हाल ही मुझे पहली बार अपने दादी दादी के साथ हरिद्वार जाने का मौका मिला।ये मेरा पहली बार था, जब मै हरिद्वार जा रही थी..हालांकि मैंने यहां के बारे में काफी बार सुन चुकी थी..जिस कारण मै काफी उत्साहित थी।
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मेरे दादाजी ने हरिद्वार जाने के लिए लखनऊ से हरिद्वार के लिए ट्रेन बुकिंग पहले से ही कर ली थी..करीबन 12 घंटे की जर्नी के बाद मै मेरे दादा और दादी हरिद्वार पहुंच गये। हरिद्वार पहुँचने के बाद हमने पहले होटल में चेक इन किया।
राख से उत्पन्न हुआ रिवालसर सरोवर!
हरिद्वार एक धार्मिक स्थल..जिस कारण आपको यहां होटल मिलना ज्यादा मुश्किल नहीं होता है।होटल में थोड़ा आराम करने के बाद बाद हमने शाम को गंगा आरती देखने का प्लान बनाया। शाम को फ्रेश होने के बाद हम सभी हरी की पौड़ी की ओर निकल पड़े। हरी की पौड़ी में शाम के नजारे वाकई देखने लायक था। खासकर भव्य गंगा आरती देखकर बेहद खुश थी..क्योंकि मैंने पहले बार इस तरह भव्य आरती का आयोजन होते हुए देखा।
आरती खत्म होने के बाद मै और मेरे दादा-दादी कुछ देर गंगा किनारे बैठे और उसके बाद हरिद्वार के बाजारों से होते हुए हम अपने होटल पहुंचे। स्लाइड में देखिये हरिद्वार में क्या क्या घूम सकते हैं-:
हर की पैड़ी
हर की पैड़ी हरिद्वार का प्रमुख घाट है। जिसमे हर साल श्रद्धालु उत्सवों में यहाँ आकर स्नान करते हैं। कहा जाता है कि यहाँ डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं। शाम के समय यहाँ आरती के बाद गंगा में दीप बहाये जाते हैं।PC:NID chick
नीलधारा पक्षी विहार व चीला
अगर नीलधारा पक्षी विहार आने की सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि यहाँ का सबसे उत्तम समय सर्दियों का मौसम है क्यूंकि सर्दियों के मौसम में यहाँ विभिन्न प्रकार के पक्षी दूर दूर से आते हैं। जिनको देखने का अपना अलग ही मज़ा है।
मनसा देवी मंदिर
मनसा देवी मंदिर बिलवा पहाड़ी पर स्थित है जहाँ तक पहुँचने के लिए पैदल रास्ता तो है ही लेकिन रोपवे (उड़न खटोला) आदि की भी अच्छी व्यवस्था की गई है। यहाँ अधिकतर पर्यटक पहुँचते हैं क्यूंकि इसकी महत्ता बहुत अधिक है।PC:Ekabhishek
चंडी देवी मंदिर
चंडी देवी मंदिर नील पर्वत पर बना हुआ है जिसकी ऊंचाई की वजह से यहाँ रोपवे की भी व्यवस्था की गई है। अगर आप यहाँ पैदल के बिना रोपवे से जाना चाहते हैं तो इसका लुफ्त भी उठा सकते हैं।PC: World8115
भारत माता मंदिर
भारत माता मंदिर, जो मदर इंडिया मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है..स मंदिर में आठ मंजिलें हैं एवं यह 180 फुट की उंचाई पर स्थित है।
दक्ष महादेव व सती कुंड
कनखल दक्ष महादेव व सती कुंड कनखल का मंदिर न सिर्फ हरिद्वार में बल्कि पूरे विश्व में यह मंदिर प्रसिद्ध है। आप यहाँ आकर दक्ष महादेव के दर्शन कर सकते हैं।
सप्तऋषि
सप्तऋषि अपने महत्त्व के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ गंगा नदी छोटी छोटी धाराओं में बहती हुई पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है।
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