भारत में भारत-सर्सेनिक वास्तुकला की शुरुआत वस्तुतः अंग्रेज़ी वास्तुकारों द्वारा 19 वीं सदी में की गयी थी। यह शैली मुख्यतः हिन्दू-मुग़ल और भारतीय वास्तुकला से प्रेरित है जिसमें विक्टोरिया ब्रिटेन के गोथिक कला और नियो क्लासिकल का मिश्रण है। इसमें सर्सेनिक शब्द का इस्तेमाल पुराने रोमानियों द्वारा मरुस्थल में रहने वाले लोगों के लिए उपयोग किया जाता था या जो अरब के रोमन प्रान्त की लोग थे।
भारत में सबसे पहला भारत-सर्सेनिक वास्तुकला का नमूना मद्रास के चेन्नई में चेपौक महल था जो चेपौक के पास ही स्थापित है। चेन्नई में इस वास्तुकला के और भी कई उदहारण आपको देखने को मिलेंगे, जिनमें मद्रास का विक्टोरिया पब्लिक हॉल, मद्रास हाई कोर्ट, चेन्नई सेंट्रल स्टेशन, मद्रास यूनिवर्सिटी का सीनेट हाउस, आदि शामिल हैं।
इसी तरह भारत के अन्य राज्यों में भी भारत-सर्सेनिक वास्तुकला के अन्य नमूने स्थापित हैं। इनमें से कुछ अब भारत के आर्कियोलॉजिकल सर्वे द्वारा देश की ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल हो गए हैं। चलिए ऐसे ही कुछ शानदार भारत-सर्सेनिक वास्तुकला के नमूनों की सैर पर चलते हैं और उस समय की वास्तुकला को और नज़दीक से सराहते हैं।
मद्रास हाई कोर्ट
मद्रास हाई कोर्ट, भारत-सर्सेनिक वास्तुकला के प्रमुख रचनाओं में से एक है जिसका डिज़ाइन जे डब्ल्यू ब्रॉसिंगटन द्वारा बनाया गया था। यह भारत के तीन मुख्य उच्च न्यायालयों में से एक है।
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मुम्बई का छत्रपति शिवाजी टर्मिनस
भारत-सर्सेनिक वास्तुकलाकी रचनाओं में से एक छत्रपति शिवाजी टर्मिनस को पहले विक्टोरिया टर्मिनस भी कहा जाता था जिसे अब मुम्बई का वी.टी या सी.एस.टी स्टेशन भी कहते हैं। इसका डिजाईन फ्रेडरिक विलियम स्टीवन्स द्वारा तैयार किया गया था।
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दिल्ली का सचिवालय इमारत
भारत-सर्सेनिक वास्तुकला की रचनाओं में से एक दिल्ली का सचिवालय इमारत राजपथ के सामने स्थित दो इमारतों का समूह है। सचिवालय ईमारत का डिजाईन ब्रिटिश वास्तुकार हर्बट बेकर ने तैयार किया था।
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जयपुर का रामबाग़ महल
भारत-सर्सेनिक वास्तुकलाकी रचनाओं में से एक रामबाग़ महल जयपुर में स्थित एक महल है जो पहले जयपुर के महाराजा का घर हुआ करता था, लेकिन अब यह एक होटल है।सबसे पहले इसे गार्डन हाउस के रूप में बनवाया गया था जो कि राजकुमार राम सिंह 2 के लिए बनाया गया था। बाद में 20 वीं शताब्दी में सैम्युल स्वींटन जैक़ब ने इसमें कुछ डिज़ाइनों को जोड़ कर इसका विस्तार किया।
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गेटवे ऑफ़ इंडिया, मुम्बई
भारत-सर्सेनिक वास्तुकलाकी रचनाओं में से एक मुम्बई का गेटवे ऑफ़ इंडिया भारत का एक ऐतिहासिक स्मारक है जो मुम्बई में होटल ताज महल के ठीक सामने स्थित है। यह स्मारक साउथ मुंबई के अपोलो बन्दर क्षेत्र में अरब सागर के बंदरगाह पर स्थित है। यह एक बड़ा सा द्वार है। इसका डिज़ाइन जॉजॅ विंटैट द्वारा तैयार किया गया जो सन 1924 में बनकर तैयार हुआ।
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मुम्बई का ताज होटल
भारत-सर्सेनिक वास्तुकलाकी रचनाओं में से एक ताज होटल मुम्बई के कोलाबा नमक जगह पर स्थित एक पांच सितारा होटल है, जो गेटवे ऑफ़ इंडिया के पास ही है। यह इमारत लगभग 105 साल पुरानी इमारत है जिसका निर्माण टाटा द्वारा करवाया गया था। इसके मुख्य वास्तुकार सीताराम खंडेराव वैद्य एवं डी. एन. मिर्ज़ा थे तथा यह प्रोजेक्ट एक इंग्लिश इंजीनियर डब्ल्यू. ए. चैम्बर्स द्वारा पूरा किया गया था।
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मैसूर पैलेस
भारत-सर्सेनिक वास्तुकला की प्रमुख रचनाओं में से एक मैसूर पैलेस दविड़, पूर्वी और रोमन स्थापत्य कला का अद्भुत संगम है। नफासत से घिसे सलेटी पत्थरों से बना यह महल गुलाबी रंग के पत्थरों के गुंबदों से सजा है। यहां 19वीं और आरंभिक 20वीं सदी की गुड़ियों का संग्रह है। इसमें 84 किलो सोने से सजा लकड़ी का हौद भी है जिसे हाथियों पर राजा के बैठने के लिए लगाया जाता था।
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चेन्नई की नेशनल आर्ट गैलरी
भारत-सर्सेनिक वास्तुकला की रचनाओं में से एक चेन्नई की नेशनल आर्ट गैलरी चेन्नई के एग्मोर स्थल में स्थित लाल पत्थर से बनी हुई अद्भुत इमारत है। इसका डिजाईन हेनरी इर्विन द्वारा तैयार किया गया था।
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चेन्नई का विक्टोरिया पब्लिक हॉल
भारत-सर्सेनिक वास्तुकलाकी रचनाओं में से एक चेन्नई के विक्टोरिया पब्लिक हॉल का शिलान्यास सन् 1883 में किया गया। इसका डिज़ाइन वास्तुकार रॉबर्ट फेल्लोस चिशोम द्वारा तैयार किया गया।
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मद्रास यूनिवर्सिटी का सीनेट हाउस
भारत-सर्सेनिक वास्तुकला की रचनाओं में से एक मद्रास यूनिवर्सिटी का सीनेट हाउस एक प्रशासनिक केंद्र है। इस रचना का डिजाईन वास्तुकार रॉबर्ट चिशलोम द्वारा तैयार किया गया था।
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कोलकाता का विक्टोरिया मेमोरियल
भारत-सर्सेनिक वास्तुकला की रचनाओं में से एक कोलकाता का विक्टोरिया मेमोरियल रानी विक्टोरिया को समर्पित एक स्मारक है। इसकी नींव सन् 1906 में वेल्स के राजकुमार द्वारा रखी गयी थी। इस स्मारक में शिल्पकला का सुंदर मिश्रण है।
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चेन्नई कारपोरेशन का रिपन बिल्डिंग
भारत-सर्सेनिक वास्तुकला की रचनाओं में से एक चेन्नई कारपोरेशन के रिपन बिल्डिंग का डिज़ाइन जी. एस. टी. हैर्रिस द्वारा तैयार किया गया था।
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मुम्बई जी.पी.ओ (जनरल पोस्ट ऑफिस)
भारत-सर्सेनिक वास्तुकला की रचनाओं में से एक मुम्बई जी.पी.ओ (जनरल पोस्ट ऑफिस) मुम्बई का केंद्रीय पोस्ट ऑफिस है। विक्टोरिया टर्मिनस के पास ही स्थित इस पोस्ट ऑफिस का डिज़ाइन वास्तुकार जॉन बेग्ग द्वारा तैयार किया गया था।
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खालसा कॉलेज अमृतसर
भारत-सर्सेनिक वास्तुकला की रचनाओं में से एक खालसा कॉलेज अमृतसर की स्थापना सन 1892 में की गयी थी। इस कॉलेज का डिज़ाइन भाई राम सिंह द्वारा तैयार किया गया था।
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इंदौर का डाली कॉलेज
भारत-सर्सेनिक वास्तुकला की रचनाओं में से एक इंदौर के डाली कॉलेज की स्थापना ब्रिटिश इंडियन आर्मी के सर हेनरी डाली द्वारा की गयी थी। इसका डिज़ाइन सैमुएल स्वीन्टन जैकब द्वारा तैयार किया गया था।
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