भारतीय रेलवे को देश की धड़कन कहा जाता है। ये ना सिर्फ लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाती है बल्कि लोगों को उनके अपनों से भी मिलवाती है। अगर आपने भी ट्रेन में सफर किया होगा तो देखा होगा की ट्रेन की पटरियों पर दौड़ती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये ट्रेन जमीन पर न दौड़कर बल्कि नीचे लटक कर चलती हो।
यहां नीचे लटककर चलती हैं ट्रेनें
जी हां, यह बात बिल्कुल शत प्रतिशत सच है। दुनिया में एक ऐसा देश है जहां पर ट्रेन लोहे की पटरियों पर न दौड़कर बल्कि नीचे लटक कर चलती हैं। दरअसल, जर्मनी में हैंगिंग ट्रेन चलती है, जो उल्टी लटकती हुई लोगों को उनके मंजिल तक पहुंचाती है। आपको देखने में ऐसा लगेगा कि जैसे लोग उल्टा लटककर सफर कर रहे होंगे। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, इस ट्रेन का सफर बाकी ट्रेनों से बिल्कुल अलग है।
कब हुई शुरुआत
इस ट्रेन की शुरुआत करीब 121 साल पहले हुई थी। साल 1901 में शुरू हुई यह ट्रेन दुनिया की सबसे पुरानी मोनोरेल में गिनी जाती है। जो भी इस ट्रेन को देखता है, वह हैरान रह जाता है। अगर आप भी जर्मनी का सफर करें तो एक बार इस ट्रेन में जरूर बैठें।
बेहद रोमांच भरा है इसका रूट मैप
इस ट्रेन से रोजाना करीब 80 से 90 हजार लोग सफर करते हैं। इस ट्रेन का रूट मैप नदी झरनों और हरियाली भरे दृश्यों से होकर गुजरता है, जो बेहद रोमांच भरा होता है। करीब 13 किमी. तक चलने वाले इस ट्रेन के रास्ते में 20 स्टेशन पड़ते हैं।