प्राकृतिक सौंदर्यता के मामले में भारत किसी खजाने से कम नहीं, यहां मौसम के अनुरूप प्रकृति चारों दिशाओं को संवारने का काम करती है। पहाड़ों से बहती स्वच्छ निर्मल धारा, विभिन्न वनस्पतियों से आभूषित वन-उपवन, नीले आकाश को छूते भूधर आदि भारत-भूमि की विशेषताओं को बखूबी बयां करते हैं। यूं ही नहीं विश्व के कोने-कोने से सैलानी यहां खिंचे चले आते हैं।
'फ्रैंक स्मिथ' ( खोजकर्ता और वैली ऑफ फ्लावर पर पुस्तक लिखने वाले) और केप्टन जे.फॉरसोथ (सतपुड़ा की पहाड़ियों पर किताब लिखने वाले) ये कुछ ऐसे विदेशी थे जो भारत की खूबसूरती से इतने प्रभावित हुए कि इन्होंने किताब तक लिख डाली। ऐसे कई उदाहरण और भी हैं।
'नेटिव प्लानेट' के इस खास खंड मे जानिए भारत की अनमोल खूबसूरती को बयां करते चुनिंदा प्राकृतिक स्थलों के बारे में जो कश्मीर की तरह ही किसी जन्नत से कमी नहीं।
1- धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश
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धर्मशाला हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी की ऊपरी सीमाओं पर स्थित एक खूबसूरत प्राकृतिक स्थल है। जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 1,475 मीटर की है। यह प्राकृतिक स्थल देवदार के पेड़ों की एक मोटी चादर ओढ़े हिमाचल की खूबसूरती पर चार चांद लगाने का काम करता है। धर्मशाला में ही विश्व का सबसे ऊंचाई पर बसा क्रिकेट ग्राउंड भी है, जिसके वजह से इस अनमोल धरा की लोकप्रियता ज्यादा बढ़ी है।
कहां-कहां घूमें
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क्रिकेट प्रेमी खेल के साथ-साथ धर्मशाला घूमना बेहद पसंद करते हैं। यह स्थल तिब्बती बौद्ध अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण गढ़ माना जाता है। आप यहां मैकल गंज, मसरूर, कांगड़ा संग्रहालय, कांगड़ा किला, नामग्याल मठ,डल झील आदि स्थानों की सैर का आनंद ले सकते हैं।
2- बीर, हिमाचल प्रदेश
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हिमाचल प्रदेश के उत्तर में बसा बीर तिब्बती लोगों का एक खूबसूरत पहाड़ी गांव है। जो प्रकृति की अपार सौंदर्यता से भरा है। यह खूबसूरत स्थान जोगिंदर नगर घाटी के पास बसा है। प्राकृतिक खूबसूरती के साथ-साथ यह स्थान एडवेंचर के लिए भी जाना जाता है।
बीर पैराग्लाइडिंग के लिए काफी खास स्थान है। इसलिए इसे 'पैराग्लाइडिंग कैपिटल ऑफ इंडिया' भी कहते हैं। इसके अलावा बीर तिब्बती शरणार्थी का घर भी माना जाता है।
कहां-कहां घूमें
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आप यहां काफी संख्या में बौद्ध मठ और एक विशाल स्तूप देख सकते हैं। आप यहां शेराब लिंग मठ, बी टी फैक्ट्री, चोकलिंग मठ, हिरण पार्क संस्थान, धर्मलाय संस्थान, तिब्बती कॉलोनी और बीर रोड जैसे दर्शनीय स्थलों की सैर का आनंद भी ले सकते हैं।
3- रूपकुंड झील, उत्तराखंड
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भारत के हिमालय क्षेत्र में कई खूबसूरत झील मौजूद हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा जो ध्यान आकर्षित करती है वो है उत्तराखंड स्थित रूपकुंड झील। यह झील जितनी खूबसूरत है उससे कहीं ज्यादा रहस्यों से भरी है। इसे राज्य की रहस्यमयी झील भी कहा जाता है।
यह झील राज्य के चमोली जिले में लगभग 5,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सर्दियों के मौसम में यह झील बर्फ से ढक जाती है, लेकिन गर्मियों के दौरान बर्फ पिघलते ही आप यहां तैरते हुए शवों को देख सकते हैं।
एक बड़ा रहस्य
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ठंडे मौसम के कारण यहां नरकंकाल अच्छी तरह संरक्षित हैं। वैज्ञानिक प्रमाण बताते हैं कि ये लाशे 12वीं सदी के आसपास की हो सकती हैं। जिनकी मृत्यु के पीछे का कारण आजतक एक बड़ा रहस्य बना हुआ है। रूपकुंड शायद पूरी दुनिया की एकमात्र ऐसी झील होगी जो यहां दिखने वाले डरवाने नर-कंकलों के बावजूद सुंदर नजर आती है, और जिसे देखने के लिए देश-दुनिया से लोग आते हैं।
4- पंचगनी, महाराष्ट्र
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सह्याद्री की पांच पहाड़ियों से घिरा पंचगनी महाराष्ट्र का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है पंचगनी की बहती हवाओं में चिकित्सीय गुण हैं। यह स्थान कभी भारत में अंग्रेजों के लिए गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए एक मुख्य स्थान हुआ करता था।
और कहां घूमें
PC- Akhilesh Dasgupta
पंचगनी पहाड़ी खूबसूरती के साथ-साथ तटीय आनंद भी प्रदान करती है। गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए यह एक आदर्श स्थान माना जाता है। इसके अलावा आप यहां राजपुरी गुफाएं का सैर कर सकते हैं, जो अपने धार्मिक महत्व के लिए जानी जाती हैं। यहां पर्यटकों के साथ-साथ श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है।
5- सकलेशपुर, कर्नाटका
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बयालुसीमा और मलेनादु सीमा पर स्थित सकलेशपुर कर्नाटक का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। राज्य के हसन जिले का यह पहाड़ी गांव लगभग 949 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह एक ऐतिहासिक स्थल है जिसका संबंध चालुक्यों, हॉसाला और मैसूर के राजाओं से है। यह क्षेत्र कभी इन राजाओं के साम्राज्यों की शोभा बढ़ाने का काम करता था।
प्राचीन खंडित शिवलिंग
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माना जाता है कि हॉसाला राजाओं के शासनकाल के दौरान सकलेशपुर इलाके से एक प्राचीन खंडित शिवलिंग पाया गया था। जिसे शक लेश अरा के नाम से जाना गया। इसी नाम पर स्थानीय लोगों ने इस गांव का नाम सक्लेश्वर रखा । वर्तमान में इस पहाड़ी गांव को सकलेशपुर के नाम से जाना जाता है।