफ है, आप चाहे तो अपनी पानी की बोतल भी भर सकते हैं।
थोड़ा उपर पहाड़ी पर पहुँचने के बाद आप को दो निशान दिखाई देंगे, जिसमे एक शोर्ट कट है, शोर्ट कट वाले रास्ते में आपको खड़ी चढ़ाई मिलेगी, तो दूसरा आपको घने चीड़ के पेड़ से होते हुए गांव की ओर ले जायेगा। अगर आप चाहे तो रास्ते में पड़ने वाली खूबसूरत जगहों आप अपने कैमरे में भी कैद कर सकते हैं।
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कब जाये ग्रहण
सर्दियों के दौरान इस गांव में भारी मात्र में बर्फबारी होती है, ऐसे में यहां जाने से बचे, और गर्मियों के दिनों में आप इस खूबसूरत जगह की मार्च से लेकर सितम्बर तक कभी भी कर सकते हैं।
ग्रहण गांव
जब आप गांव में उपर पहुंचेंगे तो तो वहां कुछ बच्चे आपका स्वागत करते हुए नजर आएंगे। स्थानीय निवासी इस गांव में आने वाले पर्यटकों का बांहे खोलकर स्वागत करते हैं, और लोगों को अपने गांव के किस्से कहानी सुनाते हैं।
गांव में शराब-तम्बाखू वर्जित
इस गांव के भीतर पहुँचने के बाद आप शराब और अन्य किसी नशे का सेवन नहीं कर सकते हैं, अगर आप ऐसा करते हुए पाये जाते हैं, तो आपको इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
चरस-गांजेकी खेती
इस गांव में चरस-गांजे की खेती की जाती है, इसके अलावा आलू,सेब आदि भी उगाया जाता है। लेकिन अगर आप सोचते हैं कि, आप इस गावं से आप चरस, गांजा आदि ले जा सकते हैं, तो आप गलत हैं, अगर आप ऐसा करते हुए पाए जाते हैं, तो आपको जेल भी हो सकती है।
शहद के लिए हैं प्रसिद्ध
इस गांव के लोग शहद घने जंगलों में से लेकर आते हैं, जो अन्य शहद के मुकाबले काफी अच्छा होता है।
हिमाचली खाने का ले स्वाद
जी हां इस छोटे से गांव की सैर करते हुए आप यहां कुछ छोटे से रेस्तरां पा सकते हैं, जहां प्रमुख तौर पर पर्यटकों को हिमाचली खाना परोसा जाता है, तो ट्राय करना कतई ना भूले।