Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »महावीर जयंती स्पेशल: दर्शन करें जैन समुदाय के खास मंदिर के

महावीर जयंती स्पेशल: दर्शन करें जैन समुदाय के खास मंदिर के

महावीर जयंती हर साल चैत्र के शुक्ल त्रयोदशी को पड़ती है, जोकि इस साल 29 मार्च को मनाया जायेगा ।

By Goldi

विवधतायों से भरे भारत देश में हर समुदाय के त्यौहारों को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ऐसे ही धार्मिक त्योहारों में से एक है महावीर जयंती,जो भारत में जैन समुदाय द्वारा मनाया जाती है। सकल दिगंबर जैन समाज का यह 2616वां भगवान महावीर जयंती महोत्सव होगा। महावीर जयंती हर साल चैत्र के शुक्ल त्रयोदशी को पड़ती है, जोकि इस साल 29 मार्च को मनाया जायेगा ।

क्यों मनाते हैं महावीर जयंती?
मान्यता है कि इस दिन भगवान महावीर का जन्म हुआ था । महावीर जयंती को जैन समुदाय स्तर पर मनाता है । वह जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे । इस पर्व के मौके पर जैन मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है और अनेक स्थानों पर अहिंसा रैलियां निकाली जाती हैं। महावीर ने अहिंसा का संदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म है। महावीर जयंती के मौके पर जैनी समुदाय के लोग जैन मंदिरों में भगवान महावीर की मूर्ति को विशेष स्नान कराते हैं, जो कि अभिषेक कहलाता है। इसके बाद, भगवान महावीर की मूर्ति को सिंहासन या रथ पर बिठाकर उत्साह और हर्सोल्लास पूर्वक जुलूस निकाला जाता हैं, जिसमें बड़ी संख्या में जैन धर्मावलम्बी शामिल होते हैं।

कब हुआ था महावीर का जन्म?
महावीर ने 599 ईसा पूर्व में राजा सिद्धार्थ और इक्षवु वंश के क्वीन त्रिशाला से पैदा हुआ था। जैन पुराणों में वर्णन मिलता है कि महावीर के जन्म से पहले उनकी माता ने उनके जन्म से सम्बंधित 16 विशेष स्वप्न देखे थे। एक राजपरिवार में जन्मे महावीर को किसी चीज की कोई कमी नहीं, इसके बावजूद उन्होंने युवावस्था में कदम रखते ही संसार की मोह माया को त्याग दिया और और नंगे पैर ही पैदल यात्रा करते रहे।

आइये महावीर जंयती के अवसर पर सैर करते हैं जैन धर्म के प्रसिद्ध मन्दिरों की

रणकपुर जैन मंदिर,रणकपुर

रणकपुर जैन मंदिर,रणकपुर

अरावली पहाड़ियों के पश्चिमी ओर स्थित यह मंदिर भगवान आदिनाथ जी को समर्पित है, जोकि जैनियों के पांच महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में गिना जाता है। हल्के रंग के संगमरमर का बना यह मन्दिर बहुत सुंदर लगता है। पर्यटक इन मंदिरों की सुंदर नक्काशी को देख सकते हैं जो उन्हें खजुराहो के मूर्तियों की याद दिलाते है।Pc:Nagarjun Kandukuru

शांतिनाथ जैन तीर्थ, पुणे

शांतिनाथ जैन तीर्थ, पुणे

श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर महाराष्ट्र में इंदापुर, पुणे में स्थित है। यह नया दक्षिण पैटर्न मंदिर है, इस मंदिर का मुख्य आकर्षण श्री 1008 मुनिसुर्वता भगवान की 27 फुट लंबा ग्रेनाइट मूर्ति है। स्वर्ण के रंग के इस मंदिर को 'जैन स्वर्ण मंदिर' भी कहा जाता है।Pc:Drsushrutshah

दिलवाड़ा जैन मंदिर,माउंट आबू

दिलवाड़ा जैन मंदिर,माउंट आबू

भारत भारत

आदिनाथ जैन मंदिर, खजुराहो

आदिनाथ जैन मंदिर, खजुराहो

आदिनाथ मंदिर खजुराहो में जैन मंदिर से संबंधित एक विशेष मंदिर है। यह पाश्र्वनाथ मंदिर में स्थित है। 11वीं सदी में चंदेल शासकों ने यह मंदिर बनाकर जैन संत आदिनाथ को समर्पित किया था। इस मंदिर का निर्माण सप्त-रथ पर आधारित है।Pc:Marcin Białek

दिगम्बर जैन मंदिर, दिल्ली

दिगम्बर जैन मंदिर, दिल्ली

दिल्ली में लाल किले के पार स्थित दिगंबर जैन मंदिर यहाँ का सबसे पुराना जैन मंदिर है। सुंदर लाल बलिया पत्थरों से बना यह मंदिर चाँदनी चौक और नेताजी सुभाष मार्ग के चौराहे पर स्थित है। इस मंदिर में मुख्य देवता भगवान महावीर हैं - जो जैन धर्म के 24 वीं तीर्थंकर थे। इस मंदिर में भगवान आदिनाथ - जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर और भगवान पार्श्वनाथ - भगवान महावीर के पूर्ववर्ती की मूर्तियां भी हैं। इस मंदिर की अलंकृत नक्काशी और सुंदर वास्तुकला पर्यटकों को हतप्रभ करती है।Pc:Art Poskanzer

नवग्रह जैन मंदिर, वरुर

नवग्रह जैन मंदिर, वरुर

दक्षिण भारतदक्षिण भारत

गोमतेश्वर मंदिर, श्रवणबेलगोला

गोमतेश्वर मंदिर, श्रवणबेलगोला

श्रवणबेलगोला में स्थित 60 फीट लम्बी गोमतेश्वर की मूर्ति भारत के आश्चर्यों में से एक है। यह मूर्ति ग्रेनाइट के एक ब्लॉक से बनाई गई है और जिसे इस क्षेत्र में कदम रखते ही आप देख सकते हैं।Pc:Ananth H V

बड़ा जैन मंदिर जबलपुर

बड़ा जैन मंदिर जबलपुर

बड़ा जैन मंदिर जबलपुर का ऐतिहासिक मंदिर है और सबसे बड़ा स्वाधीन जैन मंदिर भी है।Pc: Malaiya

सोनागिरी जैन मंदिर, सोनागिरी

सोनागिरी जैन मंदिर, सोनागिरी

ग्वालियर से करीबन 60 किमी की दूरी पर स्थित सोनागिरी में छोटी पहाड़ियों पर 9 वीं और 10 वीं शताब्दी के जैन मंदिर हैं। यह पवित्र स्थान स्वयं-अनुशासन, तपस्या के लिए अभ्यास करने के लिए भक्तों और संन्यासी संतों में लोकप्रिय है। दूर दूर से श्रद्धालु इस मंदिर में भगवान के दर्शन करने को पहुंचते हैं।Pc:nkjain

 पालिताना जैन,भावनगर

पालिताना जैन,भावनगर

मंदिर पालिताना मंदिर जैनियों के सबसे पवित्र तीर्थ स्थान के रूप में माना जाता है। ये शत्रुंजय पहाड़ियों की चोटी पर स्थित 3000 से अधिक मंदिरों का एक समूह है, जो विशेष तौर पर संगमरमर में खुदे हुए हैं। पहाड़ी की चोटी पर मुख्य मंदिर 1 तीर्थंकर भगवान आदिनाथ (ऋषिदेवा) को समर्पित है। पहाड़ी के शीर्ष पर अन्य मंदिर 900 साल की अवधि में जैनियों की अलग-अलग पीढ़ियों के द्वारा बनाये गये हैं। इसकी मान्‍यता के कारण हर जैनी की मनोकामना होती है कि वह जीवन में कम से कम एक बार पहाड़ी चढ़कर मंदिर तक जाये। जैनी यह भी मानते हैं कि कई लोगां ने इस पहाड़ी से ही मोक्ष प्राप्त किया है।Pc:Bernard Gagnon

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X