रामयाण में हनुमान एक मुख्य किरदार थे, जिनकी आज भी पूजा अर्चना की जाती है। पूरे भारत में ही हनुमान की पूजा की जाती है, जिन्हें वायु पुत्र,अंजनी पुत्र के नाम से भी जाना जाता है।
हम बचपन से रामायण सुनते आ रहे हैं, जिसमें राम लक्ष्मण की तरह हनुमान के पराक्रम को बताया गया है। ये बात तो त्रेता युग की थी, लेकिन कहा जाता है कि, वह आज भी धरती पर मौजूद हैं।
आप सोच रहें होंगे, त्रेता युग के हनुमान भला कलियुग में कैसे? आपने बचपन से ही भगवान राम और भगवान श्री कृष्ण के धरती से जाने की कहानियां होंगी, लेकिन हनुमान जी के यहां से जाने की काई कहानी किसी ने नहीं सुनी। या फिर ना ही इससे जुड़ी किसी जानकारी का जिक्र ही हिंदू ग्रंथ में दिया गया है। इसके अलावा और भी कुछ सुबूत हैं जो बताएंगे कि हनुमान जी आज ही जिंदा हैं और वह हमारे आस पास ही मौजूद हैं।
शिमला के जाकू मंदिर में हैं ह्मुनाम
जाकू जी एक ऋषि थे, जब रामायण के युद्ध में लक्ष्मण मूर्छित हुए थे, तब जड़ी बूटी की खोज में हनुमान यहीं से होकर गये थे, तब वह यहां रुके थे, और जकू ऋषि से कुछ सूचना हासिल की थी। लौटते हुए इनसे मिलने का वचन दिया था पर विलम्ब न हो जाए, इस डर से वह किसी अन्य छोटे मार्ग से चले गए। बाद में हनुमान जाकर जाकू से मिले।
तब जिस स्थान पर हनुमान खड़े हुए थे, इनके जाने के बाद वहाँ इनकी प्रतिमा अवतरित हो गई। साथ ही यहां पर उनके पैरों के निशान भी मौजूद हैं।
तो क्या दिल्ली वाले अब कभी नहीं देख पायेंगे हनुमान की सबसे ऊँची मूर्ति को?
कलियुग में दिखे हनुमान
संत माधवाचार्य ने हनुमान जी को 13 वीं सदी में अपने आश्रम में देखने की बात बताई। 1600 वीं में हनुमान जी ने खुद तुलसीदास को दर्शन दे कर उन्हें रामायण लिखने की प्रेरणा दी।
इसके अलावा रामदास स्वामी, राघवेंद्र स्वामी, स्वामी रामदास और श्री सत्य साई बाबा लोगों को हनुमान जी के दर्शन प्राप्त हुए थे।