इस मंदिर की पौराणिक कथानुसार, भगवान शिव जी महाप्रलय, गंभीर तबाही या बाढ़ के बाद इस जगह पर स्थानांतरित हो व्यवस्थित हो जायेंगे। यह लोगों का विश्वास है कि, भगवान शिव जी वर्तमान अपने मनपसंद जगह, काशी से इस अद्वितीय स्थान पर ज़रूर ही स्थानांतरित होंगे।
उत्तरकाशी
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आप ज़रूर ही सोच रहे होंगे कि आखिर यह जगह है कौन सी? यह और कोई नहीं, उत्तरकाशी का काशी विश्वनाथ मंदिर है। एक लोकप्रिय कथानुसार, वर्तमान समय में जब एक दिन वाराणसी पूरी तरह से महा तबाही, बाढ़ में डूब जाएगा, तब भगवान विश्वनाथ जी उत्तरकाशी के इस मंदिर में पुनर्स्थापित होंगे। यह मंदिर इसी अनोखी पौराणिक कथा की वजह से प्रसिद्ध है। इन कहानियों से साफ पता चलता है कि, इन कहानियों में कलयुग(आधुनिक काल) के अंत की बात हो रही है। यह मंदिर उत्तरकाशी में काशी विश्वनाथ मंदिर के नाम से भी लोकप्रसिद्ध है। यह उत्तराखंड में स्थापित हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी है।
काशी विश्वनाथ मंदिर
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उत्तरकाशी का मतलब होता है, "उत्तर दिशा का काशी" , एक छोटा सा शहर है जो गंगा नदी की सहायक नदी, भागीरथी के तट पर स्थित है। दिलचस्प बात यह है कि उत्तरकाशी भी वाराणसी की तरह नदी के घाट पर स्थित है।
यह निर्मल व शांत शहर ना सिर्फ धार्मिक स्थल ही है, बल्कि इसके साथ ही यह साहसिक गतिविधियों के मज़े लेने के लिए प्रमुख स्थलों में से एक भी है। उत्तरकाशी के आसपास के क्षेत्र में कई ट्रेकिंग अभियानों के लिए बेस कैंपों का भी आयोजन किया जाता है। यहाँ 'निम' नाम के संस्थान को भी संचालित किया जाता है। निम, यानि की नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ़ माउंटेनियरिंग(नेहरू पर्वतारोहण संस्थान), भारत के प्रमुख पर्वतारोहण संस्थानों में से एक है।
मंदिर के अंदर स्थापित त्रिशूल
Image Courtesy: Atudu
हालाँकि, काशी विश्वनाथ मंदिर चार धाम की पवित्र यात्रा में शामिल नहीं है, फिर भी उत्तरकाशी उत्तराखंड में तीर्थयात्रियों के दर्शन का प्रमुख केंद्र है।
इस मंदिर का अन्य दिलचस्प आकर्षण है, यहाँ का त्रिशूल। जी हाँ, आपने बिल्कुल सही सुना, मंदिर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है यहाँ स्थापित 6 मीटर ऊँचा त्रिशूल। लोगों का मनना है कि देवी दुर्गा जी ने इसी त्रिशूल से दानव का सर्वनाश किया था। इसलिए इस त्रिशूल की यहाँ बहुत ज़्यादा महत्ता है।
उत्तरकाशी
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कितना अच्छा लगता है न ऐसे धार्मिक, पवित्र जगहों की कथाओं को जानकर। तो अगली बार, अपने उत्तराखंड की यात्रा में इस पवित्र जगह की यात्रा करना बिल्कुल भी न भूलें।
उत्तरकाशी में पर्यटक आकर्षक स्थल
उत्तरकाशी, उत्तराखंड के मुख्यालय व जिले का नाम है। यह एक पवित्र स्थल होने के साथ-साथ एक पर्यटक स्थल भी है। मणिकर्णिका घाट, डोडीताल, भाली बांध, जोशियारा, मानेरी बांध, कंदर देवता मंदिर, आदि उत्तरकाशी में स्थित प्रमुख पर्यटक केंद्रों में से एक है।
उत्तरकाशी
Image Courtesy: Curious Eagle
उत्तरकाशी पहुँचें कैसे?
उत्तरकाशी देहरादून से लगभग 145 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह उत्तराखंड के अन्य प्रमुख क्षेत्रों ऋषिकेश, देहरादून, चम्बा, आदि से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 108 से गमनीय है। ऋषिकेश, टेहरी, देहरादून से कई बसों की सुविधा यहाँ तक के लिए उपलब्ध हैं।
अपने महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभव नीचे व्यक्त करें।
Read in English: Will Lord Shiva Settle Here After the Apocalypse?
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