अरुणाचल में एक तरफ तो विभिन्न जनजातीय समूहों के उत्सव, उनके लोक संगीत की जीवंत परंपरा है तो दूसरी तरफ खूबसूरत आर्किड के खिले हुए फूल, बर्फ से ढंकी पहाड़ों की चमचमाती चोटी, खूबसूरत वादियां, जंगल के पत्तों की सरगोशियां, तंग जगहों से पानी का घुमावदार बहाव, जो लोगों को बरबस मुग्ध कर देती हैं। वास्तव में इस राज्य की यात्रा एक जादुई एहसास कराती है और दिल में हमेशा-हमेशा के लिए जगह बना लेती है।
वन्य जीवों और कीटों की सैकड़ों लुप्त होती प्रजातियों का दीदार अरुणाचल में सहज संभव है। यहाँ पाए जाने वाले विभिन्न तरह के पेड़-पौधे शोधकर्ताओं के लिए खास हैं तो पहाड़ों से उतरती नदियाँ जल क्रीड़ा का साहसिक अवसर प्रदान
करती हैं। राफ्टिंग के लिए इससे बेहतर जगह और कोई नहीं है। चीन की सीमा पर बर्फबारी का आनंद है तो वर्षा वन शोधार्थियों के लिए वरदान है।
अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश एक बेहद ही खूबसूरत राज्य है...जिसे देखने के लिए पर्यटक बरबस खींचे चले आते हैं। अरुणाचल प्रदेश में आने वाले पर्यटक ढेर सारे एडवेंचर स्पोर्ट्स गेम्स का भी लुत्फ उठा सकते हैं। साथ ही यह जगह उनके लिए भी परफेक्ट है..जो शहर की भागदौड़ भरी जिन्दगी से दूर सुकून के कुछ पल अपनों के साथ या खुद के साथ बिताने आये हों। यहां की असीम शांति और प्रकृतिक सुन्दरता मन को एक अदम्य शांति का एहसास कराती है।
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तवांग
तवांग अरुणाचल प्रदेश के उत्तर- पश्चिमी भाग में स्थित है। यह समुद्र स्तर से लगभग 10,000 फीट ऊपर है और झीलों से घिरा हुआ है। तवांग दो शब्दों से मिलकर बना है-ता मतलब घोड़ा और वांग मतलब चुनना। तवांग की उत्तर-पूर्व दिशा में तिब्बत, दक्षिण-पश्चिम में भूटान और दक्षिण-पूर्व में पश्चिम कमेंग स्थित है। तवांग का नामकरण 17वीं शताब्दी में मिराक लामा ने किया था। यहाँ पर मोनपा जाति के आदिवासी रहते हैं। यह जाति मंगोलों से संबंधित है। यह पत्थर और बांस के बने घरों में रहते हैं। प्राकृतिक ख़ूबसूरती के अलावा पर्यटक यहाँ पर अनेक बौद्ध मठ भी देख सकते हैं। यह मठ बहुत प्रसिद्ध हैं। यहाँ पर एशिया का सबसे बडा मठ तवांग मठ भी है। अपने बौद्ध मठों के लिए यह पूरे विश्व में पहचाना जाता है।
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अलोंग
अलोंग अरुणाचल प्रदेश राज्य के पूर्वी सियांग ज़िले में समुद्री स्तर से 300 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक नगर है। अलोंग सुंदर गाँवों वाला प्राकृतिक वातावरण के बीच स्थित अरुणाचल प्रदेश का एक छोटा नगर है। गर्मी के मौसम के लिए अलोंग अरुणाचल प्रदेश का सबसे अधिक पर्यटकों वाला स्थान है। सुंदर पेड़-पौधों से भरा यह स्थान अरुणाचल प्रदेश के सर्वाधिक उपयुक्त स्वास्थ्य वर्धक स्थानों में से एक है। अलोंग जाने के लिए मीठुन और जर्सी क्रॉस ब्रीडिंग फार्म से गुजरना होता है जो अलोंग से 25 किमी की दूरी पर कामाकी में स्थित है। अलोंग में आलो जाति के आदिवासी निवास करते हैं।
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मेचुका
मेचुका के नीले पहाड़ की घाटियों और घने हरे जंगलों में मेंबा जनजाति के लोग रहते हैं। यह एक चर्चित पर्यटन स्थल है, जो अपनी प्रकृति संदरता और बौद्ध मठ के लिए जाना जाता है। यह मठ करीब 400 साल पुराना है और यहां के पुस्तकालय में कई बहुमूल्य बौद्ध धर्मलेख और पुस्तकों को सुरक्षित रखा गया है। यहां की खूबसूरत मेचुका झील हरियाली से घिरी हुई है। प्राकृतिक दृष्टि से झील के आसपास का क्षेत्र बेहद समृद्ध है। मेचुका घाटी से सियोम नदी बहती है। मेचुका भारत-तिब्बत सीमा से सिर्फ 29 किमी दूर है। इस क्षेत्र में अदी जनजाति के लोग निवास करते हैं। यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट लीलाबारी में है।
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सेला दर्रा
सेला दर्रा अरुणाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा देखे जाने वाली जगह है। यह दुनिया के उच्च ऊंचाई पहाड़ वाले पहाड़ों में से एक है। तवांग तक जाने के लिए सड़क से होकर गुजरना होगा। सर्दियों के दौरान झील बर्फ जैसे जम जाते हैं।
PC: Saurabhgupta8
बोमडिला
बोमडिला में सेब के बाग़ पर्यटकों के बीच खासा आकर्षण का केंद्र है...जिस कारण यहां हमेशा ही पर्यटकों का जमघट लगा रहता है। सर्दियों में यह जगह और भी सुहानी लगती है। बोमडिला समुद्र तल से 8000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है,। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के अलावा बोमडिला बौद्ध मठों के लिए भी जाना जाता है। बहुत सारे ट्रेकिंग ट्रेल्स होने के कारण यह शहर रोमांचकारियों को आकर्षित करता हैं।
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रोइंग
रोइंग अरूणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग का एक हिस्सा है। इसका एक उत्तरी हिस्सा दिबांग घाटी की पहाडि़यों और नदियों से घिरा हुआ है, पूर्वी हिस्से में लोहित जिला स्थित है और पश्चिमी भाग में मैकमोहन रेखा व अरूणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले बसे हूए है, वहीं दक्षिणी छोर पर असम का तिनसुकिया जिला स्थित है। बर्फ से ढकी चोटियां, अशांत नदियां, रहस्यवादी पहाडियां और यहां पाएं जाने वाले जीव - जन्तु और सुंदर वनस्पतियां, रोइंग के कुछ प्रमुख आकर्षण है।झीलों का शांत पानी, नदियों की कलकलाहट और ऊंचाई से गिरते झरने की आवाज के बाद उनके पानी का आसमान के रंग से प्रतिबिंम्बित होना और नीले रंग का दिखना, बादलों को भूमि के ऊपर मंडराना आदि पर्यटकों के मन में यादगार अनुभव छोड़ देता है। सच्चे प्रकृति प्रेमी जो वास्तव में प्रकृति का आनंद उठाना चाहते हो, वह रोइंग की वादियों में सैर के लिए जरूर आएं।PC: Wikipedia
जीरो
ह्म्म्म ये नाम आपको सुनने को अजीब जरुर लगेगा लेकिन यह अरुणाचल प्रदेश में स्थित एक शहर का नाम है जोकि ईटानगर से तकरीबन 167 कि.मी की दूरी पर है। यह एक बेहद ही खूबसूरत जगह है...यहां अमूमन तापमान जीरो से कम ही रहता है।यहां आपको दूर दूर तक हरे भरे पहाड़ बर्फ से ढके हुए नजर आयेंगे।
PC: Doniv79