भारत में रहस्यमय स्थानों की कमी नहीं है, पौराणिक काल से जुड़ा भारत का इतिहास न जाने कितनी अनसुलझी पहेलियों को अपने अंदर समेटे हुए है। पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आज भी कई ऐसे स्थान भारत में मौजूद हैं जिनका रहस्य सुलझने की बजाय और उलझते जा रहा है। ऐसा ही कुछ किस्सा मध्यप्रदेश के असीरगढ़ से जुड़ा है।
वैसे बता दें कि यह स्थान पौराणिक काल से जोड़ कर देखा जाता है। माना जाता है कि यहां आज भी श्रीकृष्ण के श्राप के शिकार अश्वत्थामा भटक रहे हैं। लेकिन आज हम आपको इस विषय से नहीं बल्कि हाल ही में असीरगढ़ में घटी एक अद्भुत घटना के बारे में बताएंगे। रहस्य और रोमांच के खोजी इस लेख को जरूर पढ़ें।
खुदाई में निकली चौकाने वाली चीजें
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मध्यप्रदेश के असीरगढ़ पर हाल में खुदाई की गई थी, जिसमें कई चौकाने वाले रहस्यों का पर्दाफाश हुआ है। पुरातत्व खुदाई में इस जगह से एक रानी का महल और एक जेल का पता चला है। यह लगभग 3 महीने पहले की बात है। जेल में लोहे की खिड़कियां लगी हुई हैं साथ ही दरवाजे भी मिले हैं। जेल में चार बैरकों के होने का भी पता चला है।
खुदाई में निकले रानी के महल में गुप्त 20 कमरों का पता चला है। पुरातत्व विभाग की मानें तो यह महल 100 बाय 100 का है। इस महल में एक स्नान कुंड के होने का भी पता चला है।अयोध्या : तथ्य जो बाबरी मस्जिद से ज्यादा राम मंदिर को बनाते हैं खास
एक ऐतिहासिक किला
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असीरगढ़ का किला भारत की चुनिंदा खास संरचनाओं में गिना जाता है। जो सतपुड़ा की पहाड़ियों पर स्थित है। समुद्र तल से इस किले की ऊंचाई लगभग 250 फुट की है। यह किला आज भी अपने वैभवशाली अतीत को बखूबी प्रदर्शित करता है।
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असीरगढ़ का नामकरण ?
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किले को लेकर विद्वानों का कहना है कि असीरगढ़ किले का निर्माण रामायण काल में हुआ है। असीरगढ़ के नामकरण के पीछे एक इतिहास से संबंधित एक कथा जुड़ी है। कथा के अनुसार यहां कभी कोई आशा अहीर नाम का इंसान रहने आया था, जिसके पास हजारों पशु थे। कहा जाता है कि उन पशुओं की सुरक्षा के लिए आशा अहीर ने ईंट गारा - मिट्टी व चूना-पत्थरों का इस्तेमाल कर दीवारें बनाई थी।
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किले से जुड़ा रहस्यमयी तथ्य
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कहा जाता है कि इस किले में एक जलाशय है जिसका पानी कभी नहीं सूखता। लोगों का मानना है कि भगवान कृष्ण के श्राप का शिकार अश्वत्थामा यहां स्नान करने के बाद पास में स्थित शिव मंदिर में पूजा करने के लिए जाते हैं।
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कैसे करें प्रवेश
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असीरगढ़ किला मध्यप्रदेश के बुरहानपुर से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है। 20 किमी का यह छोटा सफर आप स्थानीय परिवहन साधनों की मदद से पूरा कर सकते हैं। बुरहानपुर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा इंदौर स्थित है। रेल मार्ग के लिए आप बुरहानपुर रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं।मौत की खदान का बड़ा रहस्य, गूंजती है मृत मजदूरों की आवाजें