मध्य प्रदेश में स्थित सिवनी एक छोटा सा जिला है, जोकि सिवनी जबलपुर संभाग के अन्तर्गत आता हैं। सतपुड़ा पठार के उत्तर पश्चिमी भाग पर स्थित सिवनी लगभग 8758 वर्ग किलोमीटर के एक विशाल भौगोलिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है और इस शहर का गठन 1 नवंबर 1956 को किया गया था।
इस जगह के नाम के पीछे एक अनोखी कहानी है, कहा जाता है कि, जगत गुरू एक बार केरल की यात्रा कर रहे थे और अपनी इस यात्रा के दौरान वह इस खूबसूरत सी जगह से होकर गुजरे और उन्होने इस जगह का नाम शिरोनी रख दिया जो कि बाद में शिव नगरी या सिवनी के नाम से विख्यात हो गया था। इतना ही नहीं इस खास जगह का विवरण मशहूर किताब जंगल बुक में भी किया गया है। रूडयार्ड किपलिंग द्वारा लिखित किताब '' जंगल बुक '' में जगह दी और कहानी का सार इसी जगह के इर्द - गिर्द घूमता है। इस किताब में सिवनी को सिओनी के रूप में लिखा गया है। कहा जता है कि, सिवनी शब्द को सिओना नाम से लिया गया है, जोकि इस क्षेत्र में आमतौर पर पाया जाने वाला एक मशहूर प्रजाति का पेड़ है। इस पेड़ से मिलने वाली लकड़ी से बड़े पैमाने पर ढ़ोलक का निर्माण किया जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं मध्य प्रदेश का यह छोटा सा जिला अपने अंदर कई खूबसूरत पर्यटन स्थलों को समेटे हुए हैं- आइये जानते हैं-
भीमगढ़ संजय सरोवर बांध
आपको जानकर हैरत होगी कि, यह बांध एशिया के सबसे बड़े मिट्टी के बांधों में से एक है। इस क्षेत्र में इस बांध के कारण ही सिंचाई का काफी विस्तार हुआ है और कृषि के व्यवसाय को नया आयाम मिला है। इसके अलावा यह बांध इस जिले के क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति करता है, हाल ही में इस बांध ने विद्युत ऊर्जा उत्पादन शुरू कर दिया है और आसपास के इलाकों को बिजली की सप्लाई भी दे रहा है।
पक्षी प्रेमियों के लिए जन्नत से कम नहीं है पंगोट
महाकालेश्वर मंदिर
सिवनी से 20 किमी की दूरी पर स्थित दिगहोरी नाम के गांव में महाकालेश्वर मंदिर स्थित है। बताया जाता है कि, इस मंदिर का निर्माण करीबन 8 वीं सदी में भारत के महान दार्शनिक आदि शंकराचार्य ने किया था। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में सैकड़ों की संख्या में यहां पर्यटक भगवान के दर्शन करने और आर्शीवाद लेने के लिए आते है। शिवरात्री और सावन महीने के दौरान यहां प्रमुख तौर से पर्यटकों का जमावड़ा देखा जाता है। इस मंदिर तक पर्यटक सार्वजनिक परिवहन के साधनों के माध्यम से आसानी से पहुंच सकते हैं।
आमोदगढ़
सिवनी - मंडला राज्य राजमार्ग पर स्थित अमोदगढ़ एक खूबसूरत स्थान है जो सिवनी आने वाले पर्यटकों को सुंदर जगह की पेशकश प्रदान करता है। ऐसा माना जाता है कि रूडयार्ड किपलिंग ने अपनी किताब '' जंगल बुक '' में इसी जगह का वर्णन किया है, यह वही बुक है जिसका छोटा सा नायक ''मोगली'' है। यह खूबसूरत जगह सिवनी - मंडला राज्य राजमार्ग पर स्थित है। इस खूबसूरत जगह की सैर करते हुए पर्यटक सोना रानी महल के खंडहर भी निहार सकते हैं। यह महल चुई से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और सिवनी से 32 किमी. की दूरी पर स्थित है।
पेंच राष्ट्रीय उद्यान
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सिवनी से करीबन 61 किमी की दूरी पर पेंच राष्ट्रीय उद्यान सतपुड़ा की पहाड़ियों के दक्षिणी भाग में स्थित है। इस स्थान का नामकरण पेंच नदी के कारण हुआ है जो कि पेंच नेशनल पार्क के साथ-साथ उत्तर से दक्षिण की और बहती है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा इसे 1983 में नेशनल पार्क घोषित किया गया और 1992 में इसे अधिकारिक रूप से भारत का उन्नीसवा टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। इस पार्क में झाड़ियों, बेलों, पेड़ - पौधों, जड़ी बूटीयों, वीड्स और घास की अधिकता है। यहाँ पर पौधों की 1200 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। पार्क में अनेक पक्षी भी बहुतायत में पाए जाते हैं, जिनमें देशी और प्रवासी दोनों प्रकार के पक्षी शामिल हैं। इन पक्षियों में भारतीय पितास, सफेद आंखों वाले बाज,जलपाखी, चितकबरे मालाबार होर्नबिल्स, सारस, हरे कबूतर और मछारंग आदि शामिल हैं।