हिंदू धर्म में नवरात्रि का खास महत्व माना जाता है। ऐसे में अगर नवरात्रि के दूसरे दिन की बात की जाए तो इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इस दिन माता के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है। इस शुभ अवसर पर भक्त माता के दर्शन मात्र से ही अपने आप को कृतार्थ मानते हैं। ऐसे में अगर माता के मंदिर की बात की जाए तो माता का मंदिर वाराणसी में स्थित है।
मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर कहां पर है?
काशी के पंचगंगा घाट पर स्थित होने के चलते माता का मंदिर भक्तों के बीच काफी जाना जाता है। नवरात्रि के दिनों में घाटों पर भी काफी चहल-पहल देखी जाती है। वैसे अगर नवरात्रि का पर्व ना भी हो तब वाराणसी के घाटों पर पर्यटकों की संख्या में कोई खास कमी नहीं देखी जाती। लाइन में लगकर माता के जयकारों के साथ भक्त मंदिर तक पहुंचते हैं और माता को चुनरी, नारियल और माला-फूल का भोग लगाते हैं।
दर्शन मात्र से ही पूरी होती है मन्नतें
ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के शुभ अवसर पर अगर मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन किए जाए तो परब्रह्म की प्राप्ति होती है अर्थात यश, वैभव और कीर्ति की प्राप्ति होती है। श्रृंगार के बाद मां का स्वरूप देखने लायक बनता है। ऐसे में अगर मां के सुंदर मूर्ति की बात की जाए को मां के दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमंडल रहता है, जो मां के शांत स्वरूप को दर्शाता है, जिससे परब्रह्म की प्राप्ति होती है।
संतान सुख की होती है प्राप्ति
काशी में स्थित इस प्रसिद्ध मंदिर नवरात्रि के दिनों में लाखों की संख्या में भक्त आते हैं और मां के समक्ष अपना शीष नवाते हैं। इस मंदिर न सिर्फ काशी के लोग बल्कि आसपास के जिलों में और अन्य प्रदेशों से भी काफी लोग आते हैं। ऐसी मान्यता है कि मां के इस स्वरूप का दर्शन करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और मां अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं भी पूरी करती हैं।
मंदिर में जाने का सही समय - सुबह 6:30 बजे से लेकर रात के 10:00 बजे तक (दोपहर 01:00 बजे से लेकर शाम 05:00 तक मंदिर बंद रहता है लेकिन नवरात्रि के दिनों में मंदिर दिनभर खुला रहता है)
कैसे पहुंचें मां ब्रह्मचारिणी के मंदिर
नजदीकी एयरपोर्ट - वाराणसी एयरपोर्ट (लगभग 30 किमी.)
नजदीकी रेलवे स्टेशन - कैंट रेलवे स्टेशन (वाराणसी जंक्शन - 8 किमी.)
नजदीकी सड़क मार्ग - नेशनल हाईवे -19, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे या फिर बस सेवा