राजस्थान, शाही किलों व ठाठ-बाठ के राज्य में कई रहस्य आज भी जीवित हैं, जिनकी वजह से ही यहाँ की कुछ जगहों की प्रसिद्धि देश दुनिया में फैली हुई है। इन्हीं जगहों में से एक राजस्थान के जैसलमेर शहर से पश्चिम की ओर 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, एक उजड़ा हुआ गाँव,कुलधरा। किसी ज़माने में यह राजस्थान के किसी सुनियोजित संपन्न गाँव की तरह हुआ करता था। पालीवाल ब्राह्मणों ने इस गाँव पर इसके आसपास ही बसे अन्य 83 गाँवों के साथ कब्ज़ा कर लिया था। और एक रात वह पूरा समुदाय बिना कोई कारण बताए इस गाँव से गायब हो गया। वो भी यहाँ सात लंबे शताब्दियों से ज़्यादा रहने के बाद।
कुलधरा
Image Courtesy: Suman Wadhwa
आज बस लोगों को इतना पता है कि, वे यहाँ एक श्राप को छोड़ गए हैं जिसकी वजह से यह गाँव आजतक उजड़ा हुआ और सदियों से वीरान पड़ा है।
एक कथा के अनुसार, एक शासक कुलधरा में मुखिया की बेटी से ज़बरदस्ती विवाह करना चाहता था। यह ज़बरदस्ती उनके समुदाय के सम्मान और गौरव के खिलाफ था। इसलिए 84 गाँव के मुखियाओं ने मिलकर इस जगह को एक ही रात में त्यागने का फैसला कर लिया। इसके अलावा आज तक लोगों को इस बारे में नहीं पता कि कैसे उन्होंने यह सब किया पर वह एक रात इस गाँव का सबकुछ ले गई।
उजड़ा हुआ गाँव, कुलधरा
Image Courtesy: Archan dave
एक अन्य कहानी के अनुसार यहाँ का निर्दयी शासक लोगों को असहनीय कर भुगतान करने के लिए कहता था। जिससे परेशान होकर यहाँ के मुखियाओं ने मिलकर यह पूरा गाँव एक रात में ही खाली करवा दिया।
अभी यह बस नहीं है! एक और अन्य कहानी भी यहाँ की प्रचलित है, जो उस समय की राजनितिक गतिविधियों से सम्बंधित है। एक मुग़ल राजा, जिसका लक्ष्य था पूरे जैसलमेर पर कब्ज़ा करना, ने गाँव के कुओं और अन्य जल स्रोतों में ज़हर मिला दिया। ऐसा भी कहा जाता है कि उसने जानवरों की लाशों को भी इन जल स्रोतों में डाल दिया जिसकी वजह से पूरे ब्राह्मण समुदाय ने गाँव को एक ही रात में खाली कर दिया। उनके पास गाँव को खाली करने के अलावा उस निर्दयी राजा ने और कोई विकल्प नहीं छोड़ा।
उजड़ा हुआ गाँव, कुलधरा
Image Courtesy: Suryansh Singh
आज तक किसी को नहीं पता कि उन्होंने कहाँ प्रवास किया। हालाँकि, उनके चिन्ह जोधपुर शहर में देखने को मिलते हैं। शायद पालीवाल वहां के बाद दो भागों में बंट गए जो आज ब्राह्मण और राजपूतों के नाम से जाने जाते हैं।
यह गाँव अब एक पर्यटन स्थल है और यहाँ कई भूतिया घटनाओं की बातें भी लोकप्रिय हैं। तो अब आप जब भी जैसलमेर की सैर पर जाएँ इस उजड़े हुए गाँव में कुछ रहस्यमय पहेलियों का पता लगाने ज़रूर जाएँ जो आपको एक अलग तरह का अनुभव प्रदान करेगा। यह गाँव जहाँ दूर-दूर तक रेत ही रेत नज़र आती है, फिल्म बनाने वालों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। सैफ अली खान की 'एजेंट विनोद' यहां पर ही शूट की गई थी।
जैसलमेर जोधपुर से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप अपनी जोधपुर और जैसलमेर की यात्रा पर कुछ समय निकाल कर इस रहस्यमयी दुनिया में ज़रूर कदम रखें।
अपने महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभव नीचे व्यक्त करें।
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