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भारत की पाँच पवित्र झीलें: पंच सरोवर!

पौराणिक कथाएं अक्सर हमें पुराने दौर में ले जाती हैं जब भारत अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित हुआ था और जो अब अलग देशों से ताल्लुक रखते हैं। फिर भी ये चीज़ हमें हमारे धार्मिक ग्रंथों में दिए गए संदेशों का पालन करने से नहीं रोक पायीं जिनमें कई पवित्र स्थानों की सूचि भी दी हुई हैं।

हिन्दू धर्म के अनुसार मंदिरों के साथ साथ कई झील और नदियां भी तीर्थस्थलों में शामिल हैं। कई जलाशयों को दिव्य स्थान भी दिया गया है जिसकी वजह से इनकी तीर्थयात्रा की काफी महत्ता है। चलिए आज हम ऐसी ही कुछ प्रमुख पवित्र झीलों की सैर पर चलते हैं, जहाँ के दर्शन कर हम अपने सारे पापों से दोषमुक्त हो सकते हैं।

Mansarovar lake

मानसरोवर झील
Image Courtesy:
Prateek

नैनीताल झील

जैसा कि मानसरोवर झील को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है, यह अब तिब्बत जो कि एक स्वायत्त प्रदेश है में स्थित है। हर साल मानसरोवर ट्रिप के लिए कई तीर्थ यात्रा पैकेजेस की व्यवस्था की जाती है। हालाँकि हर कोई यहाँ की यात्रा नहीं कर सकते क्योंकि इस तीर्थस्थल की यात्रा करने के लिए वीज़ा और पासपोर्ट ज़रूरी होते हैं। इसलिए तीर्थयात्री नैनीताल झील की यात्रा करते हैं क्योंकि यह हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार भारत के प्रमुख पवित्र झीलों में से एक है।

हम जैसे ही नैनीताल झील के बारे में सोचते हैं, हमारे दिमाग में एक पेअर शेप के झील का विचार आता है। स्थानीय कथाओं के अनुसार इस जगह पर ही देवी सती की आँखें गिरी थीं इसलिए इसे धार्मिक स्थल माना जाता है। नैनीताल झील उत्तराखंड के नैनीताल का सिर्फ एक पवित्र स्थल ही नहीं, नैनीताल का प्रमुख पर्यटक स्थल भी है।

Nainital Lake

नैनीताल झील
Image Courtesy:
Abhishek gaur70

पुराणी कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि, एक बार संतों ने देखा कि नैनी झील पूरी तरह से सुख गयी है, तो उन्होंने मानसरोवर का जल यहाँ लाकर भर दिया। नैनी झील मानसरोवर झील के जल से पूरा भर गया और तब से ही यह मानसरोवर के प्रतिरूप में जाना जाने लगा। तीर्थयात्री जो मानसरोवर झील की यात्रा पर नहीं जा सकते वे नैनीताल आते हैं, नैना देवी के आशीर्वाद लेने।

Pushkar Lake

पुष्कर झील
Image Courtesy: Felipe Skroski

पुष्कर झील

कहा जाता है कि अजमेर में पुष्कर के पुष्कर झील के निर्माणकर्ता थे ब्रह्मा जी थे। यह इस शहर का प्रमुख पर्यटक स्थल होने के साथ-साथ यहाँ का पवित्र स्थल भी है। इस जगह का नाम तीर्थराज है, जो इसके राजस्थान में सबसे पवित्र स्थल होने की ओर इंगित करता है।

नारायण सरोवर

नारायण सरोवर कोटेशवर महादेव मंदिर से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ की मान्यता अनुसार यह सरोवर सरस्वती नदी के पानी से भरा हुआ है इसलिए यह गुजरात के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है।

Narayan Sarovar

नारायण सरोवर
Image Courtesy: Chandra

बिंदु सरोवर

गुजरात के सिंधपुर में बिंदु सरोवर दो छोटे तालाबों के मिलने से बना है। कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि, भगवान विष्णु जी के जब आँसू इन जगहों पर गिरे तब इन झीलों का गठन हुआ।

अन्य पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि, भगवान परशुराम जी ने इसी झील के तट पर अपनी माँ के अंतिम संस्कार की सारी विधियाँ की थीं। इसलिए यहाँ मातृ श्राध रिवाज़ को निभाना एक प्रसिद्ध रस्म है।

Pampa Sarovar

पंपा सरोवर
Image Courtesy:
Indiancorrector

पंपा सरोवर

पंपा सरोवर कर्नाटक के कोप्पल में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। कथानुसार इसी जगह पर देवी पम्पाला, माँ पार्वती के अन्य रूप ने भगवान शिव जी की तपस्या की थी। और यह वही जगह भी है जहाँ शबरी ने भगवान राम जी के आने का इंतज़ार किया था। इसलिए हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार पंपा सरोवर को भारत के पवित्र झीलों में से एक माना जाता है।

ये झील पवित्र स्थल होने के साथ-साथ प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी हैं, तो आप इनकी यात्रा कर इनके खूबसूरत नज़ारों के मज़े लेना ना भूलें।

अपने महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभव नीचे व्यक्त करें!

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