भारत का इतिहास 5000 साल से भी ज्यादा पुराना और इस वजह से देश में कई ऐसी जगहे हैं जिन्हें धरोहर के रूप में जाना जाता है।
विंटर वेकेशन में मज़ा लीजये 5 सबसे रोमांचक हिल स्टेशन का
, दार्शनिक और रहस्यों से समृद्ध है। इस वजह से दुनियाभर से इतिहास प्रेमी" loading="lazy" width="100" height="56" />भारत संस्कृति, कला, परंपरा, संगीत, वास्तुकला, दार्शनिक और रहस्यों से समृद्ध है। इस वजह से दुनियाभर से इतिहास प्रेमी
प्यार की 6 खूबसूरत नायाब निशानियाँ जो अमर प्रेम की कहानियां दोहराती हैं
इस देश में तंग सड़कों, गलियों और शहरों में स्थित कई प्राचीन जगहें भी हैं जो अब खंडहर बन चुकी हैं। भारत में आधुनिकता और पंरपरा का अद्भुत मेल देखा जा सकता है। आज भी अपनी ऐतिहासिक इमारतों के लिए भारत ऐतिहासिक महत्व रखता है। तो चलिए जानते हैं भारत के ऐतिहासिक स्थलों के बारे में।
ताज महल
इतिहास में ताजमहल को शाहजहां की बेगम मुमताज महल का मकबरा बताया गया है। इस इमारत को बनाने में 20,000 से भी ज्यादा कलाकारों को 21 साल का समय लग गया था। ये शानदार इमारत आगरा शहर में यमुना नदी के तट पर स्थित है।
ताजमहल की दीवारों पर खूबसूरत नक्काशी कई गई है। जटिल जियोमेट्रिक पैटर्न के लिए ताज आज भी इतिहासकारों और ज्योतिषविदों के लिए रहस्य बना हुआ है और ये संरचना बनाने वाले कारीगरों की उत्कृष्टता को भी बयां करती हैं।Pc: Suraj rajiv
हंपी
तुंगभद्रा नदी के तट पर बसा कर्नाटक का हंपी शहर प्राचीन समय में विजयनगर राजवंश की राजधानी हुआ करता था। इस शहर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है क्योंकि इस शहर में विजयनगर शासनकाल के अनेक मंदिर और महल मौजूद हैं।
हंपी आने वाले पर्यटकों को यहां सबसे ज्यादा मंदिर देखने का मौका मिलेगा। हंपी के सभी मंदिर बेहद शानदार और ऐतिहासिक हैं। हंपी का प्राचीन मंदिर विरुपाक्षा मंदिर बेहद खूबसूरत है। इस मंदिर में सालभर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।
सांची के बौद्ध मठ
सम्राट अशोक द्वारा 3 ईस्वीं में सांची के स्तूपों को बनवाया गया था। इन स्तूपों पर बुद्ध के जीवन का चित्रण किया गया है जैसे कि जातका की कथा में बताया गया है। सबसे पहले 1818 में ब्रिटिशों ने सांची के स्तूप की खोज की थी। इस स्मारक को संरक्षित रखने के लिए यहां पर मरम्मत कार्य चल रहा है। पर्यटकों के लिए ये जगह सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक खुली रहती है।Pc:Asitjain
अजंता और एलोरा की गुफाएं
औरंगाबाद की सहयाद्रि की श्रृंख्लाओं में स्थित है खूबसूरत अजंता और एलोरा की गुफाएं जोकि दूसरी शताब्दी की हैं। इन गुफाओं को देश की प्राचीन वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है। उस समय के कारीगरों की कारीगरी इन गुफाओं में साफ झलकती है।
एलोरा में कुल 34 गुफाएं हैं जोकि 350 ईस्वीं से 700 ईस्वी में बनी थीं और ये हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म से संबंधित हैं। अजंता में 200 ईस्वीं से 650 ईस्वीं में बनी 29 गुफाएं हैं जोकि बुद्ध के जीवन का विवरण करती हैं।
खजुराहो
खजुराहो में अनके हिंदू और जैन स्मारक हैं जिन्हें नागर शैली में बनाया गया है। खजुराहो को अपने समय से काफी आगे है क्योंकि यहां अनके कामुक मूर्तियां है। चंदेला राजवंश के शासकों द्वारा खजुराहो के मंदिरों को बनवाया गया था। इन पर की गई नक्काशी काफी कामुक है।
वास्तविक रूप से खजुराहों में 85 संरचनाएं थीं जिनमें से केवल 22 ही आज मौजूद हैं। इनमें से अधिकतर बलुआ पत्थर से अलग-अलग रंगों में बनी हुई हैं। इन इमातरों के अद्भुत सौंदर्य और इतिहास के कारण इन्हें यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर का गौरव प्राप्त है।Pc:Dennis Jarvis
महाबलिपुरम
पत्थर की और अखंड मूर्तियों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर महाबलिपुरम सातवीं शताब्दी में पल्लव राजवंश का बंदरगाह हुआ करता था और इसे विश्व धरोहर की सूची में भी शामिल किया गया है। महाबलिपुरम रचनात्मकता और गहन शिल्प कौशल का वर्णन करती है।
इस स्थान की इमारतें स्थानीय ग्रेनाइट पत्थर से बनी हैं और ये चार भागों - चट्टान को काटकर बनाई गई गुफाएं, मंदिर, शांति स्थल और देवस्थान में विभाजित हैं।Pc:Santhoshbapu
कोणार्क सूर्य मंदिर
बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित झिलमिलाता कोणार्क सूर्य मंदिर मंदिर सूर्य भगवान के रथ का प्रतिनिधित्व है। इस संरचना में 24 पहियों हैं जो सुंदर डिजाइनों से भरे हैं और छः घोड़ों द्वारा तैयार की गई हैं। इस मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था,जो आज भारत के प्रसिद्ध मन्दिरों में शुमार है। यह कलिंग के जीवन के अनुग्रह, आनंद और लय का प्रदर्शन करता है।Pc:Dinudey Baidya
जैसलमेर किला
पीले बलुआ पत्थरों से ना जैसलमेर किला राजा जायसवाल द्वारा बारहवीं शताब्दी में त्रिकूटा पर्वत पर बनवाया गया था। इस किले से कई तरह की ऐतिहासिक कहानियां जुड़ी हुई हैं। यह भारतीय कला और सैनीय किले का अद्भुत मेल है। थार मरुस्थल के मध्य में स्थित जैसलमेर के किले को एक बार देखने के बाद आप कभी नहीं भूलेंगें।Pc:Ggia
फतेहपुर सीकरी
भारत में मुगल कला का एक और उत्कृष्ट उदाहरण है फतेहपुर सीकरी। हर साल यहां हज़ारों पर्यटक घूमने आते हैं। इस इमारत का निर्माण अकबर द्वारा सूफी संत को श्रद्धांजलि स्वरूप बनवाया गया था। ये आगरा से 26 किमी दूर है। इस इमारत की वास्तुकला इंडो-मुस्लिम है और दो संस्कृतियों के मेल से बनी ये इमारत काफी खूबसूरत है।
Pc: RebexArt
कुतुब मीनार
स्कूल के समय से ही हम कुतुब मीनार के बारे में पढ़ते आ रहे हैं और यह इमारतपाकिस्तान की मीनार ए पाकिस्तान इमारत के जैसी दिखती है। इसे 1960 में मुगल और आधुनिक शिल्पकला से बनाया गया है। दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया है और इसे 1192 लाल रंग के बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनाया गया है। ये शानदार इमारत दिल्ली सल्तनत के पहले शासक कुतुबुद्दीन एबक द्वारा बनवाई गई थी।
कुतुब मीनारे के पूर्वी द्वारा पर इसके निर्माण और इसे बनाने वाली चीज़ों का विवरण दिया गया है। इसका निर्माण 27 हिंदू मंदिरों को नष्ट करने के बाद उनसे प्राप्त चीज़ों से किया गया था।Pc:Hsoniji007