भारत में आये दिन कई पाखंडी गुरुयों और बाबयों के बारे में खबरें आती रहती हैं। ऐसे ही एक धर्म गुरु हैं, स्वामी नित्यानंद, जोकि ध्यानपीठ के संस्थापक भी है। परमहंस नित्यानंद के भक्त सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है, जो बाबा की कृपा और आशीर्वाद लेने हर साल पहुंचते हैं।
स्वामी नित्यानंद के नाम दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है, जो रोप योग और दूर पोल योग (मलखम्भ) है। नित्यानंद ध्यानपीठ के संस्थापक नित्यानंद का जनम 1 जनवरी 1978 को थिरुवंमलाई में हुआ था।
नित्यानन्द आश्रम
वेबसाइट के मुताबिक, नित्यानन्द आश्रम, एक बेहद पवित्र जगह है, जहां लोग मानसिक शांति की तलाश में पहुंचते हैं। नित्यानन्द और उनके चेले का कहना है कि, वह लोगो के बीच भक्ति की भावना को जाग्रत करना चाहते हैं।Pc:officialy page
कहां होता है मेडिटेशन?
नित्यानंद का आश्रम म्जेस्टिक बस स्टैंड से 40 किमी की दूरी पर मैसूर रोड, बैंगलोर में स्थित हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 275 के जरिये यहां एक घंटे में बस से पहुंचा जा सकता है।Pc:officialy page
कैसे करें सम्पर्क?
भक्त इस आश्रम से जुड़ने के लिए आश्रम की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर सम्पर्क साध सकते हैं। यहां पर एक मठ भी है, जो पर्यटक आकर्षण स्थल है।Pc:officialy page
हेल्थ लेक
आश्रम के पास एक 21 फीट ऊँचा आनन्द लिंगा है, जो यहां आने वाले पर्यटकों के बीच मुख्य आकर्षण हैं। इस लिंग के चारों और फाउंटेन हैं, जो शिवलिंग के ऊपर पानी गिराते हैं। कहा जाता है कि, इस पूल में नहाने से सभी बुरे कर्मों से मुक्ति मिलती है।
5400 साल पुराना
इस आश्रम के पास करीबन 5400 साल पुराना बरगद का पेड़ है, इस पेड़ के अलावा यहां कई पेड़ देखे जा सकते हैं। बेंगलुरु वासियों के लिए यह जगह पिकनिक स्थल के रूप में लोकप्रिय है। नित्यानंद अपने दिन की शुरुआत इस पेड़ के नीचे टहल कर करते हैं।
इस बरगद के पेड़ के पेड़ के पास तीनी अन्य पेड़ हैं, अथी (अंजीर), अरसा (पीपल), अल (बरगद) कहा जाता है, कि जहां ये तीन पेड़ एकसाथ होते हैं, वहां भगवान शिव का वास होता है।
कैसे पहुंचे बरगद के पेड़ के पास?
यह बड़ा बरगद का पेड़ बेंगलुरु में काफी लोकप्रिय पिकनिक डेस्टिनेशन है. बहुत सारे पर्यटक वीकेंड के दौरान यहां अपने परिवार के साथ पहुंचते हैं।
और क्या देखें
इस बरगद के पेड़ के अलावा, यहां कई और भी जगहें हैं, जिन्हें पर्यटक देख सकते हैं, जैसे शानिश्वेरा मंदिर, उद्माहा मंदिर आदि।
नित्यानंदेश्वरा मंदिर
मैसूर रोड पर स्थित नित्यानंदेश्वरा मंदिर में भक्त ब्रह्मांडीय ऊर्जा महसूस करते हैं। काह जाता है कि, इस मंदिर में दर्शन मटर से साडी परेशानी दूर हो जाती है।
पर्यटन आकर्षण
नित्यानंदेश्वरा मंदिर के अलावा पर्यटक आसपास माय्म्मा मंदिर, गोपाल स्वामी मंदिर , आदि भी देख सकते हैं।
रामनगर
आश्रम से 15 किमी की दूरी पर स्थित सिल्क सिटी रामनगर भी पर्यटक घूम सकते हैं। इस जगह को टीपू सुल्तान के शासनकाल के दौरान शमशेराबाद के नाम से जाना जाता था। कर्नाटक के अन्य भागों की तरह यहाँ भी गंग, चोल, होय्सलास और मैसूर के राजाओं ने राज्य किया, परंतु सन 1970 के दौरान ‘शोले' फिल्म की शूटिंग इस स्थान पर हुई और इस स्थान को प्रसिद्धि मिली।
रामनगर का पहाड़ी क्षेत्र रामनगरम सात बड़े पहाड़ों शिवरामगिरी, सोमगिरी, कृष्णगिरी और यतिराजगिरी, रेवन्ना सिद्धेश्वर, सिदिलाकल्लू और जल सिद्देश्वर से घिरा हुआ है। इस शहर में रेशम की अच्छी फसल होने के कारण अक्सर इसे सिल्क सिटी भी कहा जाता है।
रामनगर
इस शहर में रेशम की अच्छी फसल होने के कारण अक्सर इसे सिल्क सिटी भी कहा जाता है। विश्व प्रसिद्द मैसूर सिल्क साड़ियाँ रामनगरम के रेशम का उपयोग करके बुनी जाती हैं। प्रकृति प्रेमी यहाँ आकर खुश होंगे क्योंकि ये पहाड़ लुप्तप्राय प्राणियों पीले गले वाली बुलबुल और लंबी चोंच वाले गिद्ध का घर हैं।Pc:Vaibhavcho
इनोवेटिव फिल्म सिटी
इनोवेटिव फिल्म सिटी वंडरला से 2 किमी दूर बेंगलुरु-मैसूर स्टेट हाइवे-17 पर स्थित है। यहां बच्चे और बड़े बराबर संख्या में आते हैं। अपने परिवार और दोस्तों के साथ यहां पूरा दिन बिताना आपको अच्छा अनुभव दिलाएगा। बेंगूलर से सड़क मार्ग के जरिए फिल्म सिटी आसानी से पहुंचा जा सकता है और यह पर्यटकों के लिए सुबह 10 बजे से शाम 6.30 बजे तक खुला रहता है। फिल्म सिटी के मुख्य आकर्षण में इनोवेटिव स्टूडियो, म्यूजियम, 4डी थियेटर, टाड्लर डेन, लुइस तसौद वैक्स म्यूजियम और थीम बेस्ड रेस्टोरेंट शामिल है।Pc:Unknown
अंज्नेया स्वामी मंदिर
बताया जाता है कि, यह मंदिर करीब 600 साल पुराना है, जो नित्यानंद के आश्रमं से कुछ ही दूरी पर स्थित है।
आखिर क्या होता है नित्यानंद के आश्रम में?
नित्यानंद के आश्रम में सुबह 4 ध्यान, योगा होता है, उसके बाद सुबह 6 बजे पूजा की जाती है, और उसके बाद 7 बजे नित्यानंद के दर्शन। इसमें जो भी जानकारी दी गयी है, वह नित्यानंद की ऑफिसियल साईट से ली गयी गयी है।