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International Yoga Day 2022: 8वें योग महोत्सव के लिए मैसूर कर रहा खास तैयारी, पीएम मोदी करेंगे अगुवाई

आज की भागम-भाग वाली जिंदगी में लिप्त हर इंसान चाहता है कि वह फिट रहे और एक अच्छा जीवन जी सकें। ऐसे में योग ही एकमात्र साधन है, जिससे इंसान अपने बिजी शेड्यूल में से थोड़ा समय निकालकर खुद शारीरिक आराम देने की कोशिश करता है। इसके लिए विश्व भर में एक खास दिन भी मनाया जाता है, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस। इस बार मैसूर योग महासंघ 8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है, जो हर साल 21 जून को मनाया जाता है। इसकी देखरेख आयुष मंत्रालय करता है। इस बार के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए 'मानवता के लिए योग' थीम रखी गई है।

इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम मैसूर शहर जमकर तैयारियां कर रहा है। ऐसे में अगर आप भी मैसूर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो हम यहां के आसपास के कुछ चुनिंदा और खास पर्यटन स्थल के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां जाकर आप एकदम मोहित हो जाएंगे।

मैसूर पैलेस

मैसूर पैलेस को दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्ध आकर्षणों में से एक गिना जाता है। यह पैलेस भारत के सबसे भव्य इमारतों में से एक है। मैसूर पैलेस को अंबा विलास पैलेस भी कहा जाता है। यह पैलेस पहले एक शाही परिवार का महल था और अब यहां उनका आधिकारिक निवास स्थान है। इसे 1912 में वोडेयार राजवंश के 24वें शासक के लिए बनाया गया था। इस पैलेस को इंडो-सरसेनिक आर्किटेक्चर से डिजाइन किया गया है। इस महल में घूमने का समय सुबह 10 बजे से लेकर शाम साढे 5 बजे तक है।

mysore

जगनमोहन पैलेस

मैसूर, भारत के शाही शहरों में गिना जाता है। यहां स्थित जगमोहन पैलेस एक शानदार इमारत है। इस उपयोग मैसूर के वोडेयार द्वारा किया गया था, जब उनके मुख्य महल मैसूर पैलेस में आग लग गई थी। जगनमोहन पैलेस के अंदर आर्ट गैलरी और ऑडिटोरियम भी स्थित है, जो 1861 में स्थापित किया गया था। ये गैलरी मैसूर के पर्यटन को और भी खास बनाती है। यहां 2000 से अधिक पेंटिंग है, जो विभिन्न शैलियों को दर्शाती है।

jagmohan palace

ललिता महल पैलेस

ललिता महल पैलेस, मैसूर का दूसरा सबसे बड़ा महल है, जो चामुंडी हिल्स के पास 1921 स्थापित किया गया था। यह महल भारत के तत्कालीन वायसराय के विशेष विश्राम स्थल के रूप में बनाया गया था, जो लंदन के सेंट पॉल कैथेड्रल जैसा दिखता था। यह 1974 में एक शाही होटल के रूप में बदल दिया गया था। वर्तमान में कर्नाटक सरकार की ओर से इसका रखरखाव किया जाता है।

lalitha palace

श्री चमराजेंद्र जूलॉजिकल गार्डन

श्री चमराजेंद्र जूलॉजिकल गार्डन को मैसूर चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत के शानदार चिड़ियाघरों में से एक है। महाराजा चामराजा वोडेयार द्वारा साल 1892 में इस चिड़ियाघर की स्थापना की गई थी। वहीं, आजादी के बाद इसे राज्य सरकार के उद्यान और उद्यान विभाग को सौंप दिया गया था। पर्यटकों के लिए एक खासा आकर्षक स्थल के रूप में भी इसे जाना जाता है। यहां आप सुबह साढे 8 बजे से लेकर साढे 5 बजे तक आ सकते हैं।

mysore zoo

बृंदावन गार्डन

बृंदावन गार्डन, मैसूर में कृष्णा राजा सागर बांध के समीप स्थित है, जो 60 एकड़ में फैला है। यहां का फाउंटेन शो, बोटिंग और रंग-बिरंगे फूलों का संगम पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसे साल 1932 में मैसूर के दीवान सर मिर्जा इस्माइल द्वारा बनवाया गया था। यहां की सुंदरता को शब्दों में बयां करना नामुमकिन सा लगता है। आप जब भी मैसूर आए, एक बार यहां फाउंटेन शो जरूर देखें।

brindavan garden

रेल संग्रहालय

रेल संग्रहालय, मैसूर के खास पर्यटक स्थलों में शुमार है, जहां सबसे अधिक पर्यटक आते हैं। इसे साल 1979 में बनाया गया था। यह रेलवे संग्रहणीय वस्तुओं का समायोजन, भारतीय रेलवे की यात्रा और विकास को दर्शाता है। यह स्थल बच्चों के बीच में काफी चर्चित स्थानों में से एक है। यहां प्रदर्शन के लिए लाइट, टिकट, टिकटिंग मशीन, घड़ियां, सिग्नल संकेत, और हाथ से संचालित भाप वाटर पंप रखे गए हैं। इसके अलावा, इस संग्रहालय में बैटरी से चलने वाली एक मिनी टॉय ट्रेन भी है जो पर्यटकों को मैदान के चारों ओर घुमाती है।

rail museum

शिवनासमुद्र जलप्रपात

शिवनासमुद्र जलप्रपात, मैसूर से 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक द्वीप हैमलेट है, जो कावेरी नदी को दो झरनों (गगनचुक्की फॉल्स और भरचुक्की फॉल्स) में अलग-अलग विभाजित करता है, जो आकर्षक दृश्य प्रदान करते हैं। यहां की एक और अनूठी विशेषता यह है कि यहां एशिया के पहले हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन की उपस्थिति है। यहां पास में ही सोमनाथपुरा मंदिर स्थित है, जो कर्नाटक की पुरानी संस्कृति और विरासत को बेहतरीन तरीके से प्रदर्शित करता है।

somnathpura temple

चामुंडी हिल्स

चामुंडी हिल्स, मैसूर से करीब 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो 1000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस पहाड़ी का उल्लेख हिंदू ग्रंथों में भी मिलता है। इस पहाड़ी पर पवित्र चामुंडेश्वरी मंदिर स्थित है, जो देवी चामुंडी को समर्पित एक धार्मिक स्थल है। यह पहाड़ी मैसूर का एक शानदार पर्यटन स्थल है, जहां हर महीने सैकड़ों पर्यटक घूमने आते हैं।

chamundeshwari temple
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