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पर्यावरण संरक्षण दिवस: पर्यावरणीय पर्यटन कर जानें पर्यावरण संरक्षण की महत्ता!

आप सबको पता है कि, विज्ञान के क्षेत्र में असीमित प्रगति तथा नये आविष्कारों की स्पर्धा के कारण आज का मानव, प्रकृति पर पूर्णतया विजय प्राप्त करना चाहता, जिस कारण प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है। वैज्ञानिक उपलब्धियों से हम इंसान प्राकृतिक संतुलन को उपेक्षा की दृष्टि से देख रहे हैं। दूसरी ओर धरती पर जनसंख्या की निरंतर वृध्दि, औद्योगीकरण एवं शहरीकरण की तीव्र गति से प्रकृति के हरे भरे क्षेत्रों को समाप्त किया जा रहा। जो इंसान के खुद के विनाश का सबसे बड़ा कारण बनेगा।

पर्यावरण पर बढ़ने वाले इसी ख़तरे को ध्यान में रख कर ही भारत की सबसे पहली पर्यावरणीय पर्यटन परियोजना की पहल की गयी, केरल की तेनमाला परियोजना से। आइए सबसे पहले हम जानते हैं कि, पर्यावरणीय पर्यटन योजना है क्या?

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केरल में पर्यावरणीय पर्यटन
Image Courtesy:
Hans A. Rosbach

पर्यावरणीय पर्यटन योजना

पर्यावरणीय पर्यटन पूरी तरह से पर्यटन के क्षेत्र में एक नया दृष्टिकोण है। मूलरूप से पर्यावरणीय पर्यटन जितना संभव हो कम पर्यावरणीय प्रभाव के रूप में क्षेत्र की मूल आबादी को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे आप वहां की यात्रा के साथ उस जगह के वन्य जीवन और उनके निवास के संरक्षण को प्रोत्साहित करते है।यह, वातावरण की सांस्कृतिक और प्राकृतिक इतिहास की सराहना करने के लिए प्राकृतिक क्षेत्रों के लिए एक संरक्षण यात्रा है। इस यात्रा में लोगों को मूलरूप से पर्यावरण और उसके संरक्षण की महत्ता के बारे में पता चलता है।

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तुंगभद्रा नदी में पर्यावरणीय पर्यटन
Image Courtesy: Dey.sandip

पर्यावरणीय पर्यटन में जाने के कुछ महत्वपूर्ण नियम

1. अपने गंतव्य पर जाने से पहले उस क्षेत्र की ऐतिहासिक, पर्यावरणीय और वहाँ की अन्य जानकारियाँ हर संभव जगह से प्राप्त करें। ताकि पर्यटक के नाते आप अपनी यात्रा का आनंद भी ले सकें और स्थानीय समुदाय की भावनाओ का भी ख्याल रख सकें।
2. वहाँ के पर्यावरणीय संचालक, गाइड या स्थानीय अधिकारी द्वारा वहाँ के सारे दिशा निर्देश जान लें। ताकि आप अपने द्वारा पर्यावरण को किसी भी तरह की क्षति ना पहुँचाएँ।

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चिल्का झील,उड़ीसा
Image Courtesy: sarangib

3. वहाँ के लोगों द्वारा शुरू किए गये स्थानीय व्यापारों को जानें और उनको बढ़ाने में मदद करें क्युंकि ऐसा करने से आप स्थानीय समुदाय और संरक्षण को लाभ पहुँचा अपने पर्यावरणीय पर्यटन को सुनिश्चित करते हैं।

पर्यावरणीय पर्यटन में क्या करें और क्या ना करें?

क्या करें:
1. आपके द्वारा इस्तेमाल किए गये किसी भी तरह के कूड़े को इधर उधर ना फेंके, उन्हें एक साथ इकट्ठा कर एक निश्चित कूड़ेदान में ही फेंके।

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तेनमाला,केरल
Image Courtesy: Augustus Binu

2. किसी भी पवित्र स्थल, जैसे मंदिर चर्च या ऐतिहासिक धरोहरों की संस्कृति की पवित्रता को भंग ना करें।
3. आसपास के लोगों की निजता को ध्यान में रखते हुए उनकी तस्वीर लेने से पहले उनकी अनुमति ज़रूर प्राप्त करें।

क्या ना करें:
1. अपने साथ प्लास्टिक या उससे संबंधित कोई समान ना ही ले जाएँ तो सबसे अच्छा होगा।
2. पर्यावरण, जीव अभ्यारण्य और आसपास की शांति को किसी भी तरह भंग ना करें।

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कोडयिकनाल, तमिलनाडु
Image Courtesy: Wikitom2

3. अगर आप कैंपिंग के लिए आए हैं, तो खाना बनाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल ना ही करें तो बेहतर होगा।
4. मादक पदार्थों का इस्तेमाल ना करें क्युंकि उससे फैलने वाला कचरा जैसे कि बोतल वगैरह पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है।
5. क्षेत्र की वनस्पतियों या जीवों को अपने साथ ना ले जाएँ क्युंकि वे ही उस पर्यावरण की शान हैं और उनके बिना पर्यावरण ही नहीं है।
6. पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली चीज़ों, जैसे कि नदी या जलाशयों में नहाते वक्त साबुन या डिटर्जंट का प्रयोग ना करें।

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त्सोमोरीरी वेटलैंड कन्सर्वेशन रिज़र्व, लद्दाख
Image Courtesy: Raghavan37

भारत में तेनमाला केरल, पेरियार नॅशनल पार्क केरल, कोडयिकनाल तमिलनाडु, कूर्ग कर्नाटका, गलगीबागा बीच गोवा, टयडा आंध्रप्रदेश, चिल्का झील उड़ीसा, सुंदरवन नैशनल पार्क पश्चिम बंगाल, काज़ीरंगा नैशनल पार्क असम, कंचनजंगा जैवमंडल रिज़र्व सिक्किम, ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क हिमाचल प्रदेश, रणथम्बोर नैशनल पार्क राजस्थान, त्सोमोरीरी वेटलैंड कन्सर्वेशन रिज़र्व लद्दाख, कान्हा नैशनल पार्क मध्य प्रदेश, आदि कई सारे पर्यावरणीय पर्यटन क्षेत्र इस परियोजना को बढ़ावा दे हमारी पर्यावरण की रक्षा कर रहे हैं।

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कान्हा नैशनल पार्क, मध्य प्रदेश
Image Courtesy: Honzasoukup

भारत में पर्यावरणीय पर्यटन अभी भी प्रारंभिक अवस्था में है, लेकिन हमें विश्वास है कि हिमालय पर्यावरणीय प्रणाली और स्थानीय लोगों की संस्कृति और विरासत को बचाने के लिए जागरूकता का यह अभियान, जो शायद दुनिया का सबसे बड़ा अभियान है, सफल होगा।

"पर्यावरण की रक्षा कर हम अपने भविष्य और जीवन की पूर्ण रक्षा कर सकते हैं।"

अपने महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभव नीचे व्यक्त करें।

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