इतिहास की बात आये और भारत आगे न हो यह हो ही नहीं सकता। क्यूंकि मुग़ल काल, राजपूत काल और ब्रिटिश काल से लेकर आज़ादी तक हर ऐतिहासिक कड़ियों को भारत अपने में संजोये हुए है। जहाँ हर काल की छत्र-छाया का पता लगाया जा सकता है। अपने इस आर्टिकल में मैं आज आपको भारत के ऐतिहासिक स्मारकों के बारे में बता रही हूँ, जो वर्ल्ड हेरिटेज हैं।
भारत की विशाल ऐतिहासिक इमारतें
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अगर आप ऐतिहासिक प्रेमी हैं या आप इतिहास से जुड़ी कहानियों में किस्सों में रूचि रखते हैं तो यह बेस्ट ऑप्शन है आपके लिए कि आप इनके बारे में जाने। जी हाँ दोस्तों ऐतिहासिक धरोहरों की बात ही निराली होती है जहाँ हम पुरातन के किस्सों कहानियों को उन विरासतों की ज़ुबानी सुनते हैं जिन्हें हम देखना चाहते हैं। तो चलिए ऐसी ही कहानियां सुनते हैं और जानते हैं कि आखिर क्यों इन ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण हुआ।
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भारत की ऐतिहासिक विरासतों में एक है वाराणसी घाट
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वाराणसी घाट, वाराणसी
हिन्दू धर्म के लोगों के लिए वाराणसी एक बेहद पवित्र स्थल है जहाँ की भूमि में मोक्ष प्राप्ति होती है। यह न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाये हुए है। यह घाट ऐतिहासिक धरोहर भी है क्यूंकि वाराणसी एक बेहद प्राचीन शहर है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ की पवित्र गंगा में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं। वास्तव में इन घाटों की चमक देखने लायक होती है।
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भारत की ऐतिहासिक विरासतों में एक है स्वर्ण मंदिर
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स्वर्ण मंदिर, अमृतसर
हरमिंदर साहिब के नाम से जाना जाने वाला स्वर्ण मंदिर विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। जहाँ हर साल हज़ारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। इस आलीशान मंदिर को 16 वीं शताब्दी में शिखों के 5 वें गुरु गुरु अर्जुन देव जी ने बनवाया था। साथ ही 19 वीं शताब्दी में इस मंदिर की छत को 400 ग्राम सोने से धक दिया गया था, जिसकी वजह से इसका नाम स्वर्ण मंदिर पड़ गया। इस मंदिर की छत पर सोना महाराजा रणजीत सिंह ने रखवाया था।
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भारत की ऐतिहासिक विरासतों में एक है महाबोधि मन्दिर
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महाबोधि मन्दिर, बोधगया
महाबोधि मन्दिर वही स्थल है जहाँ गौतम बुद्ध को ज्ञान अर्जित हुआ था, प्राप्त हुआ था। आज यह बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह विशाल धरोहर वास्तुकला का एक नमूना है जिसकी नक्काशी देख आप भी मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। ऐसा माना जाता है कि यह सबसे पहले बौद्ध धर्म के मंदिरों में से एक है। जो आज भी अपनी शान से खड़ा हुआ है।
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भारत की ऐतिहासिक विरासतों में एक है ब्रहदीश्वर मंदिर
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ब्रहदीश्वर मंदिर, तंजावुर
तमिल वास्तुकला में बना यह विशाल मंदिर चोलों द्वारा की गई अद्भुत प्रगति का एक जीता जागता नमूना है। भारत का सबसे बड़ा मंदिर होने के साथ साथ यह भारतीय कलात्मक शैली आध्यात्मक शैलियों में से एक है जो भगवान शिव को समर्पित है। इस वास्तुकला मंदिर को राजराजा चोल ने बनवाया था। इस मंदिर की नंदी देखने योग्य है।
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भारत की ऐतिहासिक विरासतों में एक है विक्टोरिया मैमोरियल
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विक्टोरिया मैमोरियल, कोलकाता
अंग्रेजी शासनकाल ख़त्म होने की ख़ुशी में और ब्रिटिश काल को समाधि देने की निशानी के रूप में इस मैमोरियल का निर्माण किया गया था। इस मैमोरियल में आज भी शाही परिवार के और शाही परिवार से जुड़े लोगों के कुछ अवशेष हैं, जिन्हें आप देख सकते हैं। जैसे उनके लिबास और उनका रहन-सहन आदि आप यहाँ देख सकते हैं। साथ ही यहाँ शाही परिवार के कुछ चित्र भी हैं।
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