विश्व की प्राचीन सभ्यताएं, नदियों के आस पास ही फली-फूली हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण प्राकृतिक संसाधनों से निकटता का होना था। चाहे बात मेसोपोटामिया की हो या फिर सिंधु घाटी सभ्यता की, जिसे अबतक की सबसे प्राचीन समृद्ध सभ्यता का दर्जा प्राप्त है।
सिंधु घाटी सभ्यता दुनिया की उन कुछ प्राचीन सभ्यताओं में से एक थी, जो उन्नति और परिशोधन के मार्ग का नेतृत्व करती थी । दुर्भाग्यवश प्राकृतिक आपदा या फिर किसी अन्य कारणों की वजह से इस प्राचीन सभ्यता का अंत हो गया। आज इस सभ्यता से जुड़े केवल खंडहर और क्षतिग्रस्त संरचनाएं ही मौजूद हैं।
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सिंधु घाटी सभ्यता का एक ऐसा हिस्सा लोथल है, जो प्रमुख व्यापार केंद्रों में से एक था। जहां से मोती, रत्न और अन्य महंगी वस्तुएं निर्यात की जाती थीं। सरस्वती नदी के किनारे बसे लोथल का पता 1954 में चला था। लोथल प्रगति और शहरीकरण के मामले में इसके समय से आगे था। तो चलिए आज हम आपको इस ऐतिहासिक जगह की यात्रा पर ले जाते हैं।
लोथल में देखें ये जगहें
दुनिया का सबसे प्राचीन डॉक लोथल में ही पाया गया है। दुनिया के सभी हिस्सों जैसे दक्षिण अफ्रीका और पचिम एशिया में कई वस्तुओं को निर्यात करने में लोथल अहम भूमिका निभाता था। लोथल सरस्वती नदी के किनारे बसा है और इस वजह से व्यापारियों ने इस छोटी सी जगह को व्यापार का प्रमुख केंद्र बना दिया था जिससे आयात और निर्यात में कम समय लगे। आप यहां पर धरती के सबसे प्राचीन डोक को देख सकते हैं। लोथल में आप प्राचीन वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूना देख सकते हैं।
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प्राचीन कुआं
पानी के बिना किसी का भी जीवन असंभव है। प्रमुख व्यापार केंद्र होने के अलावा लोथल में अपने समय का एक प्राचीन कुआं भी हैं। इस कुएं से हज़ारों साल पहले की सभ्यता के लोगों को ताजे पानी की आपूर्ति की जाती थी। हालांकि, अब ये कुआं सूख चुका है और अब इसके केवल अवशेष ही बचे हैं। लोथल बेहद सुसंस्कृत और उन्नत था और इस शहर की वैज्ञानिक सेटिंग निश्चित रूप से इस तथ्य को साबित करती है। इस शहर के असाधारण वास्तुकला को देखने के बाद आप लोथल के लोगों के बुद्धिमान और चालाक होने की बात से इनकार नहीं कर सकेंगें।
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लोथल के गोदाम
प्रमुख व्यापारिक केंद्र होने के कारण लोथल में गोदाम भी था, जहां पर कच्चा सामान और मैन्युफैक्चर्ड सामान और सामग्री बिक्री से पहले रखी जाती थी। लोथल का ये गोदाम प्लैटफॉर्म पर बना है, और इसमें कई सारी चीज़ें रखी जाती थीं। ऐसा माना जाता है कि लोथल में और इसके आसपास कई छोटे गोदाम भी हैं जोकि आज भी इतिहास की कहानी बयां करते हैं।Pc:Emmanuel DYAN
एक्रोपोलिस और लोअर टाउन
लोथल का कमर्शियल और राजनीतिक केंद्र था एक्रोपोलिस। शहर के केंद्र में स्थित एक्रोपोलिस आयताकार में कई घर और स्नान घर थे। यहां की जल निकासी व्यवस्था को देखकर आप अचंभित हो जाएंगें। वहीं दूसरी ओर लोथल का प्रमुख हिस्सा है लोअर टाउन जिसमें कई वर्कशॉप, घर और अन्य निजी बिल्डिंगें हैं। इस शानदार जगह पर बीड फैक्ट्री भी हुआ करती थी।Pc:Emmanuel DYAN
संग्रहालय
अगर आप लोथल की प्राचीन कलाकृतियां देखना चाहते हैं तो आपको इसके पश्चिम दिशा में स्थित आर्कियोलॉजिकल संग्रहालय जरूर देखना चाहिए। यहां पर शीशों से लेकर चित्रकारी किए गए गमले और खिलौने, खूबसूरत आभूषण देखने को मिलेंगे। यहां पर लोथल सभ्यता की प्राचीन वस्तुओं को रखा गया है। आभूषणों के अलावा यहां पर इजिप्ट की मुहरें भी देख सकते हैं।Pc:Radhi.pandit
कैसे पहुंचे लोथल
अहमदाबाद से लोथल लगभग 78 किमी की दूरी पर स्थित है। सड़क मार्ग द्वारा लोथल आसानी से पहुंचा जा सकता है। अहमदाबार से टैक्सी, कैब या बस द्वारा भी लोथल पहुंचा जा सकता है।
अगर आप रेल से यात्रा कर रहे हैं आप अहमदाबा से बुरखी तक ट्रेन और फिर लोथल के लिए यहां से बस ले सकते हैं।
लोथल आने का सही समय
लोथल का मौसम बेहद गर्म रहता है इसलिए गर्मी के मौसम में लोथल बिलकुल ना आएं। अगर आप लोथल में बसी सभ्यता और इसके अवशेषों को आराम से देखना चाहते हैं तो लोथल आने का सबसे सही समय नवंबर से लेकर मार्च के अंत तक है।Pc: Abhilashdvbk