कन्नौज भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक ऐतिहासिक शहर है। गंगा नदी के किनारे बसा यह शहर प्राचीन हथियारों और अन्य शिल्पकृतियों का एक समृद्ध संग्रह माना जाता है। यह नगर कई शासकों की राजधानी रह चुका है। यहां कई राजवंश जैसे कन्नौज-मोखारी वंश, नंद साम्राज्य, राष्ट्रकूट, पाल राजवंश, प्रतिहार राजवंश, चौहान, सोलंकी आदि का शासन रहा है। इसके अलावा यह नगर विदेशी यात्रियों का भी केंद्र बिन्दु रहा है। फा हिएन और ह्यूएन त्सांग नाम के दो विदेशी यात्रि कन्नौज का दौरा कर चुके हैं।
इन सब के अलावा यह नगर पौराणिक व पुरातात्विक महत्व भी रखता है। भारतीय महाकाव्यों-रामायण और महाभारत में कन्नौज का उल्लेख मिलता है। कन्नौज संस्कृत के कान्यकुब्ज शब्द से बना है। आइए जानते पर्यटन के लिहाज से यह शहर आपके लिए कितना मायने रखता है।
भारत की इत्र नगरी
उत्तर प्रदेश राज्य का कन्नौज शहर अपने इत्र उत्पादन के लिए जाना जाता है। यहां कई वर्षों से इत्र का उत्पादन और व्यापार किया जा रहा है। कन्नौज इत्र मध्य पूर्व देशों में भी काफी प्रसिद्ध था। ये देश कन्नोज के साथ व्यापार किया करता था। कहा जाता है कि कन्नौज से इत्र मुगल सम्राटों को भी पहुंचाई जाती थी।
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प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल
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घूमने लायक जगहें, पुरातत्व संग्रहालय
कन्नौज की इत्र गलियों के भ्रमण के बाद आप यहां के चुनिंदा खास स्थलों की सैर का आनंद ले सकते हैं। आप यहां कन्नौज का पुरातत्व संग्रहालय देख सकते हैं। जहां कन्नौज के इतिहास को संजोकर रखा गया है। अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध यह शहर पुरातात्विक खजानों से भरा हुआ है, जिसकी खूबसूरत झलकी आप इस संग्रहालय के माध्यम से देख सकते हैं।
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लाख बहोसी पक्षी अभयारण्य
लाख बहोसी अभयारण्य एक पक्षी अभयारण्य है, जो लाख और बहोसी गांवों के निकट दो झीलों को अपने में समाए लगभग 80 वर्ग किमी में फैला है। यह भारत के चुनिंदा पक्षी अभयारण्यों में गिना जाता है।
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