होली आने में चाँद दिन ही बचे हुए हैं और हम आपको पहले ही अवगत करा चुके हैं कि इस होली हम आपको ऐसा बहुत कुछ बताने और दिखाने वाले हैं जो आपने पहले कभी नहीं सुना होगा। आज हमारी इस होली स्पेशल सीरीज में हम आपको अवगत कराने वाले हैं भगवान श्री कृष्ण के जन्म स्थान मथुरा से। मथुरा को पहले और आज भी ब्रज भूमि या 'अनंत प्रेम की धरती' की तरह पूजा जाता है।
साक्षात भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करा देते हैं वृंदावन के ये कृष्ण मंदिर
मथुरा को इस नाम से इसलिए भी जाना जाने लगा है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने अपने बचपन और जवानी के दिन यहीं पर बिताए थे। यहां के हर कोने में आज भी गोपाल संग गोपियों की रासलीला को महसूस किया जा सकता है।
आज मथुरा हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थान है जहाँ पर भगवान कृष्ण और राधा को समर्पित कई मंदिर हैं। हालांकि ८वीं शताब्दी में जब इस शहर में हिन्दुओं का बोलबाला हुआ उससे पहले यह बौद्ध केंद्र था और यहाँ कई मठ थे जिसमें 3000 से भी ज़्यादा सन्यासी रहते थे। इनमें से कई केन्द्रों को अफगानी शाशक महमूद गज़नी ने बर्बाद कर दिया। कई समय बाद 16वीं शताब्दी में औरगज़ेब ने कई मशहूर मंदिर जैसे केसव देव मंदिर को हटा कर वहां पर मस्जिद बनवा दिया।
मथुरा पूरे साल श्रद्धालुओं को अपनी और आकर्षित करने में कामयाब रहता है और खासकर होली और जन्माष्टमी त्यौहार के दौरान (जो अगस्त या सितम्बर में पड़ता है) तो यहाँ पर लोगों का तांता लग जाता है। मुना नदी के तट पर स्थित, मथुरा को भारतीय संस्कृति और सभ्यता के की तरह माना जाता है। भारत को आध्यात्मिक स्थल माना जाता है और कई लोग शान्ति और ज्ञानोदय की तलाश में यहाँ के आश्रमों और मंदिरों की ओर रुख करते हैं।
मथुरा को हिन्दुओं, बौद्ध धर्म के लोगों और जैन समुदाय के लोगों द्वारा पवित्र माना जाता है। श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर या कृष्ण का जन्म स्थान यहाँ का सबसे पवित्र मंदिर है। वास्तव में मथुरा की हर आकर्षित करने वाली चीज़ किसी न किसी तरह भगवान कृष्ण से जुड़ी है। दूसरा स्थल है विश्राम जहाँ पर माना गया है कि अपने मामा कंस का वध करने से पहले उन्होंने विश्राम किया था।द्वारकाधीश मंदिर मुख्य मंदिर है जिसको हिन्दू पर्व होली और जन्माष्टमी के दौरान काफी सजाया जाता है।
मथुरा जाने का सबसे उचित समय
उत्तर भारत के अन्य जगहों की तरह मथुरा जाने का सबसे उचित समय नवम्बर से मार्च के बीच होता है जब यहाँ मौसम काफी सुहावना रहता है। इसके अलावा पर्यटक यहां होली में अवश्य आएं इस दौरान यहां देश विदेश से पर्यटक होली का लुत्फ़ लेने आते हैं।
मथुरा , भगवान कृष्ण का जन्मस्थान
मथुरा शहर के प्रवेश द्वार का रात के समय लिया गया एक फ़ोटो।
मथुरा , भगवान कृष्ण का जन्मस्थान
मथुरा का ये प्रवेश द्वार ही ये बताने के लिए काफी है कि ये शहर कितना खूबसूरत है।
मथुरा , भगवान कृष्ण का जन्मस्थान
मथुरा के इस प्राचीन मंदिर की तस्वीर ये बताती है कि यहां भवन निर्माण में उच्च कोटि की वास्तु का इस्तेमाल किया गया है।
मथुरा , भगवान कृष्ण का जन्मस्थान
मथुरा को इस नाम से इसलिए भी जाना जाने लगा है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने अपने बचपन और जवानी के दिन यहीं पर बिताए थे।
मथुरा , भगवान कृष्ण का जन्मस्थान
मथुरा स्थित जय गुरु देव योग साधना मंदिर की एक बेहद खूबसूरत तस्वीर।
मथुरा , भगवान कृष्ण का जन्मस्थान
मथुरा रेलवे ट्रैक का शाम के समय लिया गया एक बेहद खूबसूरत फ़ोटो।
मथुरा , भगवान कृष्ण का जन्मस्थान
आज मथुरा हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थान है जहाँ पर भगवान कृष्ण और राधा को समर्पित कई मंदिर हैं। हालांकि ८वीं शताब्दी में जब इस शहर में हिन्दुओं का बोलबाला हुआ उससे पहले यह बौद्ध केंद्र था और यहाँ कई मठ थे जिसमें 3000 से भी ज़्यादा सन्यासी रहते थे।