कृष्णा और तुंगभद्रा नदियों की बीच में बसा रायचुर , कर्नाटक के महत्वपूर्ण शहरों में से एक है। रायचुर पर्यटकों के बीच यहां की ऐतिहासिक और प्राकृतिक सुन्दरता के परिवेश के चलते लोकप्रिय है।
इस शहर का गठन कब हुआ है, इकसा प्रमाण नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि, इस शहर का गठन मसीह काल से पहले हुआ था, क्योंकि खुदाई के दौरान कई शिलालेख और प्राचीन अवशेष पाए गए हैं। कर्नाटक के इस खास ऐतिहासिक शहर पर मौर्य साम्राज्य से लेकर मुगलों के अलावाकई अलग-अलग राजवंशों ने शासन किया है।
वर्तमान में, रायचुर पर्यटकों के बीच अपने ऐतिहासिक किले और अन्य प्राचीन इमारतों के लिए प्रसिद्ध है। इतना ही नहीं, इस जगह की प्राकृतिक सुन्दरता भी इस जगह को प्रकृति प्रेमियों के बीच बेहद खास बनाती है। खूबसूरत प्राकृतिक परिवेश के साथ ऐतिहासिक कहानियों को गढ़ता रायचुर कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर से करीबन 400 किमी की दूरी पर स्थित है, जहां आसानी से सड़क द्वारा और अन्य साधनों द्वारा पहुंचा जा सकता है।
रायचुर किला
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बताया जाता है कि, इस किले का निर्माण काकातिया वंश ने कराया था, जिसपर विजयनगर साम्राज्य, निजाम और बहमानियों जैसे कई राजवंशों ने शासन किया। भले ही आज यह किला एकदम जर्जर अवस्था में हैं, लेकिन आज भी इस किले वास्तुकला पर्यटकों को अचंभित करती है। तो क्यों ना इस वीकेंड रायचूर किले की ऐतिहासिक यात्रा को प्लान किया जाए, क्या ख्याल है?
मास्की
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रायचूर से लगभग 80 किमी की दूरी पर स्थित मास्की, कर्नाटक राज्य में पुरातात्विक महत्व से परिपूर्ण शहर है। कहा जाता है कि, यह वही जगह है, जहां जहां मौर्य सम्राट अशोक के एक मामूली चट्टान का पता चला था। जिसके बाद से, यह इतिहास प्रेमियों और इतिहासकारों द्वारा रायचूर में सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक बन गया है।
ऐतिहासिक महत्व के अलावा, मास्की अपने हरे-भरे हरे परिवेश के लिए भी जाना जाता है जो इस जगह को रायचूर जिले में एक सुंदर वीकेंड गेटवे के लिए भी जाना जाता है।
आम तालाब झील
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एक मीनार मस्जिद
रायचुर में स्थित एक मीनार मस्जिद एक दो मंजिला मस्जिद है, जिसमे ऊपर तक पहुचंने के घुमावदार सीढियों से होकर पहुंचना होता है। यदि आप प्राचीन भारत के सुंदर वास्तुकला का को देखना चाहते हैं, तो मीनार मस्जिद आपको बुला रही है।