जब भी मै कभी टीवी पर संसदीय कारवाही को देखती थी..तो मन करता था कि,इसे कभी सामने से देखूं सब कैसा होता होगा ।हालांकि टीवी पर देख सकती थी..लेकिन खुद वहां होकर देखना एक लग बात है।
दिल्ली कई बार गयी थी..घूम भी चुकी थी..लेकिन मन में ललक थी संसदीय कार्यवाही देखने की। मॉस कॉम की छात्र होने के कारण मुझे एक दिन यह मौका मिल गया। यकीन मानिये जिस दिन मुझे कॉलेज से संसद जाने का मौका मिला मै ख़ुशी से पागल हो चुकी थी।
संसद की कारवाही देखन कोई आसान काम नहीं होता..उसके पहले आपको सरकार एक अनुमति लेनी होती है..जिसके अप्रूव होने के बाद ही आप संसदीय कारवाही पब्लिक गैलरी से देख सकते हैं। संसद की कार्यवाही को देखने
के लिए पहले आपको अनुमति की जरूरत होती है।
साथ ही एक भारतीय नागरिक होने के कारण आप इस कार्यवाही को पब्लिक गैलरी से आराम से देख सकते हैं। इस कार्यवाही को देखने वाले की उम्र दस वर्ष के ऊपर होना जरुरी है।
संसद भवन
नई दिल्ली में स्थित देश की सर्वोच्च विधि निर्माण संस्था संसद भवन एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। 88 साल पुरानी संसद की इमारत, जहां वास्तुशिल्प का बेजोड़ नमूना है, वहीं यह मात्र 83 लाख रुपये में, 6 वर्ष से थोड़ा कम समय में बनी थी।
संसद भवन
इसकी नींव 12 फरवरी 1921 को ड्यूक ऑफ कनाट ने रखी थी। इन्हीं के नाम पर आज दिल्ली का कनाट प्लेस है।
संसद भवन
शाही अन्दाज में बनी इस इमारत में 144 खम्भों वाला एक बरामदा है। इसका डिजाइन दो अंग्रेजी वास्तुकार सर् एडविन लुटयेन्स और सर् हर्बर्ट बेकर ने बनाया था और यह 1927 में बन कर तैयार हुआ।
संसद भवन
अपने अद्भुत खंभों और गोलाकार बरामदों के कारण ही यह पुर्तगाली स्थापत्यकला का अद्भुत नमूना भी कहलाता है। इस भवन का विधिवत उद्घाटन 18 जनवरी 1927 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था।
संसद भवन
यह 9.8 एकड़ में लगभग 35 हजार वर्गमीटर में बना है जो 1970-75 के बीच बना। इसके बीच का भाग 6 मंजिला है, जबकि आगे-पीछे का भाग तीन मंजिला है। नीचे जलाशय है, जिसके ऊपर झूलती सीढ़ियां अलग ही छटा बिखेरती हैं। प्रांगण के बीच में अष्टकोणीय जलाशय है, जबकि ऊपर पच्चीकारी युक्त जाली लगी है।
संसद भवन
आपको जानकार हैरानी होगी कि, संसद भवन की पूरी डिजाइन, मध्य प्रदेश के मुरैना जिले स्थित मितालवी में बने 9वीं शताब्दी के 'इकोत्तरसो' या 'इंकतेश्वर महादेव मंदिर' जिसे अब 'चौंसठयोगिनी मंदिर' से प्रेरित है।
संसद भवन
संसदीय कार्यवाही को देखना हर भारतीय का अधिकार होता है।हालांकि संसद में जाने से पहले आपको सभी औपचारिकतायों को पूरा करना जरूरी है।
संसद भवन
संसदीय कार्यवाही देखने के लिए पहले आपको एक अनुमति लेनी होगी, अगर इजाजत मिल जाती है तो आप पब्लिक गैलरी से संसदीय कार्यवाही को देख सकते हैं।
संसद भवन
स्कूली बच्चे भी कभी भी आकर इस कार्यवाही को पब्लिक गैलरी के जरिये देख सकते हैं।