भारत के पूर्वी छोर पर बसा ओडिशा राज्य अपनी जनजातीय संस्कृति और अपने ऐतिहासिक हिन्दू मंदिरों के लिए जाना जाता है। राज्य का राजधानी शहर भुवनेश्वर कई खूबसूरत धार्मिक स्थानों का घर माना जाता है। ओडिशा वही ऐतिहासिक भूमि है जहां भारत का प्रसिद्ध कलिंग युद्ध लड़ा गया था, जिसने सम्राट अशोक का इस तरह मन परिवर्तन किया कि उन्होंने अस्त्र-शस्त्र त्याग बौद्ध धर्म अपना लिया और मानवजाति के कल्याण में अपनी आगे की जिंदगी न्योछावर कर दी।
इसके अलावा ओडिशा भारतीय पर्यटन में भी अपना योगदान देता है, यहां कई खूबसूरत स्थान मौजूद हैं जहां की सैर का आनंद लेने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। लेकिन इन्हीं स्थानों के बीच कुछ ऐसी भी कुख्यात जगहें हैं जहां कोई नहीं जाता। रहस्य की पड़ताल में आज हमारे साथ जानिए ओडिशा के चुनिंदा उन स्थानों के बारे में जिन्हें राज्य के प्रेतवाधित स्थानों में गिना जाता है।
मंगलाजोड़ी का प्रेतवाधित पेड़
ओडिशा का जाना माना स्थान मंगलाजोड़ी अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के अलावा अपने प्रेतवाधित अनुभवों के लिए ज्यादा जाना जाता है। यहां कई ऐसे पुराने वृक्ष मौजूद हैं जो दिन में भी काफी डरावना एहसास कराते हैं। शाम के वक्त तो कोई यहां रूकने की हिम्मत भी नहीं करता।
जानकारों का मानना है कि यहां कोई प्रेतवाधित पेड़ है जो यहां आने वालों लोगों को अपना शिकार बनाता है। स्थानीय निवासियों के अनुसार यह रहस्यमयी पेड़ 21 लोगों की जान ले चुका है।
कटक हॉस्टल
ओडिशा के प्रसिद्ध शहर कटक में कोई पुरना हॉस्टल बताया जाता है, लोगों का मानना है कि उन्होंने इस हॉस्टल में कई अनहोनियों को घटते देखा है। जानकार बताते हैं तो कि यहां किसी वृद्ध इंसान की आत्मा का निवास है, जो अकसर रात के समय लोगों को दिखाई देती है।
बहुतों ने हिम्मत भी की उसके करीब जाने की पर वो अदृश्य हो जाता है। आधी रात के समय अजीबोगरीब आवाजें यहां आम है। अपने प्रेतवाधित अनुभवों के कारण इस हॉस्टल को शहर का सबसे प्रेतवाधित स्थान माना जाता है।
पुरी का प्रेतवाधित घर
ओडिशा के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पुरी को भला कौन नहीं जानता है, विश्व विख्यात जग्गननाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध यह शहर पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित करता है। लेकिन इस शहर में भी कुछ ऐसे स्थान हैं जो अपने असामान्य अनुभवों के लिए जाने जाते हैं। माना जाता है कि पुरी में कोई पुराना घर है जिसे शहर का प्रेतवाधित स्थान माना जाता है। जानकारों की मानें तो इस मकान के मालिक ने इसी घर में आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद उसकी आत्म इस घर में भटकती है।
बहुत से लोग यहां रहने के लिए आए पर ज्यादा दिन तक रह न सके। अजीबोगरीब अनुभवों के कारण यहां कोई रहने नहीं आता।
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जतन-नगर
ओडिशा के जतननगर में कोई 100 कमरों वाला पैलेस है, जिसे कई मजदूरों के द्वारा बनवाया गया था। माना जाता है कि महल निर्माण के दिनों में मजदूरों पर कई ज्यादतियों की जाती थीं, जिसकी वजह से कई मजूदरों ने अपने प्राण उसी दौरान इसी महल में छोड़ दिए।
उस दौरान मरे मजदूरों की आत्मा अब इस महल में भटकती है। माना जाता है कि ये आत्माएं महल की दीवारों पर रहती हैं, और यहां आने वालों को अपना शिकार बनाती हैं। इन प्रेतवाधित अनुभवों के कारण इस महल को शहर का सबसे प्रेतवाधित स्थान माना जाता है ।
भुवनेश्वर का आरआईई
ओडिशा के भुवनेश्वर शहर में भी कई ऐसे स्थल हैं जिन्हे प्रेतवाधित माना गया है। माना जाता है कि यहां आरआईई ( रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन) में कभी बहुत से छात्रों ने आत्महत्या की थी, जिनकी आत्मा आज इस इंस्टिट्यूट में भटकती है। शाम के बाद यहां के बहुत से इलाके काफी डरावने एहसास कराते हैं।
जानकारों का मानना है कि यहां रात के समय अजीबोगरीब आवाजें सुनाई देती है। इन सब डरावने अनुभवों के कारण इस स्थान को शहर का चुनिंदा प्रेतवाधित स्थान माना जाता है।
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बालासोर प्रेतवाधित घर
ओडिशा के बालासोर में कोई प्रेतवाधित घर बताया जाता है, माना जाता है कि कोई परिवार किसी अन्य शहर से बालासोर शिफ्ट हुआ था, कुछ समय यहां रहने के बाद उस परिवार को अनुभव हुआ कि वे इस घर में अकेले नहीं हैं, कोई और भी है जो यहां रहता है पर दिखाई नहीं देता ।
एक सुबह उस परिवार के कुछ सदस्यों के शरीर पर खरोंच के निशान दिखाई दिए, जिसके बाद वो परिवार काफी डर गया। जब इस घर के बारे में पता लगाया गया तो पता चला यह घर कभी श्मशान रही जमीन पर बनाया गया है। जहां की भटकती रूह इस घर को भी अपना शिकार बनाती हैं।
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चांदपुर गांव
उपरोक्त स्थानों के अलावा ओडिशा में कोई चांदपुर नाम का गांव भी है, जो अपने प्रेतवाधित अनुभवों के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि यहां किसी स्थानीय निवासी के पिता को किसी बुरी शक्ति ने अपना शिकार बनाया था। इस रहस्य को सुलझाने के लिए उस आदमी ने खोज जारी की...जिसके बाद पता चला कि गांव की किसी एक लड़की को भी उसी आत्मा ने अपना शिकार बनाया था, जिसने उसके पिता की जान ली थी। तंत्र-मंत्र से पता चला कि यहां कोई शैतानी पेड़ है जहां की बुरी आत्मा गांव में अपना डरावना आतंक मचाती है।
जानकारों की मानें तो उस पेड़ को काटने का फैसला किया गया,पर पेड़ कटने से पहले ही उस आदमी को बुरी आत्मा ने अपना शिकार बना लिया। इस कहानी में कितनी सच्चाई है इसके बारे में कोई सटीक प्रमाण नहीं मिलता ।