शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी और तकनीक और गैजेट के बीच हमारी जिंदगी फंसकर रह गई है। तकनीक और गैजेट के आदि हो चुके हम सभी प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं। इसके लिए जरूरी है कि, हमे अपनी भागमभाग जिन्दगी से कुछ पल निकाल कर प्रकृति के बीच जाकर शांति के बीच छुट्टियों को एन्जॉय करना चाहिए।
भारत में हीचहाइकिंग करने की बेहतरीन की जगहें
अगर आप भी अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी से परेशान हो चुके हैं तो आज हम आपको बता रहे हैं कि ऐसे में आपको क्या करना चाहिए। खुद को तरोताज़ा करने के लिए आप इन जगहों पर अपने परिवार के साथ ट्रैकिंग पर जा सकते हैं। अपने फोन और टैबलेट को बंद कर भारत की इन 7 जगहों पर प्रकृति की गोद में ट्रैकिंग का मज़ा ले सकते हैं। इस ट्रैक में आपको लगभग 70 किमी का ट्रैक करना पड़ेगा।
हर की दून घाटी ट्रैक
पश्चिमी हिमालय की गोद में प्राकृतिक सौंदर्य, पशु-पक्षी जैसे काले भालू और बारहसिंगा को उत्तराखंड की हर की दून घाटी में देख सकते हैं।स घाटी तक का ट्रैक नौसिखियों के लिए भी बढिया है। इस घाटी के जंगलों में आप गोविंद राष्ट्रीय उद्यान भी देख सकते हैं। इसे पार कर हर ही दून चोटि पर पहुंचकर आपको पूरी घाटी का मनोरम नज़ारा दिखाई देगा। चूंकि ये 7 दिन का लंबा ट्रैक होगा इसलिए इसके लिए लंबी छुट्टियां लेकर आएं।PC: Metanish
चेंब्रा ट्रैक
वायानाड की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंख्ला है चेंब्रा। केरल में ट्रैकिंग के लिए ये जगह बहुत मशहूर है। इस एक दिन की ट्रैकिंग में आपको कैंप लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दक्षिण भारत का ये ट्रैक काफी रोमांचक है। हरियाली, छोटी झीलों से भरे इस ट्रैक में आपको बहुत मज़ा आएगा।
पर्वत के शिखर पर आपको वायानाड शहर का खूबसूरत दृश्य दिखाई देगा। चेंब्रा शिखर पर ट्रैकिंग करने का सबसे बेहतर समय है मॉनसून से पहले यानि जून की शुरुआत में और अक्टूबर के महीने में।
PC: Sarath Kuchi
स्वामीमलाई ट्रैक
तमिलनाडु का खूबसूरत हिल स्टेशन येलागिरी में स्वामीमलाई पर्वत स्थित हैं। तलहटी से पर्वत के शिखर तक 3 घंटे का ये काफी आसान ट्रैक है। पर्वत के शिखर पर भगवान शिव का छोटा-सा मंदिर स्थापित है। पहाड़ी पर कोई दुकान नहीं है इसलिए अपने साथ स्नैक्स और पानी लेकर चलें।
सुंदर घार के मैदान से भरे इस रास्ते में आपको अपने परिवार के साथ प्रकृति के बेहद खूबसूरत नज़ारे देखने को मिलेंगें।PC:solarisgirl
बेदनी बुग्याल ट्रैक
उत्तराखंड में 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित अल्पाइन के घास के मैदान में है बेदली बुग्याल ट्रैक। बेदनी बुग्याल के घास के मैदान और पहाड़ियों के बीच ट्रैकिंग करना आपके मन और आत्मा को शांति से भर देगा।
इस ट्रैक का रास्ता काफी आसान है इसलिए यहां आप अपने परिवार के साथ आ सकते हें। बेदनी बुग्याल पर ट्रैक का सबसे सही समय जून से अक्टूबर तक का है। इसे पूरा करने में 6 से 7 दिन का लंबा समय लगता है।PC:Abhijeet Rane
अंथारगंगे ट्रैक
रात के समय रोमांच से भरपूर ट्रैकिंग के लिए कर्नाटक का अंथारगंगे ट्रैक सबसे बेहतर माना जाता है। शाथस्श्रुंगा पर्वत श्रृंख्लाओं में स्थित अंथारगंगे अनके गुफओं का समूह है।
ज्वालामुखी की चट्टानों से बनी इन गुफाओं में जंगलों से घिरे क्षेत्र में ट्रैकिंग का मज़ा काफी अद्भुत होगा। ये ट्रैक काफी छोटा है और इसे आप केवल एक रात में पूरा कर सकते हैं। तो अगर आप कम समय में कोई ट्रैक पूरा करना चाहते हैं तो आपके लिए ये जगह बेहतर है।
PC: solarisgirl
ह्म्ता पास ट्रेक
खूबसूरत राज्य हिमाचल प्रदेश में बसा ह्म्ता पास ट्रेक प्राकृतिक सौंदर्य से भरा है। ट्रैकिंग के दौरान घास के मैदान से ग्लेशियर की घाटियों तक का सफर बेहद रोमांचक लगता है। इस 4 दिन की ट्रैकिंग में आप एक दिन और लगकार शानदार चंद्रताल झील देख सकते हैं। ये ट्रैक काफी आसान है और परिवार के साथ जाने के लिए परफैक्ट है। इस ट्रैक पर मई से जून और अगस्त से अक्टूबर के बीच जाना बेहतर रहता है। इस दौरान यहां गर्मी का मौसम और मॉनसून की शुरुआत होने वाली होती है।PC:solarisgirl
शाम घाटी ट्रैक
एप्रिकोट के फूलों की खुशबू से महकने के कारण इसे एप्रिकोट घाटी भी कहा जाता है। लेह का शाम घाटी ट्रैक सबसे आसान और फैमिली फ्रेंडली ट्रैक है। इसे पार करते दौरान आपको लद्दाख के कई छोटे गांव और लेह-लद्दाख के खूबसूरत नज़ारों का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा।
छोटी धाराएं, पर्वत श्रृंख्ला और हरे-भरे वातावरण के बीच इस ट्रैक की शुरुआत लिकिर से होती है। शाम घाटी पर ट्रैकिंग का सबसे बेहतर समय जुलाई से अक्टूबर के मध्य तक का होता है। इस दौरान लद्दाख का मौसम बेहद सुहावना होता है।PC: caffeineAM