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भारत में खुल चुका है पहला कैनोपी नेचर वाक्, अब 30 फीट की ऊंचाई से निहारे प्रकृति को

भारत में भी अपना पहला नेचर वाक् स्थापित हो चुका है, जोकि कर्नाटक के एक छोटे से गांव कुवेशी में है। यह आधिकारिक तौर से पर्यटकों के लिए 18 फरवरी 2018 को खोल दिया गया है।

दक्षिण भारत मे स्थित कर्नाटक में पर्यटकों को घूमने के लिए काफी कुछ है, लेकिन अब इसमें एक नाम और जुड़ गया है जो है नेचर वाक कैनोपी। जहां पर्यटक जमीन से 30 फीट की ऊंचाई से कर्नाटक की असीम खूबसूरती को निहार सकेंगे और अपने कैमरे में भी इन खूबसूरत नजारों को कैद कर सकेंगे। बता दें, यह भारत का पहला नेचर वाक् कैनोपी है, जिसका निर्माण कर्नाटक सरकार द्वारा किया गया है।

जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं, आख़िरकार भारत में भी अपना पहला नेचर वाक् स्थापित हो चुका है, जोकि कर्नाटक के एक छोटे से गांव कुवेशी में है। यह आधिकारिक तौर से पर्यटकों के लिए 18 फरवरी 2018 को खोल दिया गया है।

आपने अभी तक जंगलों के बीच खूब ट्रैकिंग की होगी, और प्रकृति और वन्यजीवों को भी देखा होगा, लेकिन जो अनुभव आपको इस कैनोपी पर चलकर होने वाला है, वो अनुभव अतुलनीय है। बता दें, यह कैनोपी वाकवे 30 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जहां से जंगल, वन्य जीव, और पश्चिमी घाट को निहार जा सकेगा।

कहां स्थित है भारत का पहला नेचर कैनोपी?

कहां स्थित है भारत का पहला नेचर कैनोपी?

कर्नाटक में पश्चिमी घाट के केंद्र कुवेशी क्षेत्र में इस नेचर वाकवे का निर्माण किया गया है। कुवेशी उत्तरी कन्नडा में एक छोटा सा गांव है।

आखिर क्या है नेचर वाक कैनोपी?

आखिर क्या है नेचर वाक कैनोपी?

कर्नाटक सरकार द्वारा विकसित यह भारत का पहला कैनोपी वाक है। इस कैनोपी वाक् करीबन 240 मीटर लंबा और जमीन से 30 फीट ऊँचा है।

पश्चिमी घाटों की खूबसूरत जगहेंपश्चिमी घाटों की खूबसूरत जगहें

एक साथ कितने लोग चल सकते हैं?

एक साथ कितने लोग चल सकते हैं?

इस नेचर कैनोपी वाक वे पर एक साथ करीबन 10 लोग चल सकते हैं, और पश्चिम घाट की सुन्दरता के साथ साथ वन्यजीवों को भी निहार सकते हैं।

विभिन्न प्रजातियों का घर

विभिन्न प्रजातियों का घर

यह क्षेत्र मालाबार गिलहरी, शेर-पूंछ मकाक, हॉर्नबिल, ओरिएंटल किंगफिशर, सफेद बेलिड ट्रीपी, के लिए कई कठफोड़वा और तितलियों का घर है, जिन्हें इस वाकवे पर चलते हुए देख सकते है।
Pc:N. A. Naseer

ग्रेट मालाबार गिलहरी: यस सम टाईम साइज़ डज मैटरग्रेट मालाबार गिलहरी: यस सम टाईम साइज़ डज मैटर


कई साल पुराने पेड़ों का घर

कई साल पुराने पेड़ों का घर

यह कई पेड़ की प्रजातियों का घर है, जिनमे से कुछ तो 100 साल पुराने पेड़ भी शामिल हैं, जैसे मालाबार इमली, दालचीनी, बांस, बूनी, नीलगिरी, लंटाण, रजत ओक, सागौन और जाम्बा आदि हैं।

कैसे पहुंचे

कैसे पहुंचे

हवाईजहाज द्वारा
कुवेशी का निकटतम हवाई अड्डे बेलगाग स्थित बेलागवी हवाई अड्डा है। नई दिल्ली से दैनिक उड़ान के लिए आपको 5,000 रुपये खर्च करने होंगे। हवाई अड्डा से कुवेशी की दूरी 105 किमी है, जसी तीन घंटे में कैब या बस द्वारा पूरा किया जा सकता है।

ट्रेन द्वारा
गोवा एक्सप्रेस नई दिल्ली से एकमात्र सीधी रेलगाड़ी है जो आपको कास्टलरॉक तक पहुंचा सकती सकता है, जो कैनोपी वाक का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। 36 घंटे की ट्रेन यात्रा यात्रा के बाद, रेलवे स्टेशन से कुवेशी के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं।

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