हम अपने पिछले कई लेखों में पर्यटन की दृष्टि से गुजरात के महत्त्व को दर्शा चुके हैं। एक पर्यटक के लिए भारत के पश्चिमी भाग में बसे गुजरात में बहुत कुछ है। इस बेपनाह खूबसूरत राज्य ने अपनी स्थलाकृतिक और सांस्कृतिक विविधता के लिए देश के अलावा दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित किया है। इसी क्रम में आज हम आपको अवगत कराएंगे गुजरात के एक बेहद खूबसूरत डेस्टिनेशन मांडवी से।
मांडवी कच्छ का प्रमुख बंदरगाह है तथा मुंबई या सूरत के पहले यह गुजरात का भी प्रमुख बंदरगाह था। पूर्वी अफ्रीका, फारस की खाड़ी, मालाबार तट और दक्षिण - पूर्वी एशिया से जहाज यहाँ अरब सागर के इस बंदरगाह पर आते थे। कच्छ के राजा खेंगार्जी ने सन 1574 में मांडवी की स्थापना बंदरगाह शहर के रूप में की। मांडवी जल्दी ही समृद्ध हुआ क्योंकि यह गुजरात का बहुत महत्वपूर्ण बंदरगाह बन गया था।
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मांडवी की संस्कृति कच्छ की वास्तविक संस्कृति को प्रदर्शित करती है। व्यापारी और नाविक यहाँ के प्रमुख निवासी हैं। ज्ञात हो कि मांडवी स्थानीय रोटी जिसे दाबेली कहा जाता है, के लिए प्रसिद्ध है। दाबेली की खोज वर्ष 1960 में केशवजी गाभा चुडासमा ने की थी। तो आइये देखें पर्यटन की दृष्टि से ऐसा क्या है जो आपको अपनी मांडवी यात्रा पर अवश्य देखना चाहिए।
भद्रेश्वर
भद्रेश्वर मुंद्रा तालुका से 32 किमी. की दूरी पर स्थित है जो समुद्र तट से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित है। यह धार्मिक महत्व का स्थान है जिसे उतनी प्रशंसा नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिए थी। भद्रेश्वर गुजरात में स्थित जैनियों का प्रमुख तीर्थस्थल है। इस बात कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है कि इसकी स्थापना कब हुई थी। ऐसा माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पार्श्वनाथ की वास्तविक मूर्ति जो ईसा पूर्व 500 की है, मुख्य मंदिर के आसपास के 52 छोटे मंदिरों में से एक है। मुख्य मंदिर सफ़ेद संगमरमर से बना है तथा यहाँ शानदार स्तंभ है जो इसे एक सुंदर स्थान बनाते हैं।
फोटो कर्टसी - Chanchal Rungta
कोडे
कोड़े मांडवी से 10 किमी. की दूरी पर स्थित है तथा जैन मंदिर के लिए प्रसिद्ध है जहाँ अलग अलग 72 मंदिर हैं। इस स्थान की ख़ास बात यहां की दीवारों पर करी गयी नक्काशी है जो आने वाले किसी भी पर्यटक न मन मोह सकती है। यदि आप वास्तु में दिलचस्पी रखते हैं तो इस स्थान की यात्रा अवश्य करें।
फोटो कर्टसी - Gujarat Tourism
क्रांति तीर्थ
क्रांति तीर्थ या श्यामजी कृष्णा वर्मा मेमोरियल (स्मारक) मांडवी से 4 किमी. की दूरी पर अरब सागर के समुद्र तट के पास स्थित है। इस स्मारक की नींव वर्तमान में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 4 अक्टूबर 2009 को रखी थी। 56,318 वर्ग फुट की इस संरचना को बनने में 14 महीने का समय लगा। यह स्मारक 13 दिसंबर को गुजरात के मुख्यमंत्री द्वारा देश को समर्पित किया गया। यह स्मारक श्री श्यामजी कृष्णा वर्मा के जीवन और भारत की स्वतंत्रता में उनके द्वारा दिए योगदान की झलक प्रदर्शित करता है। इस स्मारक में स्मृति कलश में इस स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी पत्नी भानुमति की अस्थियाँ रखी गई हैं।
फोटो कर्टसी - Chanchal Rungta
मुंद्रा
मुंद्रा भारत का सबसे बड़ा निजी बंदरगाह है जो कच्छ के दक्षिणी किनारे पर मुंद्रा तालुका में स्थित है। यद्यपि किसी समय में यह बंदरगाह अपने नमक और मसालों के व्यापार के लिए जाना जाता था, परन्तु अब यह टाई एंड डाई और ब्लॉक प्रिंट टेक्सटाइल के लिए जाना जाता है।
फोटो कर्टसी - Felix Dance
शिपबिल्डिंग यार्ड
मांडवी का शिप बिल्डिंग यार्ड रुक्मावती नदी के किनारे स्थित है। कुशल कारीगरों को जहाज़ बनाते हुए देखना एक यादगार अनुभव होता है। ये जहाज़ वे स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए बनांते हैं। यहाँ मुख्य रूप से लकड़ी का कारोबार होता है।
फोटो कर्टसी - Venkasub
विजय विलास महल
विजय विलास महल का निर्माण सन 1929 में राव विजयराजजी ने करवाया था। राजपूत शैली में बना हुआ यह महल एक शानदार स्थान है जिसके मध्य में एक गुंबद है, किनारों पर बंगाल गुंबद हैं, रंगीन कांच की दीवारें हैं और पत्थर की दीवारों पर सुंदर नक्काशियां की गई हैं। यह महल बॉलीवुड की कई फिल्मों जैसे लगान और हम दिल दे चुके सनम में दिखाया गया है। इस महल का निर्माण विभिन्न शहरों जैसे जयपुर, राजस्थान, बंगाल और कच्छ से आये हुए वास्तुकारों और कारीगरों ने किया था। इस महल की सैर वास्तव में यादगार साबित होती है।
फोटो कर्टसी - nevil zaveri
नवजीवन नेचर केयर सेंटर
भुज - कच्छ रोड़ पर पुनादी पाटिया गाँव के पास स्थित नवजीवन नेचर केयर सेंटर विभिन्न प्रकार की बीमारियों के लिए प्राकृतिक उपचार जैसे पंचकर्म, योग, ध्यान, नैचरोपैथी आदि प्रदान करता है। उनके पास 40 हेक्टेयर की जैविक कृषि भूमि है जहाँ फल और सब्जियां तथा औषधीय पौधे उगाये जाते हैं।
फोटो कर्टसी - Gujarat Tourism
कैसे जाएं मांडवी
मांडवी की सैर की योजना बनाने वाले पर्यटक हवाई मार्ग, रेलमार्ग और रास्ते द्वारा यहाँ पहुँच सकते हैं।
फ्लाइट द्वारा - मांडवी का निकटतम हवाई अड्डा सूरत है जो 166 किमी. की दूरी पर स्थित है जो मांडवी को भारत के विभिन्न भागों से जोड़ता है।
रेल द्वारा - मांडवी का निकटतम रेलवे स्टेशन मधी रेलवे स्टेशन, सूरत है जो 175 किमी. की दूरी पर स्थित है औअर इस स्टेशन के द्वारा यह देश के अन्य भागों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग द्वारा - यहाँ परिवहन के स्थानीय साधन जैसे निजी बसें, टैक्सी और ऑटो रिक्शा उपलब्ध हैं।
फोटो कर्टसी- Smeet Chowdhury