अगर आपको इतिहास के बारे में जानने में आनंद आता है तो आपको अपने जीवन में एक बार वारंगल की यात्रा जरूर करनी चाहिए। वीकेंड पर घूमने के लिए ये जगह बहुत बढिया है। हालांकि, यहां पर कुछ खूबसूरत झीलें भी हैं जिस चजह से प्रकृति प्रेमी, पिकनिक मनाने वाले और फोटोग्राफर्स भी खूब आते हैं। वारंगल को तेलंगाना का गौरव कहा जाता है। तेलंगाना में इतिहास और प्रकृति का ऐसा मेल आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेगा।
भले ही आज इस जगह को शहरी क्षेत्र में तब्दील कर दिया हो लेकिन इसका प्राकृतिक और ऐतिहासिक सौंदर्य अभी भी जीवित है। वीकेंड पर घूमने के लिए ये जगह स्थानीय पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है। विशाखापट्टनम से वरांगल के लिए इस वीकेंड पर आप यात्रा कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि इस ऐतिहासिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर वारंगल के बारे में।
वारंगल आने का सही समय
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वारंगल अर्द्ध शुष्क जलवायु वाला क्षेत्र है और इसलिए गर्मी के मौसम में यहां का तापमान बहुत गर्म रहता है। इस मौसम में यहां पर पर्यटक कम ही आते हैं। वारंगल आने का सबसे सही समय नवंबर से लेकर मार्च तक का है। इस दौरान यहां का मौसम बहुत सुहावना रहता है।
विशाखापट्टनम से वरांगल कैसे पहुंचे
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वायु मार्ग द्वारा : वरांगल में कोई एयरपोर्ट नहीं है और इसलिए आपको हैदराबाद एयरपोर्ट की फ्लाइट लेनी पड़ेगी। एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आपको वरांगल के लिए सीधी कैब या बस मिल जाएगी। हैदराबाद से वरांगल की दूरी 145 किमी है।
रेल मार्ग द्वारा : वरांगल शहर विशाखापट्टनम और अन्य शहरों से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है इसलिए आपको विशाखापट्टनम से वरांगल जंक्शन के लिए सीधी ट्रेन मिल जाएगी। इस सफर में आपको 9 घंटे का समय लगेगा।
सड़क मार्ग द्वारा : विशाखापट्टनम से वरांगल की दूरी 500 किमी है और सड़क मार्ग द्वारा आपको पहुंचने में 11 घंटे का समय लगेगा।
रूट 1 : विशाखापट्टनम - राजमुंद्री - वरांगल
रूट 2 :विशाखापट्टनम - भद्रचलम - वरांगल
पहला रूट छोटा है इसलिए आपको पहला रूट लेना चाहिए। पहले रूट में आपको दूसरे रूट के मुकाबले 1 घंटा कम लगेगा। पहले रूट से वारंगल पहुंचने में 10 घंटे 30 मिनट का समय लगेगा। रास्ते में आप राजामुंद्री जैसी कई खूबसूरत जगहें भी देख सकते हैं।
राजामुंद्री
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वारंगल के रास्ते में आप राजामुंद्री भी घूमने जा सकते हैं। इस क्षेत्र में आप कई खूबसूरत स्थलों के दर्शन कर सकते हैं। गोदावरी नदी के तट पर बसे इस खूबसूरत शहर में आप प्राकृतिक स्थलों से लेकर कई ऐतिहासिक स्थान देख सकते हैं। प्राचीन शहर होने के कारण ये जगह संस्कृति से भी समृद्ध है।
इसे आंध्र प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है। यहां पर आप कोटिलिंगेश्वर घाट मंदिर, गोदावरी रिचर बीच, डोवलेश्वरम बैराज और कॉटन संग्रहालय देख सकते हैं। ये वरांगल से 320 किमी और विशाखापट्नम से 190 किमी दूर स्थित है।
प्रमुख गंतव्य : वरांगल
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वारंगल भारत के उन चुनिंदा शहरों में से एक है जहां पर पर्यटकों को प्राचीन मंदिरों से लेकर खूबसूरत झीलें और ऐतिहासिक स्थलों से लेकर आकर्षक बगीचे तक देखने को मिलते हैं। इस खूबसूरत शहर में कई पर्यटन स्थल हैं। आइए जानते हैं कि वारंगल शहर में आप किन दर्शनीय स्थलों को देख सकते हैं।
वारंगल किला
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वारंगल किले के बिना वारंगल शहर की यात्रा अधूरी मानी जाती है। ये ऐतिहासिक किला सदियों पुराना है। वरांगल किले को 12वीं शताब्दी में काकातिया राजवंश द्वारा बनवाया गया था। हालांकि, बाद में इस पर अन्य कई राजाओं ने शासन किया। आज ये किला खंडहर बन चुका है लेकिन फिर भी इसे देखकर ही आप इसके बनने से लेकर नाश तक की कहानी जान सकते हैं। इस किले के खूबसूरत दरवाजे, मंदिर और स्तंभ हैं जो पर्यटकों को खूब आकर्षित करते हैं।
हजार स्तंभ मंदिर
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छोटे से शहर हनामकोंडा में स्थित ये मंदिर वरांगल ये 7 किमी दूर है। इस खूबसूरत मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है। कहा जाता है कि ये मंदिर काकातीय राजवंश द्वारा 12वीं शताब्दी में बनवाया गया था। इस मंदिर की वास्तुकला देखकर हर कोई अचंभित हो जाता है। आज इस मंदिर में हर साल हज़ारों श्रद्धालु दर्शप करने आते हैं। ये मंदिर भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान सूर्य को समर्पित है।
वारंगल की झीलें
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वारंगल का प्राकृतिक सौंदर्य यहां पर स्थित झीलों ने समेट रखा है। वरांगल जैसा ऐतिहासिक शहर प्रकृति प्रेमियों के बीच भी बहुत मशहूर है। यहां पर आप पखल झील, भद्रकाली झील,वद्देपल्ली झील और धर्मासागर झील देख सकते हैं। हर साल वरांगल घूमने कई यात्री आते हैं।
काकतीय रॉक टेंपल
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वारंगल का सबसे प्रमुख गार्डन काकातीय रॉग गार्डन है जोकि एक बेहद खूबसूरत पार्क है जिसमें पत्थर की कई मूर्तियां और पौधे लगे हैं। यहां पर एक शानदार आर्टिफिशियन झरना भी है जोकि बच्चों को सबसे ज्यादा आकर्षित करता है। अन्य दर्शनीय स्थलों में आप रामप्पा मंदिर, भद्रकाली मंदिर, काकातीय म्यूजिकल गार्डन, काकातिया कला थोरानाम और इतुरनागरत वन्यजीव अभ्यारण्य देख सकते हैं।