भारत विभिन्न संस्कृति व परंपराओं का देश है। जहां कई धर्म के लोग बड़ी ही खूबसूरती से एक साथ रहते हैं और इससे भी खूबसूरत है चाय के प्रति उनका अद्भूत स्नेह, जो आपको किसी और देश में देखने को नहीं मिलेगा। चाय की सबसे खास बात यह है कि आप देश के किसी कोने में रहे, आपको वहां चाय की खुश्बू मिल ही जाएगी। और ऐसा हो भी क्यूं ना, ये आपसी मिठास जो घोलती है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ चाय उत्पादित होने वाले गंतव्यों की, जहां आप जाकर इसके सुगंधित स्वाद और स्वाद के रहस्यों को उजागर कर सकते हैं।
जोरहाट (असम)
जोरहाट, असम के प्रमुख शहरों में से एक है। जोरहाट, यहां स्थित चाय बागानों के कारण प्रसिद्ध है। जोरहाट और उसके आसपास के इलाके में लगभग 135 चाय के बागान स्थित है। यहां का सबसे प्रसिद्ध चाय का बागान 'सिन्नामोरा चाय बागान' है। इसके साथ ही दुनिया में स्थित सबसे पुराना चाय संस्थान टोकलाई चाय अनुसंधान केंद्र है, जो जोरहाट की सुंदरता में चार-चांद लगाता है। जोरहाट को अपनी समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है। यह छोटा सा शहर खुद में संगीत और साहित्य के रूप में अहोम संस्कृति को संरक्षित रखे हुए है।
दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल)
दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल में स्थित एक हिल स्टेशन है। यहां आप बर्फ से ढके पहाड़ों को निहार सकते हैं। दार्जिलिंग एक पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है और यहां पर विशाल चाय के बागान भी है, जिसकी गुणवत्ता व लोकप्रियता पूरे विश्व भर में है।
नीलगिरी पहाड़ (तमिलनाडु)
तमिलनाडु का नीलगिरी पहाड़ भी चाय उत्पादन के लिए पूरी दुनिया में फेमस है। यहां करीब 100 से अधिक समय से चाय की खेती की जाती है, जो विश्व भर में प्रसिद्ध है। नीलगिरि के पास कुनूर में भी आप कई चाय के बागान को देखने का मजा भी ले सकते हैं। इसके अलावा तमिलनाडु के ऊटी में भी चाय के कई बागान स्थित है।
मुन्नार (केरल)
केरल के प्रसिद्ध हिल स्टेशनों में शुमार मुन्नार चाय की खेती के लिए जाना जाता है। समझ लीजिए कि इस हिल स्टेशन पर आकर चाय के बागान नहीं देखें तो कुछ नहीं देखा। यहां चाय के बागानों की नींव करीब 150 साल पहले रखी गई थी, जो आज भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। मुन्नार जब भी जाए तो आप यहां के चाय का टेस्ट जरूर लें।
पालमपुर (हिमाचल प्रदेश)
हिमाचल प्रदेश में स्थित पालमपुर चाय के बागानों के लिए जाना जाता है। यहां हर साल इस चाय के बागान के देखने के लिए लाखों सैलानी आते हैं। यहां के अधिकांश लोगों के आजीविका के लिए एकमात्र स्रोत है, चाय की खेती। इस क्षेत्र में उगने वाली चाय की किस्म को 'कांगड़ा चाय' के नाम से जाना जाता है। यहां की उत्पादित चाय दरबारी, बागेश्वरी, बहार और मल्हार जैसे कई प्रसिद्ध ब्रांडों के तहत बेची गई है। इन सभी ब्रांडों का नाम भारतीय संगीत के रागों के नाम पर रखा गया है। प्रकृति के शानदार नजारों के निहारने का जब कभी भी आपका मन हो आप यहां आ सकते हैं।