
उत्तर प्रदेश में कानपुर एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यहां पर मंदिरों, किलों और अन्य इमारतों जैसे कई प्राचीन किले हैं। इस वीकएंड पर आप उत्तर प्रदेश के कानपुर से वाराणसी घूमने निकल सकते हैं। गंगा नदी के तट पर बसा वाराणसी दुनिया का सबसे प्राचीन शहर है और ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि भारत के विकास में इस शहर का बड़ा योगदान रहा है और यही वो शहर है जहां से हिंदू धर्म की सांस्कृतिक और अध्यात्मिक जड़ें जुड़ी हुई हैं।
इस शहर का इतिहास हज़ारों साल पुराना है। यहां के गंगा के घाट पर आकर स्थानीय लोग और पर्यटक अपने मन को शांति देते हैं। वाराणसी के प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक स्थल भी बहुत मशहूर हैं। तो चलिए जानते हैं इस शहर के प्रमुख आकर्षण स्थलों और कानपुर से वाराणसी पहुंचने के मार्ग आदि के बारे में।

वाराणसी आने का सही समय
वाराणसी में बहुत गर्मी के मौसम में चिलचिलाती धूप पड़ती है इसलिए गर्मी के मौसम में पर्यटकों को यहां आने से बचना चाहिए। गंगा के घाट पर बैठने और इसके प्राचीन स्थलों को देखने के लिए अक्टूबर से मार्च मक का समय सबसे बेहतर रहता है।

कानपुर से वाराणसी कैसे पहुंचे
वायु मार्ग द्वारा : कानपुर से वाराणसी के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि आप वाराणसी के लिए रेल या सड़क मार्ग चुनें।
रेल मार्ग द्वारा : वाराणसी शहर कानपुर और देश के अन्य शहरों और कस्बों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप कानपुर सेंट्रल से वाराणसी जंक्शन के लिए सीधी ट्रेन ले सकते हैं। इस यात्रा में आपको कुल 7 घंटे 30 मिनट का समय लगेगा।
सड़क मार्ग द्वारा : उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण शहर और पर्यटन स्थल होने के कारण वाराणसी में सड़क व्यवस्था काफी अच्छी है और सड़क मार्ग द्वारा यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।
रूट: कानपुर - इलाहाबाद - वाराणसी
रास्ते में इलाहाबाद रूक कर इसके प्राचीन स्थलों के दर्शन जरूर करें। इलाहबाद को आधिकारिक तौर पर प्रयागराज भी कहा जाता है।

इलाहाबाद
इलाहाबाइ वाराणसी से 121 किमी और कानपुर से 203 किमी दूर है। वीकएंड पर कहीं घूमने के लिए इलाहाबद बहुत बढिया जगह है। वाराणसी की ही तरह इलाहाबाद भी दुनिया की सबसे प्राचीन जगहों में से एक है। अपने प्राचीन और ऐतिहासिक स्थलों के लिए मशहूर इलाहाबाद में गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी तीन नदियों का संगम होता है।
इस वजह से इलाहाबाद शहर का हिंदू श्रद्धालुओं के बीच धार्मिक महत्व है। इसी जगह पर प्रत्येगक 12 वर्षों में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। यहां पर त्रिवेणी संगम, खुसरो बाग, इलाहाबाद किला, आनंद भवन, सैंट कैथेड्रल और इलाहाबाद संग्रहालय आदि देख सकते हैं।

वाराणसी
कानपुर से वाराणसी 331 किमी दूर है और हर पर्यटक को वाराणसी घूमने का मन जरूर करता है। ये भारत की उन चुनिंदा जगहों में से एक है जहां आपको हमारे देश की सदियों पुरानी संस्कृति और इतिहास को जानने का मौका मिलेगा। प्राचीन समय में हुए भारत के विकास के बारे में जानने के लिए आप यहां आ सकते हैं। चलिए अब जानते हैं वाराणसी के दर्शनीय स्थलों के बारे में।

काशी विश्वनाथ मंदिर
भारत में भगवान शिव के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर है। हिंदू श्रद्धालुओं के बीच इस मंदिर का बहुत महत्व है और हर साल लाखों श्रद्धालु इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर के इतिहास के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है लेकिन ऐसा कहा जाता है कि हज़ारों सालों पहले इस मंदिर का निर्माण किया गया था। इसलिए वाराणसी आने पर भारत के इस ऐतिहासिक मंदिर के दर्शन जरूर करें। काशी विश्वनाथ मंदिर की यात्रा आपके लिए यादगार रहेगी।

वाराणसी के अन्य मंदिर
वाराणसी में अनेक मंदिर हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा भारत माता मंदिर, श्री विश्वनाथ मंदिर, दुर्गा मंदिर, धनवंतरि मंदिर और संकट मोचन हनुमान मंदिर भी प्रसिद्ध हैं। इन सभी मंदिरों का शांत और अध्यात्मिक वातावरण श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देता है।

वाराणसी के खूबसूरत घाट
वाराणसी के घाट नहीं देखे तो समझें कि आपकी यात्रा अधूरी रह गई। इन घाटों को इनके इतिहास और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यही वो जगह है तो वाराणसी की सुंदरता को बिना कुछ कहे ही बयां कर देती है। वाराणसी के गंगा घाट पर रोज़ शाम को गंगा आरती होती है। यहां में 88 घाट हैं जिनमें से अस्सी घाट, मणिकर्णिका घाट, दरभंगा घाट और दश्वमेध घाट प्रमुख हैं।

अन्य दर्शनीय स्थल
उपरोक्त पर्यटक स्थलों के अलावा वाराणसी में जंतर-मंतर, रामनगर किला, अशोक पिलर, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, तुलसी मानस मंदिर, ज्ञानवपी मस्जिद और अलमगीर मस्जिद देख सकते हैं।