नवरात्रि 9 दिनों का त्योाहार होता है, जिसे अपने देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां दुर्गा ने देवों की रक्षा के लिए 9 दिनों तक महिषासुर से युद्ध किया था और दसवें दिन उसके वध के पश्चात विजय प्राप्त की थी। असुरों पर विजय प्राप्ति के लिए इस दिन को विजया दशमी के रूप में मनाया जाता है।वहीं, बाकी नवरात्रि के 9 दिनों तक मां के 9 रूपों की पूजा की जाती है और देश के विभिन्न राज्यों में इसे अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।
यही कारण है कि नवरात्रि के दिनों में जब माता की प्रतिमा लगाई जाती है तो साथ महिषासुर की भी प्रतिमा लगाई जाती है। लेकिन भारत के किसी भी मंदिर आपको ऐसा देखने को नहीं मिलेगा, जहां पर आपको असुरों की प्रतिमा देखने को मिले। इसके विपरीत अगर मैसूर की बात की जाए तो यहां पर चामुंडी हिल्स पर आपको महिषासुर की प्रतिमा देखने को मिल जाएगी, जो यहां का मुख्य आकर्षण भी है। इसे देखने के लिए हर साल हजारों-लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं और वहां पर आनंद के साथ अपना वीकेंड भी मनाते हैं।
चामुंडी हिल्स पर स्थित है महिषासुर की प्रतिमा
महिषासुर की प्रतिमा, मैसूर के चामुंडी हिल्स पर स्थित है, जो कि काफी आकर्षक है। इसके अलावा यहां पर एक नंदी की प्रतिमा भी है, जो भी पर्यटकों के बीच खासा आकर्षक है। अगर चामुंडी हिल्स की बात की जाए तो यहां पर चामुंडेश्वरी माता का मंदिर है, जहां दर्शन करने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु व पर्यटक आते हैं। मान्यता है कि माता के मंदिर में मांगी हर मन्नत पूरी होती है और दुर्गा पूजा के दौरान यहां पर भक्तों की भीड़ और भी बढ़ जाती है, क्योंकि माता का एक अन्य रूप चामुण्डेश्वरी भी है। लेकिन अगर मुख्य आकर्षण की बात की जाए तो महिषासुर की प्रतिमा मुख्य आकर्षण का केंद्र है, जिसे देखने के लिए हजारों-लाखों लोग आते हैं।
महिषासुर की प्रतिमा देखने कब जाएं
जाने का सही समय - सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम के 9:00 बजे तक।
महिषासुर की प्रतिमा देखने कैसे पहुंचें
मैसूर से 15 किमी. की दूरी पर स्थित चामुंडी हिल्स है, जहां पर महिषासुर की प्रतिमा स्थापित है, जो शहर में आने वाले पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है।
नजदीकी एयरपोर्ट - मैसूर एयरपोर्ट
नजदीकी रेलवे स्टेशन - मैसूर जंक्शन
सड़क मार्ग - राज्य के विभिन्न शहरों से बस सेवा मिल जाएगी