क्या आप जानते हैं कि, हरियाणा में स्थित करनाल महाभारत के मुख्य पात्र कर्ण का जन्मस्थान है। खैर आपकी जनरल नोलेज तो तेज हो गयी लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह खूबसूरत शहर अपने पर्यटन स्मारकों और आकर्षण के लिए प्रसिद्ध हैं।
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ऐसा माना जाता है कि यह शहर महाभारत के प्राचीन काल के दौरान महाकाव्य कहानी में एक पौराणिक नायक राजा कर्ण द्वारा स्थापित किया गया था। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 1 पर स्थित है और दिल्ली से तीन घंटे की दूरी पर है।
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करनाल हरियाणा के महत्वपूर्ण शहरों में से एक हैं...अगर बात पर्यटन की जाये तो पर्यटक यहां पर अनेक पर्यटक स्थलों की यात्रा कर सकते हैं।इनमें कलन्दर शाह गुम्बद, छावनी चर्च और सीता माई मन्दिर आदि प्रमुख हैं। यह सभी बहुत खूबसूरत हैं और पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। आइये इस लेख के जरिये जानें कि अपनी करनाल यात्रा पर ऐसा क्या है जिसे आपको अवश्य देखना चाहिए।
कर्ण झील
कर्ण झील का नाम महान योद्धा और महाभारत में दाता के नाम से प्रसिद्ध कर्ण पर रखा गया, यह करनाल के मुख्य शहर से सिर्फ 13-15 मिनट की दूरी पर है। संयोग से, शहर खुद भी कर्ण के नाम पर है।
शास्त्रों के अनुसार प्रसिद्ध योद्धा कर्ण उन दिनों इसी झील में नहाते थे, जिसे आज कर्ण ताल या तालाब कहा जाता है। इतना ही नहीं इसी झील में कर्ण ने नहाने के बाद अपना प्रसिद्ध सुरक्षात्मक कवच भगवान इंद्र को दान कर दिया था, जो
अर्जुन के पिता थे और अर्जुन शक्ति के मामले में उनका प्रतिद्वंद्वी एवं कट्टर दुश्मन था। कर्ण झील एक पर्यटक स्थल है और सिर्फ करनाल जिले में ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा में प्रसिद्ध।
बाबर की मस्जिद
बाबर, भारत के पहले मुगल सम्राट ने कई सारी मस्जिदें बनवायी थीं करनाल स्थित इस मस्जिद में मुगल शैली की कुशल वास्तुकला एवं स्थानीय प्रभाव साफ झलकता है। एक विशाल क्षेत्र पर स्थित बड़ी मस्जिद, साथ ही एक बगीचा था, लेकिन यह समय के साथ गायब हो गया है। यहां एक गहरा कुआं भी है, जिसमें ठंडा और मीठा पानी उपलब्ध रहता है। मस्जिद में एक पत्थर है, जिस पर फारसी भाषा में लिखा है कि इसे एक वास्तुकार मीर बाकी ने बनवाया था।
मस्जिद करनाल के शहर के दिल में स्थित है।
करनाल छावनी चर्च टॉवर
करनाल छावनी चर्च टॉवर क्षेत्र में सिख की बढ़ती सैन्य शक्ति की चुनौती का सामना करने के लिए वर्ष 1805 में ब्रिटिश सरकार द्वारा निर्मित छावनी में सेंट जेम्स चर्च का एक हिस्सा था। जब इलाके मे मलेरिया की महामारी फैली तब ब्रिटिश सरकार ने छावनी छोड़ दी और 1843 ई. में इसे अंबाला स्थानांतरित कर दिया। 35 मीटर ऊंचा विशाल टॉवर इनफैंट्री परेड ग्राउंड और रेस कोर्स के बीच में स्थित है। ऊपर अच्छी सजावट वाला टॉवर ब्रिटिश वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और आसपास की सात मील की दूरी से दिखता है। यह चार मंजिला है।
करनाल किला
पुराने किले के रूप में भी जाना जाने वाला करनाल फोर्ट, का एक रंग-बिरंगा इतिहास रहा है। इसे जींद के शासक गजपत राय द्वारा 1764 ई. के आसपास बनवाया गया था. इसके बाद इस पर मराठों, जॉर्ज थॉमस और फिर लाड़वा के शासक द्वारा कब्जा कर लिया गया था।
बास्थली
पुराणों के अनुसार यह वही स्थान है जहां ऋषि वेद व्यास ने महाभारत की रचना की थी। यह करनाल से 27 कि॰मी॰ दूर है। यह भी कहा जाता है। बास्थली के नीचे गंगा बहती है।
कैसे जाएं करनाल
हवाईजहाज द्वारा : निकटतम हवाई अड्डा दिल्ली हवाई अड्डा है। करनाल दिल्ली से लगभग 125 किलोमीटर दूर है, और आप बस या ट्रेन से शहर जा सकते हैं।
रेल द्वारा : करनाल रेल सेवा द्वारा भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और दिल्ली, शिमला, अंबाला और अन्य शहरों से ट्रेन की सेवा है।
सड़क मार्ग द्वारा : करनाल रणनीतिक रूप से जीटी रोड पर स्थित है, जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग - 1 के रूप में भी जाना जाता है। यह दिल्ली और चंडीगढ़ के बीच केन्द्र में स्थित है। चंडीगढ़ आईएसबीटी और दिल्ली आईएसबीटी दोनों से
ही सार्वजनिक और निजी परिवहन की बसें उपलब्ध हैं।