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नेचर लवर हैं अगर आप, तो अवश्य करें हिमाचल के कांगड़ा के इन अट्रैक्शनों की सैर

By Syedbelal

यूं तो दुनिया के सभी डेस्टिनेशन एक दूसरे से अलग होते हैं और प्रायः ये देखा गया है कि दो अलग अलग डेस्टिनेशनों में समानता की गुंजाईश बेहद काम होती है। आज दुनिया में चंद ही ऐसे डेस्टिनेशन हैं जो हिमाचल के कांगड़ा जितने खूबसूरत है। कांगड़ा हिमाचल प्रदेश में मांझी और बेनेर धाराओं मिलन स्थान पर स्थित एक पर्यटक स्‍थल है।

धौलाधार रेंज और शिवालिक रेंज के बीच कांगड़ा घाटी में बसे इस शहर से बाणगंगा धारा दिखाई देती है। आपको बताते चलें कि इस स्थान को देव भूमि के नाम से भी जाना जाता है। यदि कांगड़ा के इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि ये शहर आज से करीब 3500 साल पहले से स्थापित है। यदि आप इस शहर में मौजूद इमारतों की वास्तुकला को देखें तो यहां की ज्यादातर इमारतों में आज भी ब्रिटिश शासनकाल की झलक देखने को मिलती है।

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ज्ञात हो कि कांगड़ा कोई बहुत बड़ा टूरिज्म हब नहीं है लेकिन ये स्थान इतना खूबसूरत है कि लगातार ये देश के अलावा दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी सुन्दरता की तरफ आकर्षित कर रहा है। तो अब देर किस बात की आइये जानें अपनी कांगड़ा यात्रा पर ऐसे कौन से डेस्टिनेशन हैं जिन्हें आपको हरगिज़ मिस नहीं करना चाहिए।

धर्मशाला

धर्मशाला

काँगड़ा के उत्तर-पूर्व में 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धर्मशाला हिमाचल प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह शहर चंडीगढ़ से 239 किलोमीटर, मनाली से 252 किलोमीटर, शिमला से 322 किलोमीटर और नई दिल्ली से 514 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस स्थान को काँगड़ा घाटी का प्रवेश रास्ता माना जाता है। इसकी पृष्ठभूमि में बर्फ से ढकी धौलाधार पर्वत श्रृंखला इस स्थान का नैसर्गिक सौंदर्य बढ़ाती हैं।
फोटो कर्टसी - Travelling Slacker

धौलाधार रेंज

धौलाधार रेंज

पहाड़ों की धौलाधार रेंज कांगड़ा जिले के प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। यह रेंज दक्षिणी बाहरी हिमालय का भाग है, जो कांगड़ा और मंडी के उत्तर में उठता है। आगंतुक पहाड़ों की इस श्रृंखला में साहसिक ट्रेकिंग कर सकते हैं और क्षेत्र की मंत्रमुग्ध करने वाले सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।
फोटो कर्टसी - Travelling Slacker

काँगड़ा किला

काँगड़ा किला

कांगड़ा किले को नगर कोट के नाम से भी जाना जाता है। जिसका निर्माण काँगड़ा के मुख्य साही परिवार ने कराया था। समुद्र स्तर से 350 फुट की ऊंचाई पर स्थित ये किला 4 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। ये किला आज जहाँ स्थित है उसे पुराना काँगड़ा भी कहा जाता है। ये काँगड़ा शहर से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है , ये किला जितना सुन्दर है उनता ही इसका ऐतिहासिक महत्त्व भी है।
फोटो कर्टसी - John Hill

मेकलियोदगंज

मेकलियोदगंज

मेकलियोदगंज पर्यटन का एक प्रमुख आकर्षण है जो काँगड़ा से 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह दलाई लामा की गद्दी है और समुद्र सतह से 1770 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह युद्ध के दौरान तीन दशकों तक तिब्बती सरकार का मुख्यालय भी था। मेकलियोदगंज का सुंदर शहर बर्फ से ढँकी पहाड़ियों से घिरा हुआ है और साल भर शांत और सुखद रहता है।
फोटो कर्टसी - Liz Highleyman

करेरी झील

करेरी झील

करेरी झील, समुद्र तल से 2934 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, कांगड़ा में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। धौलाधार रेंज से पिघलती बर्फ इस झील को भरती है। धर्मशाला से 9 किमी की दूरी पर स्थित इस झील से एक सुंदर ट्रैकिंग मार्ग धौलाधार पर्वत के लिये निकलता है। इसका नाम पास के करेरी गांव पर पड़ा है, जो दक्षिण-पूर्व दिशा में 9 किमी दूर स्थित है। करेरी झील धौलाधार पर्वत और मनकैनी पीक के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है।
फोटो कर्टसी - Shalabh W

पोंग झील अभयारण्य

पोंग झील अभयारण्य

पोंग झील अभयारण्य एक लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य पठानकोट से 65 किमी की दूरी पर ब्यास नदी के तट पर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है। सांभर, नील गाय, भौंकने वाले हिरण, जंगली सूअर, और तेंदुए सहित कई पशु प्रजातियों को अभयारण्य में देखा जा सकता है। 54 कुलों की 220 प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों का आश्रय है।
फोटो कर्टसी - Marek Szczepanek

मसरूर मंदिर

मसरूर मंदिर

मसरूर मंदिर कांगड़ा का एक अन्य आकर्षण हैं। इन मंदिरों का निर्माण पहाड़ों को काट कर किया गया है। ज्ञात हो कि मुख्य शहर कांगड़ा से 38 किलोमीटर दूर बने ये मंदिर इंडो आर्यन शैली को दर्शाते हैं। यदि आप कांगड़ा की यात्रा पर हैं तो इन मंदिरों की साइट सीइंग में अवश्य शामिल करें।
फोटो कर्टसी - Himachal Tourism

कांगड़ा वैली रेलवे

कांगड़ा वैली रेलवे

कांगड़ा ट्रैवेल गाइड की व्याख्या बिना कांगड़ा वैली रेलवे के वर्णन अधूरी है। इस रेलवे लाइन का शुमार भारत की सबसे पुरानी रेलवे लाइनों में है जिसका निर्माण अंग्रेजों द्वारा कराया गया था। वर्तमान में इस रेलवे लाइन को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित करने के लिए यूनेस्को से मांग की जा रही है।
फोटो कर्टसी - Gkarunakar

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