भारत की राजधानी दिल्ली से सटा गुड़गांव व्यवसायी पेशेवरों का मुख्य केंद्र माना जाता है। यहां दिन-रात काम करने वाले कई बीपीओ मौजूद हैं। जिनमें एक बड़ी युवा आबादी काम करती है। रोजगार के मामले में गुड़गांव एक अच्छा विकल्प माना जाता है। लेकिन इन सब के अलावा गुड़गांव अपने प्रेतवाधित अनुभवों के लिए भी काफी कुख्यात है।
आज हम आपको इस व्यवसायी इलाके से जुड़ी उन डरावनी सच्ची घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें जानकर आपके सच में होश उड़ जाएंगे। इस लेख में गुड़गांव की उन चुनिंदा जगहों को शामिल किया गया है जहां सच में लोगों ने आत्मा, भूत-प्रेतों के होने का अनुभव किया है।
गुड़गांव – महरौली रोड
गुड़गांव और महरौली को जोड़ने वाली रोड़ अपने प्रेतवाधित अनुभवों के लिए कुख्यात है। जिसे गुड़गांव के सबसे डरावने स्थानों में गिना जाता है। दिन के समय यह रोड़ भले ही आपको व्यस्त दिखे, पर रात का मंजर कुछ अलग ही होता है। जानकारों का मानना है कि यहां सफेद लिबास को कोई महिला दिखाई देती है। जो अकसर गाड़ियों का पीछा करती है। जो लोग यहां के अजीबोगरीब अनुभवों से गुजर चुके हैं वो रात में यहां से गुजरने की हिम्मत नहीं करते।
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अशोक विहार फ्लाईओवर
अशोक विहार फ्लाईओवर भी चुनिंदा प्रेतवाधित स्थानों में गिना जाता है। जानकारों का मानना है कि यहां भी कोई सफेद लिबास में किसी महिला की आत्मा भटकती है। लोगों का मानना है कि यहां रात 12 बजे के बाद जब पूरा रास्ता सुनसान हो जाता है तब कोई महिला गाड़ी रोकने के लिए हाथ दिखाती है।
जानकारों का मानना है कि जिसने भी उस महिला के कहने पर अपनी गाड़ी रोकी वो उस रात के बाद एक रहस्य बनकर रह गया। इसलिए यहां रात में जल्दी से कोई अपनी गाड़ी नहीं रोकता है।बनारस-लखनऊ के सफर के बीच इस तरह लीजिए डबल मजा
सेक्टर 9, द्वारिका
सेक्टर 9, द्वारिका भी रात के डरावने आतंक के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि यहां किसी पीपल के पेड़ पर कोई चुड़ैल रहती है। जो अकसर रात के समय लोगों को सफेद लिबास में दिखाई देती है। रात में गुजरने वाले कामकाजी लोगों का मानना है कि उन्हें यहां पीछे से कोई धक्का मारने जैसा अनुभव होता है।
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सैफरन बीपीओ- गुड़गांव
गुड़गांव का सैफरन बीपीओ भी चुनिंदा प्रेतवाधित स्थानों में गिना जाता है। जानकारी के अनुसार यहां कोई रोज़ नाम की यंग लेडी काम किया करती थी। कहा जाता है कि एक बार एक लंबे कॉल के बाद वो छुट्टी पर चली गई। जिसके बाद वो गायब हो गई । उस यंग लेडी के साथ काम करने वाले कर्मचारियों ने जब उसका पता लगाने के लिए उसके मकान मालिक से उसके बारे में पूछा तो पता चला कि रोज़ नाम की कोई महिला यहां रहती ही नहीं थी।
बाद में कर्मचारियों ने रोज़ के माता-पिता को ढूढ निकाल, जिनसे बात कर पता चला कि रोज़ 8 साल पहली ही मर चुकी है। यह सुनकर सब के होश उड़ गए थे। और उससे ज्यादा यह सोच कर कि वे अबतक किसी आत्मा के साथ काम कर रहे थे। माना जाता है कि यह इमारत किसी कब्रिस्तान पर बनाई गई है।OMG : जितना चाहें दबाकर खाएं और जितनी मर्जी उतना चुकाएं !
अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क
उपरोक्त स्थानों के अलावा गुड़गांव का अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क भी प्रेतवाधित स्थानों में गिना जाता है। यह पार्क महिपालपुर और पालम के बीच स्थित है। यह जगह अपने अजीबोगरीब अनुभवों के लिए जानी जाती है। जहां रात का मंजर कुछ अलग ही रूप में दस्तक देता है।
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