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उत्तरप्रदेश के खूबसूरत 5 वन्यजीव अभयारण्‍य

अगर आपको वाइल्ड लाइफ का शौक है तो भी यूपी स्वर्ग से कम नही है....

By Goldi

उत्तरप्रदेश उत्तर भारत के एक बेहद ही समर्द्ध राज्य है..जोकि राजनीति से लेकर पर्यटन में नम्बर वन हैं। यहां हर साल पर्यटक आगरा, वाराणसी,लखनऊ आदि घूमने आते हैं...उत्तर प्रदेश में अनेक विचारक, दर्शन शास्‍त्री, कलाकार, नेता, नृत्‍य कला के प्रवीण, कवि, बौद्धिक जन और राजनेता हुए हैं।

उत्तरप्रदेश-जहां हर ढाई कोस पर बदले है पानी और संग वाणीउत्तरप्रदेश-जहां हर ढाई कोस पर बदले है पानी और संग वाणी

उत्तर प्रदेश मूलत: ढेर सारे पर्यटन गंतव्‍यों का केन्‍द्र हैं। यह बात महत्‍व नहीं रखती कि पर्यटक क्‍या देखना चाहते हैं, यहां ऐसी ढेर सारी चीज़े हैं जो उत्तर प्रदेश में हर व्‍यक्ति के लिए रुचि का कारण बन सकती है। यहां अनेक ऐतिहासिक शहर, वन्‍य जीवन अभयारण्‍य, धार्मिक केन्‍द्र और रोमांचक पर्यटन स्‍थल है जिसके लिए पर्यटक यहां आना पसंद करते हैं।

अवधी संस्कृति और शाही लज़ीज़ खानों का मेल-जोल ऐतिहासिक उत्तर प्रदेशअवधी संस्कृति और शाही लज़ीज़ खानों का मेल-जोल ऐतिहासिक उत्तर प्रदेश

हमने आपको अपने लेखो के जरिये उत्तर प्रदेश के कई रोमाचंक पर्यटन स्थलों से रूबरू कराया है...इसी क्रम में हम आपको बताने जा रहे हैं उत्तर प्रदेश के खूबसूरत वन्य जीव अभयारण्‍य के बारे में

दुधवा नेशनल पार्क

दुधवा नेशनल पार्क

दुधवा नेशनल पार्क भारत की सीमा पर नेपाल के पास 811 वर्ग किलो मीटर के क्षेत्रफल में फैला है जहां उत्तरी उष्‍णकटिबंधी अर्ध सदाबहार वन, नम पतझड़ी वन, नम सवन्‍ना वन और उष्‍ण कटिबंधी, मौसमी दलदली वन पाए जाते हैं। हिरण की एक अत्‍यंत दुर्लभ प्रजाति इस क्षेत्र में पाई जाती है। यहां का स्‍वाम्‍प डीयर अब केवल 1500 की संख्‍या में है। यहां स्‍तनधारियों की कम से कम 37 प्रजातियां हैं, 16 प्रकार के सरीसृप और 400 प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। कहा जाता है कि दुधवा में 101 बाघ और चार चीते हैं। हाल ही में इस क्षेत्र में हिसपिड हेयर देखा गया है। हिमालय की तराई के पास होने के कारण दुधवा में ठण्‍ड के मौसम में ढेर सारे प्रवासी जल पक्षी आते हैं।PC:Anindya 2205

नेशनल चम्‍बल अभयारण्‍य

नेशनल चम्‍बल अभयारण्‍य

नेशनल चम्‍बल अभयारण्‍य आगरा के पास इटावा में स्थित है और यह लगभग 635 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला है। वर्ष 1979 में स्‍थापित इस पार्क में विशिष्ट दुर्लभ प्रकार की प्रजातियों का संग्रह है। इस अभयारण्‍य का मुख्‍य आकर्षण असामान्‍य प्रकार की गंगा की डॉलफिन हैं। इस अभयारण्‍य को राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश और उत्तर प्रदेश द्वारा बड़े पैमाने पर सह प्रशासित किया जाता है।नेशनल चम्‍बल अभयारण्‍य का मुख्‍य आकर्षण यहां की दुर्लभ गंगा डॉलफिन हैं। इस अभयारण्‍य के अन्‍य निवासी मगर, घडियाल, चिंकारा, सांभर, नील गाय, भेडिए और जंगली सुअर हैं। वर्ष 1979 में स्‍थापित यह अभयारण्‍य राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश और उत्तर प्रदेश द्वारा बड़े पैमाने पर सह प्रशासित किया जाता है।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व

पीलीभीत टाइगर रिजर्व

उत्तरी उत्तर प्रदेश में स्थित पीलीभीत जिले में स्थित, पीलीभीत टाइगर रिजर्व देश के 41 परियोजना टाइगर रिजर्व में से एक है। पीलीभीत क्षेत्र कुल 800 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस रिजर्व में लगभग 36 टाइगर है और उनके रहने के लिए एक अच्‍छा सा बेस है। यह जगह, शारदा नदी और घाघरा नदी से घिरी हुई है।इस रिजर्व में कई दुलर्भ प्रजातियों के जीव व जन्‍तु भी रहते है जिनमें बंगाली टाइगर, दलदली हिरण, बंगाल फ्लोरिकेन और भारतीय तेंदुआ आदि शामिल है।

नवाबगंज पक्षी विहार

नवाबगंज पक्षी विहार

नवाबगंज पक्षी विहार लखनऊ-कानपुर रोड पर मौजूद नवाबगंज पक्षी अभयारण्य में हजारों पंछियों के घोंसले हैं, एक खूबसूरत झील है और खूबसूरत-चंचल हिरनों का पार्क भी। आपको शायद ही पता होगा कि नवाबगंज पक्षी अभयारण्य विदेशी पंछियों को बेहद पसंद है। अगर आप फोटोग्राफी के शौकीन हैं, तो यह जगह आपके लिए जन्नत सरीखी हो सकती है। उगते-ढलते सूरज के बीच पंछियों की कलाबाजियों को कैमरे में कैद करना आपके लिए अद्भुत अनुभव हो सकता है।

PC:Yoc2007

चंद्र प्रभा वन्‍यजीव अभयारण्‍य

चंद्र प्रभा वन्‍यजीव अभयारण्‍य

चंद्र प्रभा वन्‍यजीव अभयारण्‍य, उत्‍तर प्रदेश के चंदौली में विंध्‍य वन रेंज में विजयगढ़ और नौगढ़ नामक दो पहाडियों पर 9,600 हेक्‍टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस सेंचुरी को मई, 1957 में स्‍थापित किया गया था और 1958 में तीन एशियाई शेरों को यहां लाया गया था। यह तीनों शेर, 1969 तक 11 हो गए थे। दुर्भाग्‍यवश, 1970 में वे सभी गायब हो गए। चंद्र प्रभा वन्‍यजीव अभयारण्‍य में जंगली जानवरों की कई अन्‍य प्रजातियों का वास है। इनमें से चीतल, नीलगाय, चिंकारा, ब्‍लैकबक्‍स, खरगोश, सांभर, चौसिंहा, बंदर, साही, लकड़बग्‍घा, जंगली लोमड़ी, भारतीय चिकारे, जंगली बिल्‍ली और जंगली सुअर आदि प्रमुख है। चंद्र प्रभा और कामन्‍सा नदी, अभयारण्‍य में बहती है जिसके पानी में मछलियां भी तैरती हुई दिखाई देती है। सर्दियों और बारिश के दौरान यहां काफी पर्यटक आते है, इस अवधि में सेंचुरी में हरा - भरा वातावरण मन मोह लेता है।

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