लखनऊ के टुंडे कबाब के बारे में कौन नहीं जानता, लेकिन क्या लखनऊ स्थित रोटी बाजार के बारे में जानते हैं आप? कहीं आप ये तो नहीं सोच रहे, हमें लखनऊ में रहते हुए सालों हो गये लेकिन कभी इस रोटी बाजार के बारे में नहीं सुना? अरे कोई नहीं अब तो पता लग गया ना।
तो ज्यादा देर ना करते हुए आपको हम आज हम आर्टिकल के जरिये सैर कराते हैं लखनऊ स्थित रोटी के बाजार की, जहां आप शीरमाल,नान,खमीरी रोटी, रुमाली रोटी,कुल्चा,लच्छा परांठा ,धनिया रोटी और तन्दूरी परांठे के साथ साथ और भी कई अन्य तरह की रोटियों का जायका ले सकते हैं।
लखनऊ में कहां रोटी बाजार?
लखनऊ में रोटी बाजार चौक स्थित अकबरी गेट से नक्खास चौकी के पीछे यह बाजार फैला हुआ है, जहां फुटकर के रेत में आप विभिन्न तरह की रोटियों का स्वाद ले सकते हैं।
खमीरी रोटी/रुमाली रोटी है ज्यादा लोकप्रिय
इस गली में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली रोटियों में खमीरी रोटी और रुमाली रोटी शामिल हैं, खमीरी रोटी थोड़ी मोटी होती है, तो वहीं रुमाली रोटी बेहद ही मुलायम होती है, दोनों की ही कीमत चार से पांच रूपये के बीच है।
शीरमाल रोटी है खास
शीरमाल रोटी मैदे ,दूध ,और घी से बनती है, जो की खाने में बेहद लजीज होती है, नारंगी रंग का शीरमाल तंदूर में पकाया जाता है और इसमें खुशबू के लिए घी और केसर का प्रयोग किया जाता है। एक शीरमाल का वजन करीबन 200 से 250 ग्राम तक रहता है।
रोटी बाजार देखने के बाद जाने आप पुराने लखनऊ में और क्या क्या कर सकते हैं?
बड़ा इमामबाड़ा
बड़ा इमामबाड़ा अवध की कलात्मक शैली का अद्भुत नमूना है। जिसको अवध के नवाब आसिफुद्दौला ने बनवाया था। इस इमारत में एक बहुत बड़ा हॉल है जिसमे करबला की बहुत सी निशानियाँ रखी हुई हैं। इस हॉल की खासियत यह है कि इसके एक कोने पर जाकर आप कागज़ फाड़ो तो दूसरे कोने में इसकी आवाज़ सुनाई देती है।Pc:Harshit Goyal
छोटा इमामबाड़ा
छोटा इमामबाड़ा अंदरूनी व बाहरी नक्काशियों से रचा हुआ बड़े बड़े झूमरों से अपनी ओर आकर्षित करता है। इस इमामबाड़े की खासियत यह है कि यहाँ एक शाही हम्माम बना हुआ है, जिसमे गोमती नदी का पानी आता है। इसमें बने दो हौजों में पहुंचकर यह पानी एक हौज़े में गर्म और दुसरे हौज़े में ठंडा हो जाता है। जो कि किसी भी दृष्टि से बेजोड़ है।Pc:KlickIn
रूमी दरवाज़ा
रूमी दरवाज़ा बड़े इमामबाड़े की सड़क के सामने ही बड़ा सा आलीशान ऐतिहासिक दरवाज़ा नज़र आता है। यह दरवाज़ा मुग़ल स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है इसकी नक्काशी अदूतीय है। इसके अंदर से सेंकडों गाड़ियां गुज़रती हुई बेहद लुभावनी लगती हैं। इस दरवाज़े की ऊंचाई 60 फुट है। इस दरवाज़े खासियत यह है की इसमें कहीं भी लकड़ी या लोहे का इस्तमाल नहीं किया गया है।Pc:Faizhaider
भूलभुलैया
भूलभुलैया बड़े इमामबाड़े के ऊपर ही बना हुआ है। इस भूलभुलैया में 409 दरवाज़ेरहित गलियारे हैं। जिनके बारे में कहा जाता है कि यह सुरक्षा के तहत बनवाए गए थे। यहाँ आने वाला पर्यटक लाख कोशिशों के बाद भी भटक ही जाता है। अगर आप भूलभुलैया का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो बेहतर होगा एक गाइड करलें जिससे रास्ता बताने में आसानी रहे।
घड़ी मीनार (क्लॉक टॉवर)
छोटे इमामबाड़े के सामने ही क्लॉक टावर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह क्लॉक टावर पूरे भारत का सबसे ऊँचा टॉवर है। जो कि 221 फुट ऊँचा और इसका पेंडुलम 14 फुट लंबा है। चारों और घंटियां लगी इस घड़ी का डायल 12 पंखुड़ियों वाला हैPc:Asitjain
रेज़ीडेंसी
लखनऊ में रेज़ीडेंसी भी दर्शनीय स्थलों में से एक है। रेज़ीडेंसी को पुराने समय में 'बेलीशारद' के नाम से जाना जाता था। परन्तु अंग्रेज़ों ने इसपर कब्ज़ा करके इसे अपना निवास स्थान बना लिया था तब से यह रेज़ीडेंसी पड़ गया।Pc:Tony
बेगम हज़रत महल पार्क
बेगम हज़रत महल पार्क के सामने ही यह आलीशान मक़बरा बना हुआ है। जिसके पीछे के हिस्से में भातखंडे इंस्टिट्यूट है जहाँ संगीत की शिक्षा दी जाती है और में एक साहित्यिक प्रोग्राम के लिए बना है राय उमानाथ बली।Pc:Shivenduverma2
लखनऊ के आस-पास के यह स्थल हैं समर वेकेशन के लिए परफेक्ट
हज़रतगंज
हज़रतगंज लखनऊ का सबसे लोकप्रिय बाज़ार है जो बाकी जगह से महगा भी है। हज़रतगंज को लखनऊ का दिल भी कहा जाता है। हज़रतगंज में 'लवलेन' नाम की ऐसी जगह है जिसे जोड़ों का मिलन स्थल भी माना जाता है। साथ ही लवलेन बहुत ही अच्छा बाजार भी है जहाँ लड़कियों के कपड़ों से लेकर हर ज़रूरी सामान मिलता है। जिसकी वजह से यह नवयुवक व युवतियों में खासा लोकप्रिय है।Pc: Mohit
चौक बाज़ार
यह बाज़ार चिकन उधोग के लिए विश्व-भर में मशहूर है। यहाँ चिकन के काम के कपड़े देखने व लेने लायक होते हैं, चिकन की कारीगरी देख लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।