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बचना चाहते हैं साढ़े साती के प्रकोप से तो जरुर करें इन मन्दिरों के दर्शन

पूरे भारत में शनिदेव के बहुत सारे ऐसे मंदिर हैं जो अपनी मान्यता और महिमा के लिए प्रसिद्ध हैं। जाने शनि देव के खास मन्दिरों को

By Goldi

अभी तक हमने आपको अपने लेखों के जरिये भारत के कई मन्दिरों से रूबरू कराया..इसी क्रम में आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारत में स्थित शनि देव के मन्दिरों के बारे में।

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भगवान शनिदेव को ग्रहों में सबसे प्रभावशाली माना गया है,जिस व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा हो जाती है वह रंक से राजा बन जाता है। यही एक वजह हैं कि लोग उनकी पूजा में बहुत सावधानी बरतते हैं और उनकी प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन उनकी पूजा करते हैं।

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पूरे भारत में शनिदेव के बहुत सारे ऐसे मंदिर हैं जो अपनी मान्यता और महिमा के लिए प्रसिद्ध हैं। लेकिन कुछ एक ऐसे मंदिर भी हैं जिनकों लेकर ऐसी मान्यता है कि यहां मात्र दर्शनों से ही साढ़ेसाती का प्रकोप खत्म हो जाता है।

शनि शिंगणापुर भगवान

शनि शिंगणापुर भगवान

यह शनि के सबसे खास मंदिरों में से एक है। यह महाराष्ट्र के शिगंणापुर नामक गांव में स्थित है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां पर शनि देवी की प्रतिमा खुले आसमान के नीचे है। ऐसी मान्यता है कि यहां के सभी घरों की रक्षा खुद शनि देव करते हैं।

शनि मंदिर, प्रतापगढ़

शनि मंदिर, प्रतापगढ़

भारत के प्रमुख शनि मंदिरों में से एक शनि मंदिर उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में स्थित है जो शनि धाम के रूप में प्रख्यात है। प्रतापगढ़ जिले के विश्वनाथगंज बाजार से लगभग 2 किलोमीटर दूर कुशफरा के जंगल में भगवान शनि का प्राचीन पौराणिक मन्दिर लोगों के लिए श्रद्धा और आस्था के केंद्र हैं। कहते हैं कि यह ऐसा स्थान है जहां आते ही भक्त भगवान शनि की कृपा का पात्र बन जाता है।

कष्टभंजन हनुमान मंदिर, सारंगपुर, गुजरात

कष्टभंजन हनुमान मंदिर, सारंगपुर, गुजरात

गुजरात में भावनगर के सारंगपुर में रामभक्त हनुमान का मंदिर स्थित है। इसे कष्टभंजन हनुमानजी के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में हनुमान जी के साथ शनिदेव विराजित हैं। शनिदेव स्त्री रूप में हनुमान जी के चरणों में बैठे दिखाई देते हैं। यदि कुंडली में शनि दोष हो तो कष्टभंजन हनुमान के दर्शन और पूजा-अर्चना करने मात्र से सभी दोष खत्म हो जाते हैं।PC:Kaushik Patel

शनि मंदिर कोसीकलां, मथुरा

शनि मंदिर कोसीकलां, मथुरा

दिल्ली से 128 कि.मी. दूर कोसीकलां पर भगवान शनिदेव का मंदिर स्थित हैं। लोक मान्यता है कि यहां खुद भगवान श्रीकृष्ण ने शनिदेव को दर्शन दिए थे और कहा था कि जो भी पूरी श्रद्धाभक्ति के साथ इस वन की परिक्रमा करेगा उसे शनि कभी कष्ट नहीं पहुचाएंगें। यहां हर शनिवार को भारी भीड़ होती है। कहते हैं कि यहां राजा दशरथ द्वारा लिखा शनि स्तोत्र पढ़ते हुए परिक्रमा करनी चाहिए। इससे शनि की कृपा प्राप्त होती है।

शनि मंदिर, उज्जैन

शनि मंदिर, उज्जैन

मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन को मंदिरों की नगरी भी कहा जाता है। सांवेर रोड पर प्राचीन शनि मंदिर भी यहां का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां शनि देव के साथ-साथ अन्य नवग्रह भी हैं, इसलिए इसे नवग्रह मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर के पास से ही शिप्रा नदी बहती है, जिसे त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है।मंदिर से शिप्रा नदी का नजारा बहुत ही सुंदर दिखाई देता है।प्रत्येक शनिवार को यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। शनिश्चरी अमावस्या पर तो यहां दर्शनार्थियों का सैलाब उमड़ पड़ता है, जिसके कारण प्रशासन को यहां अतिरिक्त व्यवस्थाएं करनी पड़ती है। हजारों श्रद्धालु लंबी कतारों में लगाकर शनि देव के दर्शन करते हैं।

शनिश्चरा मंदिर, ग्वालियर

शनिश्चरा मंदिर, ग्वालियर

यह मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में मौजूद है। शनि पिंड भगवान हनुमान ने लंका से यहां फेंका था जो यहां आकर गिरा तब से यहां शनिदेव का मंदिर है। यहां शनिदेव को तेल चढ़ाने के साथ गले मिलने की भी प्रथा है।

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