Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »जब महादेव ने काट डाला था ब्रह्मा का सिर, अद्भुत है अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर की कहानी

जब महादेव ने काट डाला था ब्रह्मा का सिर, अद्भुत है अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर की कहानी

कर्नाटक का होरानाडू अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर। places to visit in Horanadu Annapoorneshwari Temple।

भारत विविधताओं का देश है जो अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के बल पर पूरे विश्व का ध्यान खींचता है। दुनिया के कोनों-कोनों से लाखों की तादाद में सैलानी भारतीय भौगोगिक विशेषताओं और कला-संस्कृति की झलक पाने के लिए आते हैं। अतीत के गौरवशाली परिदृश्य के साथ भारत विश्व के चुनिंदा खास पर्यटन गंतव्यों में भी शामिल है, जहां पर्यटक ज्यादा आना पसंद करते हैं।

इतिहास के साथ-साथ कला-संस्कृति के प्रेमियों के लिए भारत किसी खजाने से कम नहीं। भारत के प्राचीन मंदिर सालों से आस्था और वास्तुकला के क्षेत्र में भी काफी आगे रहे हैं। इस खास लेख में जानिए दक्षिण भारत के एक ऐसे ही एक अद्भुत मंदिर के बारे में जो अपनी विभिन्न विशेषताओं की वजह से काफी लोकप्रिय है।

होरानाडू अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर

होरानाडू अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर

PC- Kgpramod2

भद्रा नदी के तट पर स्थित प्रसिद्ध अन्नपुर्णेश्वरी मंदिर कर्नाटक के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। इस अद्भुत मंदिर को श्री क्षेत्र होरनाडू के नाम से भी जाना जाता है जो भोजन की देवी अन्नपूर्णेश्वरी को समर्पित है।
मंदिर के अंदर, आप स्थायी मुद्रा में देवी की एक खूबसूरत प्रतिमा को देख सकते है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस प्राचीन मंदिर का निर्माण ऋषि अगस्त्य ने किया था।

इस मंदिर से दक्षिण हिन्दूओं की गहरी आस्था जुड़ी है। यहां आने वाले तीर्थयात्रियों का मानना है कि मंदिर में चमत्कारी शक्तियां हैं, यदि सच्चे मन से यहां प्रार्थना की जाए है, तो भक्त अपने पूरे जीवन में भूखा नहीं मरता। आगे जानिए इस मंदिर से जुड़े और भी दिलचस्प बातें।

मंदिर का संक्षिप्त इतिहास

मंदिर का संक्षिप्त इतिहास

PC- Gnanapiti

अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर में पिछले 400 वर्षों से वंशानुगत धर्ममार्थारू चलते आ रहा है, तब से इस मंदिर की सेवा और संरक्षण एक ही परिवार करते आ रहा है। मंदिर को साज संवारने, धार्मिक अनुष्ठानों को करने में धर्ममार्थारू ने अहम भूमिक निभाई है। पांचवीं धर्ममार्थारू श्री डीबी तक मंदिर का आधार छोटा और अज्ञात था।

लेकिन बाद में अगले धर्ममार्थारू वेंकटसुबा जोइस ने ज्योतिष्य, वास्तु शिल्प और हिंदू पौराणिक सिद्धांतों के साथ मंदिर की मरम्मत करवाई और पुनर्जीवित किया। 1973 में "अक्षय तृतीया" के शुभ दिन पर देवी अदितशक्ति का प्रतिस्थापण और देवी अन्नपुर्णेश्वरी के 'पनप्रथिस्टपाना' किया गया।

इम्फाल की सैर के दौरान इन स्थानों का जरूर करें भ्रमणइम्फाल की सैर के दौरान इन स्थानों का जरूर करें भ्रमण

पौराणिक किवदंतियां

पौराणिक किवदंतियां

PC- Kgpramod2

इस प्राचीन मंदिर को श्री अध्यात्मथमा अन्नपूर्णेश्वरी या श्री क्षेत्र होरानुडू मंदिर के नाम से जाना जाता है। इतिहास से जुड़े साक्ष्य बताते हैं कि 8 वीं शताब्दी में महर्षि अगस्त्य ने यहां देवी श्री अन्नपुर्णेश्वरी की प्रतिमा की स्थापना की थी। इस मंदिर से कई पौराणिक किवदंतियां भी जुड़ी हुई हैं। किवदंती के अनुसार एक बार भगवान शिव और माता पार्वती के मध्य बहस छिड़ गई थी, भगवान शिव ने भोजन सहित दुनिया में सभी चीजों को माया या भ्रम घोषित कर दिया था।

भोजन माया नहीं है इसे साबित करने के लिए देवी पार्वती गायब हो गईं और देखते-देखते पूरी दुनिया स्थित हो गई, पेड़-पत्ते जीव सब निर्जीव हो गए, मौसम भी अपनी जगह रूक गया। ऐसा होने पर दुनिया सूखे की ग्रस्त में चली गई। तब दयालु देवी पार्वती ने सभी को भोजन दिया और सब को फिर से ठिक कर दिया। तब से देवी को अन्नापूर्णा कहा जाने लगा।

इससे अलग इस मंदिर से एक और किवदंती जुड़ी है माना जाता है कि एक बार भगवान शिव ने भगवान ब्रह्मा का सिर काट दिया था और जिसके बाद ब्रह्मा की खोपड़ी भोलेनाथ के हाथ में फंस गई थी। उन्हें श्राप दिया गया था कि जब तक यह खोपड़ी अनाज या भोजन से नहीं भरेगी तब तक यह हाथ में ही फंसी रहेगी।

भगवान शिव भोजन मांगने के लिए हर जगह गए लेकिन खोपड़ी पूर्ण नहीं हुई। अंततः भगवान शिव इस मंदिर में आए और मां अनापूर्णा ने खोपड़ी भोजन से भर दी। इस तरह भगवान शिव को दिया गया श्राप टूटा।

वास्तुकला

वास्तुकला

PC- Wind4wings

धार्मिक और पौराणिक मान्यता से अलग मंदिर की वास्तुकला देखने लायक है। मुख्य मंदिर परिसर तक पहुंचने के लिए उपासकों को सीढ़ियों का सहारा लेना पड़ता है। मंदिर के गोपुरम में हिंदू देवताओं की कई मूर्तियों को सजाया गया है। मंडपम मुख्य मंदिर प्रवेश द्वार के बाईं ओर स्थित है। मंदिर की छतों पर आप सुंदर नक्काशी देख सकते हैं।

दीवारों पर उकेरी गई बारीक नक्काशी और मूर्तियां देखने लायक है। मंदिर की संरचना और खूबसूरती यहां आने वाले श्रद्धालुओं के साथ-साथ सैलानियों को भी बहुत हद तक आश्चर्यचकित करती है।

महबूब का नगर है तेलंगाना का यह शहर, जानिए क्या है खासियतेंमहबूब का नगर है तेलंगाना का यह शहर, जानिए क्या है खासियतें

कैसे करें प्रवेश

कैसे करें प्रवेश

PC- Wind4wings

होरनाडु कर्नाटक राज्य का एक प्रसिद्ध शहर है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से होरनाडु तक कोई नियमित उड़ान नहीं है। यहां का निकटतम हवाई अड्डा मंगलौर एयरपोर्ट है। होरानुडू में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है। यहां का निकटतम विकल्प बंटवाल रेलवे स्टेशन है।

इसके अलावा आप यहां सड़क माध्यम से भी आ सकते हैं। आप आसानी से दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों से होरानाडू के लिए नियमित बस ले सकते हैं।

मुगल गार्डन के साथ सेबों के बाग देखने हैं ये जरूर आएं परवाणुमुगल गार्डन के साथ सेबों के बाग देखने हैं ये जरूर आएं परवाणु

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X