भारत एक ऐसा देश है जहाँ देखने को बहुत सारी विविधताएं हैं, सुन्दर जगहों से लेकर खूबसूरत परिदृश्यों तक, मानवनिर्मित जटिल चमत्कारों से लेकर अन्य रचनाओं तक, ऐतिहासिक स्मारकों से लेकर मंदिरों तक, भारत में वो सारी चीजें है जिनके लिए आप उत्साहित हो सकें।
भारत में सबसे महत्वपूर्ण है यहाँ के मंदिर, जो कई सालों से यहाँ स्थापित हैं और ये हर बार पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफ़ल होते हैं। जटिल वास्तुकला से लेकर ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्द बहुत सारे ऐसे मंदिर हैं जो अपने प्राचीन चमक को बरक़रार रखे हुए प्रसिद्द हैं। ऐसे ही मंदिरों में से एक है बद्रीनाथ मंदिर जो हिन्दू धर्म के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है।
[भगवान विष्णु का अद्भुत नगर और चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव बद्रीनाथ धाम!]
बद्रीनाथ मंदिर जिसे बद्रीनारायण मंदिर भी कहा जाता है उत्तराखंड राज्य में अलकनंदा नदी के किनारे बसा हुआ है। यह ऋषिकेश से लगभग 294 की दूरी पर उत्तर दिशा में स्थित है। मंदिर अपनी वास्तुकला और पौराणिक कथाओं के साथ पूरी दुनिया में सुप्रसिद्ध है।
चलिए आज हम आपको इस मंदिर से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों के बारे में बताते हैं जिन्हें जान आप इस मंदिर के दर्शन किये बिना नहीं रह पाएंगे।
108 दिव्य देशमों में से एक
दिव्य देशम तमिल संतों द्वारा उल्लेखित सबसे महत्वपूर्ण विष्णु मंदिरों में से एक है। दिव्य देशम लगभग 108 हैं, जिनमें से 105 भारत में ही हैं। उत्तराखंड में स्थापित बद्रीनाथ मंदिर उन्हीं पवित्र मंदिरों में से एक है इसलिए इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि हर साल लोगों की करोड़ों भीड़ यहाँ जमा होती है।
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चार धाम और छोटा चार धाम
चार धाम भारत में स्थित 4 मुख्य हिन्दू तीर्थस्थलों का सामूहिक नाम है और बद्रीनाथ उन्हीं में से एक है। चार धाम के अन्य मंदिर द्वारका, पुरी और रामेश्वरम में हैं। छोटा चार धाम अन्य तीर्थस्थल है, जो हिमालय में स्थित है और बद्रीनाथ इनमें भी यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ के साथ शामिल है।
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औषधीय गुणों वाला जल स्रोत
मंदिर के नीचे ही तप्त कुंड नाम का जल स्रोत है जो हर मौसम में गर्म रहता है। भक्तगण बद्रीनाथ मंदिर में प्रवेश करने से पहले इस जल स्रोत में डुबकी लगाते हैं फिर मंदिर में दर्शन को प्रवेश करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस जल स्रोत में औषधीय गुण हैं, जिनसे भक्तों की सारी बीमारियां ठीक हो जाती हैं।
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प्राचीन शास्त्रों में उल्लेखित
बद्रीनाथ मंदिर का कई पुराने हिन्दू ग्रंथों और पुराणों में उल्लेख किया गया है, जैसे भगवत पुराण, स्कंद पुराण और महाभारत। मंदिर के आसपास स्थानों का उल्लेख पद्म पुराण में आध्यात्मिक ख़ज़ाने के रूप में किया गया है।
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मुख्य मंदिर
बद्रीनाथ मंदिर के मुख्य मंदिर में सोने के कवच से घेर कर 3.3 फ़ीट ऊँची भगवान विष्णु जी की प्रतिमा बद्रीनाथ के रूप में स्थापित है। यहाँ भगवान जी बद्री पेड़ के नीचे विराजमान हैं।
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खुलने का समय
बद्रीनाथ मंदिर की सबसे यूनिक बात यह है कि, यह मंदिर साल में सिर्फ 6 महीनों के लिए खुलता है, जो अप्रैल महीने के अंत से शुरू होता है और नवम्बर महीने के शुरुआत में बंद हो जाता है।
बाकि महीनों में मंदिर जलवायु परिस्थित के कारण जब मौसम अपने चरम सीमा पर होता है, तब पूरे महीने बंद रहता है।यहाँ ठण्ड का मौसम अपने चरम सीमा पर होता है इसलिए आप बद्रीनाथ की यात्रा के दौरान अपने गर्म कपड़े ही पहनें।
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