महाराष्ट्र भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है, जो ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक रूप से काफी समृद्ध माना जाता है। मुंबई और पुणे जैसे शहरों के कारण इसकी गिनती देश के सबसे धनी राज्यों में होती है। पर्यटन के मामले में महाराष्ट्र काफी ज्यादा महत्व रखता है। आप यहां हिल स्टेशन, नदी, झील, पहाड़ी घाटियां, किले-महल, प्राचीन मंदिर आदि देख सकते हैं। यह राज्य अतीत से जुड़ी संरचनाओं को देखने के लिए एक आदर्श स्थल है। यहां बहुत से प्राचीन किले मौजूद हैं, जिनमें से कई सुरक्षित और कई मात्र खंडहर रूप मौजूद हैं। इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह राज्य किसी जन्नत से कम नहीं। इस लेख में आज हम आपको राज्य के पुणे जिले स्थित कोरीगढ़ किले के बारे में बताने जा रहे हैं, जानिए यह प्राचीन किला आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
महाराष्ट्र का कोरीगढ़ किला
कोरीगढ़ महाराष्ट्र के पुणे जिले स्थित एक प्राचीन किला है, जो लोनावला हिल स्टेशन से मात्र 25 कि.मी की दूरी पर स्थित है। जानकारी के अनुसार इसे किले का निर्माण 16वीं शताब्दी के आसपास किया गया था। हालांकि इसके निर्माण की सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है। चूंकि यह किला पहाड़ी पर बना है, इसलिए यह ऐतिहासिक और प्राकृतिक रूप से भी काफी ज्यादा महत्व रखता है। समुद्र तल से यह किला 3028 फीट की ऊंचाई पर बसा है, और भारत के सबसे ऊंचे किलों में गिना जाता है। यह अपनी खास भौगोलिक स्थित के लिए भी प्रसिद्ध है, जहां वीकेंड पर ट्रेकर्स और हाइकर्स भी आपको दिख जाएंगे। माना जाता है कि यह किला कई शक्तिशाली सम्राटों के अधीन रह चुका है। यह किला आगे चलकर मराठा साम्राज्य का हिस्सा बना, जब छत्रपति शिवाजी से इसे अपने अधीन किया। वर्तमान में यह पहाड़ी स्थल मुंबई और पुणे वासियों का पसंदीदा वीकेंड गेटवे है।
आने का सही समय
कोरीगढ़ वर्षभर घूमने लायक स्थल है, यहां का मौसम सालभर खुशनुमा बना रहता है, इसलिए आप यहां किसी भी समय आ सकते हैं। लेकिन अगर आप मॉनसून के दौरान यहां का प्लान बना रहे हैं, तो अपनी सुरक्षा का ध्यान जरूर रखें, क्योंकि वर्षा के कारण यहां के ट्रेकिंग ट्रेल्स काफी फिसलन भरे हो जाते हैं। वैसे यहां आने का सबसे आदर्श समय सितंबर से लेकर मार्च का है, इस दौरान यहां का प्राकृतिक नजारा देखने लायक होता है।
क्यों आएं कोरीगढ़ ?
कोरीगढ़ की यात्रा आपके लिए कई मायनों में खास हो सकती है। एक प्रकृति प्रेमी से लेकर इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह पहाड़ी स्थल काफी ज्यादा महत्व रखता है। यहां का माहौल बेहद शांत है, जहां आप अपार मानसिक और आत्मिक शांति का अनुभव कर सकेंगे। आध्यात्मिक चिंतन के लिए यह एक आदर्श स्थल है। अगर आप एडवेंचर का शौक रखते हैं, तो यहां आकर ट्रेकिंग और हाइकिंग का रोमांच भरा अनुभव ले सकते हैं। इतिहास प्रेमी किेले का भ्रमण कर सकते हैं। अगर आप फोटोग्राफी का शौक रखते हैं, तो यहां के शानदार दृश्यों को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं। इसके अलावा आप यहां आसपास पैराग्लाइडिंग और कैंपिग करने के लिए भी कई स्थल मिल जाएंगे। आप यहां पहाड़ी पर स्थित कोराडी देवी मंदिर के दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त कर सकते हैं।
आसपास के आकर्षण
आप चाहें तो कोरीगढ़ किले के भ्रमण के साथ आसपास की शानदार जगहों की सैर का आनंद भी ले सकते हैं। यहां आसपास कई खूबसूरत पर्यटन स्थल है, जहां आप अपनी यात्रा के दौरान जा सकते हैं, जिसमें भाजा गुफाएं, राजमाची पार्क, लोनावला व्यू प्वाइंट, लोनावला झील, पावना झील और कार्ला गुफा आदि शामिल हैं।
कैसे करें प्रवेश
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हवाई मार्ग : कोरीगढ़ आप परिवहन के तीनों साधनों की मदद से पहुंच सकते हैं, यहां का निकटवर्ती हवाईअड्डा पुणे एयरपोर्ट है, जो यहां से 95 कि.मी की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से आप कोरीगढ़ के लिए प्राइवेट टैक्सी ले सकते हैं। किले पर पहुंचने के लिए आपको थोड़ी दूर तक ट्रेकिंग का सहारा लेना होगा।
रेल मार्ग : रेल मार्ग के लिए आप लोनावला रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं, जो मुबई और पुणे से सीधे जुड़ा हुआ है। लोनावला रेलवे स्टेशन से आप कोरीगढ़ के लिए सीधे कैब ले सकते हैं। लगभग 1 घंटे का सफर तय कर आप किले के आधार तक पहुंच जाएंगे, जहां से आपको पैदल मार्ग के जरिए किले तक पहुंचना पड़ेगा।
सड़क मार्ग : अगर आप चाहें तो कोरीगढ़ सड़क मार्गों के जरिए भी पहुंच सकते हैं, बहतर सड़क मार्गों से कोरीगढ़ राज्य कई छोटे-बड़े राज्यों से जुड़ा हुआ है। आप किले के आधार तक सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं, जहां से आपको थोड़ी दूर पैदल सफर तय करना होगा।