लाल किले के सामने विपरीत ही, दिल्ली में स्थापित भारत के प्रमुख प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक दुनिया का संभवतः सबसे अधिक भव्य मस्जिद, जामा मस्जिद। जामा मस्जिद भारत ही नहीं विश्व की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। इसे मस्जिद- ए- जहानुमा भी कहते हैं, जिसका अर्थ है, विश्व पर विजय दृष्टिकोण वाली मस्जिद।
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जीवन का एक संपूर्ण मार्ग इस पुराने ऐतिहासिक स्मारक की छाया में, इसकी सीढियों पर, इसकी संकरी गलियों में भारत के लघु ब्रह्माण्ड का एक सारतत्व मिलता है, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की कहानी कहता है।
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मस्जिद का फर्श सफ़ेद एवं काले संगमरमर से आवृत है, जो एक अलंकृत मुस्लिम प्रार्थना चटाई की तरह दिखाई देता है। एक सुंदर झऱोखानुमा दीवार इसे मुख्य सड़क से अलग करती है। चलिए आज भारत के इसी भव्यता के बारे में कुछ दिलचस्प बातों को जानते हैं, जो शायद ही आपको पता होंगे।
सबसे बड़ा मस्जिद
जामा मस्जिद को भारत के सबसे बड़े व भव्य मस्जिद के रूप में जाना जाता है।
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शाहजहाँ की आखिरी निशानी
जामा मस्जिद, मुगल शासक शाहजहाँ द्वारा बनवाई गई आखिरी ईमारत थी। इसके बाद उन्होंने किसी कलात्मक इमारत का निर्माण नही करवाया।
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निर्माण कार्य
इसका निर्माण कार्य लगभग 12 सालों तक चला। सन् 1644 से 1656 तक इस स्मारक का निर्माण कार्य चला।
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कारीगरों की संख्या
मस्जिद को 12 साल में 5000 कारीगरों ने मिलकर बनाया था।
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निर्माण कार्य की लागत
मस्जिद का निर्माण 10 करोड़ रूपए की लागत से कराया गया था और इसे आगरा में स्थित मोती मस्जिद की एक अनुकृति कहा जा सकता है। इसमें वास्तुकला शैली के अंदर हिन्दु और मुस्लिम दोनों ही तत्वों का समावेश है।
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मस्जिद की क्षमता
इस मस्जिद में एक साथ 25,000 लोग बैठ कर प्रार्थना कर सकते हैं। इस मस्जिद का माप 65 मीटर लम्बा और 35 मीटर चौड़ा है। इसके आंगन में 100 वर्ग मीटर का स्थान है।
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मस्जिद के नाम का अर्थ
जामा मस्जिद का मुख्यतः अर्थ है, "जुमा मस्जिद" यानि कि "शुक्रवार मस्जिद"।
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