कोलकाता से करीब 587 किमी की दूरी पर स्थित कुर्सियांग पश्चिम बंगाल के चुंनिंदा सबसे खूबसूरत पर्वतीय क्षेत्रों में गिना जाता है। खूबसूरत पहाड़ियों की बीच बसा कुर्सेओंग समुद्र तल से लगभग 1500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस शानदार हिल स्टेशन को बसाने का श्रेय भारत में अंग्रेजों को जाता है। कुर्सियांग के आसपास कई खूबसूरत पहाड़ी मौजूद हैं, उन्हीं में से एक है डॉव हिल्स। डॉव हिल्स प्राकृतिक खूबसूरती के मामले में काफी ज्यादा उन्नत माना जाता है।
लेकिन अपनी कुदरती सुंदरता के अलावा यह पहाड़ी अपने भुतहा अनुभवो के लिए भी काफी कुख्यात है। शायद बहुत कम लोग इस तथ्य से वाकिफ होंगे कि यहां कई ऐसे स्थान मौजूद हैं जहां असामान्य अनुभवों/नेगेटिव एनर्जी का सामाना किया गया है।
प्रेतवाधित हिल स्टेशन
दार्जिलिंग से करीब 30 किमी की दूर कुर्सियांग पर स्थित है भारत का सबसे प्रेतवाधित हिल स्टेशन डॉव हिल। यह पहाड़ी क्षेत्र अपने असाधारण अनुभवों के लिए आसपास के क्षेत्रों में काफी ज्यादा कुख्यात है। इस पहाड़ी से कई डरावने किस्से-कहानियां जुड़ी हुई हैं। अकसर यहां दार्जिलिंग घूमने आए सैलानी भ्रमण के लिए आते हैं, लेकिन बहुतों को इस पहाड़ी के अन्य पहलूओं के बारे में नहीं पता है।
अपने ऑर्किड और चाय के बागानों और पहाड़ी सुंदरता के अलावा कुर्सियांग मौत की सड़क, सरकटे भूत, प्रेतवाधित स्कूल और अनगिनत सच्ची भूत-प्रेतों की कहानियों का घर भी माना जाता है।
मौत की सड़क
अपनी पहाड़ी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध डॉव हिल्स अपने डरावने अनुभवों के लिए हमेशा चर्चा में रहता है। यहां एक पहाड़ी सड़क है जिसे मौत की सड़क का नाम दिया गया है। यह सड़क डॉव हिल और फॉरेस्ट ऑफिस के बीच बताई जाती है।
यहां अकसर गांव के लकड़हारे लड़की काटने के लिए जंगल में आते हैं जहां से यह सड़क होकर गुजरती है। स्थानीय जानकारों का मानना है कि यहां उन्होंने किसी सर कटे लड़के का चलते और भागते देखा है।
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कई डरावने किस्से दर्ज
इस सट कटे भूत के नाम कई डरावने स्थानीय किस्से जुड़ चुके हैं। स्थानीय लोग बताते है कि यह सरकटा भूत अचानक किसी का भी पीछा करने लगता है। लोगों ने कई डरवानी रातों का जिक्र इस अपनी आपबीती में किया है। लोगों ने यहां तक बताया है कि वो बुरी शक्ति अपनी लाल आंखों से लोगों को घूरती है।
इसके अलावा लोगों ने किसी और की आत्मा के होने का भी जिक्र किया है। वो महिला शाम के बाद इसी वीरान सड़को या जंगलों में दिखाई देती है।
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जंगल की बुरी हवा
डॉव हिल्स के जंगल वाकई काफी डरावना एहसास कराते हैं। लोगों का मानना है कि इन जंगलों की हवा ही शैतानी है। ऐसा माना जाता है कि जंगल के कुछ हिस्से श्रापित हैं, जो भी वहां जाने की कोशिश करता है अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है।
जानकारों का मानना है कि कई बार इंसान अपना मानसिक संतुलन खोकर स्वयं को भी मारने के प्रयास में लग जाता है। इसलिए अकसर पर्यटकों को स्थानीय लोग घने जंगल के अंदर जाने के लिए मना करते हैं।
डॉव हिल्स का भुतहा स्कूल
डॉव हिल्स के जंगलों के बीच स्थित 100 साल पुराना विक्टोरिया बॉयज हाई स्कूल पहाड़ी के चुनिंदा प्रेतवाधित जगहों में गिना जाता है। जानकारों का मानना है कि इस स्थान के आसापास कई अप्राकृतिक मौते हुए हैं। जिसकी बुरी शक्तियों का प्रभाव इस स्कूल पर भी है। सर्दियों के दिनों में यह स्कूल बंद रहता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस स्कूल से चीखने-चिल्लाने की आवाजें उस दौरान ज्यादा आती हैं जब यह स्कूल बंद रहता है।
दिसंबर से मार्च का महीना इस स्कूल को काफी ज्यादा डरावना बना देता है। वैसे कुर्सियांग एक खूबसूरत जगह है लेकिन इसके डरावने पक्ष को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
कैसे आएं कुर्सियांग
कुर्सियांग कोलकाता से 587 और दार्जिलिंग से 30 किमी की दूरी पर स्थित है। आप यहां तीनों मार्गों से पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा बागडोगरा एयरपोर्ट है, इसके अलावा आप कोलकाता एयरपोर्ट का सहारा भी ले सकते हैं।
रेलवे मार्ग के लिए आप कुर्सियांग रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। कुर्सियांग रेलवे स्टेशन भारत के कई बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इसके अलावा आप यहां सड़क मार्गों के द्वारा भी पहुंच सकते हैं। सिलीगुड़ी के रास्ते आप यहां तक पहुंच सकते हैं।