रमज़ान के पवित्र महीने की शुरुआत हो चुकी है और जैसा की हम पहले ही अवगत करा चुके हैं अपनी इस सीरीज में हम लगातार आपको उन डेस्टिनेशनों से अवगत करेंगे जहां जाकर आप इस पवित्र महीने के बारे में और अधिक जान सकते हैं। अपनी इस रमज़ान स्पेशल सीरीज में आज हम आपको अवगत कराने जा रहे हैं देश की राजधानी दिल्ली स्थित हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह से।
दक्षिणी दिल्ली में स्थित हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया (1236-1325) का मकबरा सूफी काल की एक पवित्र दरगाह है। हज़रत निज़ामुद्दीन चिश्ती घराने के चौथे संत थे। इस सूफी संत ने वैराग्य और सहनशीलता की मिसाल पेश की, कहा जाता है कि 1303 में इनके कहने पर मुगल सेना ने हमला रोक दिया था, इस प्रकार ये सभी धर्मों के लोगों में लोकप्रिय बन गए।
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यदि इनकी दरगाह कि बात की जाये तो दरगाह में संगमरमर पत्थर से बना एक छोटा वर्गाकार कक्ष है, इसके संगमरमरी गुंबद पर काले रंग की लकीरें हैं। मकबरा चारों ओर से मदर ऑफ पर्ल केनॉपी और मेहराबों से घिरा है, जो झिलमिलाती चादरों से ढकी रहती हैं। यह इस्लामिक वास्तुकला का एक विशुद्ध उदाहरण है। ज्ञात हो कि दरगाह में प्रवेश करते समय सिर और कंधे ढके रखना अनिवार्य है। दरगाह में जाने के लिए शाम को 5 से 7 बजे के बीच का समय सबसे अच्छा माना जाता है, मुस्लिम अवकाशों और त्योहारों के दिनों में यहां दर्शन करने आने वाले लोगों कि भारी रहती है।
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
दक्षिणी दिल्ली में स्थित हजरत निज़ामुद्दीन औलिया (1236-1325) का मकबरा सूफी काल की एक पवित्र दरगाह है।
फोटो कर्टसी - Divya Gupta
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
जरत निज़ामुद्दीन चिश्ती घराने के चौथे संत थे। इस सूफी संत ने वैराग्य और सहनशीलता की मिसाल पेश की।
फोटो कर्टसी - Anwaraj
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
कहा जाता है कि 1303 में इनके कहने पर मुगल सेना ने हमला रोक दिया था, इस प्रकार ये सभी धर्मों के लोगों में लोकप्रिय बन गए।
फोटो कर्टसी - Saqib Mumtaz
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
दरगाह की दीवारों और दरों के पास की गयी खूबसूरत नक्काशी की एक पास से ली गयी तस्वीर।
फोटो कर्टसी - Anwaraj
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
मुहम्मद शाह की कब्र के देखभाल करता एक सूफी संत।
फोटो कर्टसी - Ramesh lalwani
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
हजरत साहब ने 92 वर्ष की आयु में प्राण त्यागे और उसी वर्ष उनके मकबरे का निर्माण आरंभ हो गया, किंतु इसका नवीनीकरण 1562 तक होता रहा।
फोटो कर्टसी - Prateek Rungta
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
आप यहां हर गुरुवार भक्तों की भारी भीड़ देख सकते हैं, जिसमें सभी धर्मों के लोग आते हैं।
फोटो कर्टसी - Anwaraj
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
दरगाह में प्रार्थना के लिए खड़े हुए लोगों का समूह। ज्ञात हो कि यहां सभी धर्मों के लोग आकर अपनी मुरादें मांगते हैं।
फोटो कर्टसी - Divya Gupta
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
निज़ामुद्दीन दरगाह में स्थित एक बावली की तस्वीर।
फोटो कर्टसी - Pallav.journo
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
दरगाह में संगमरमर पत्थर से बना एक छोटा वर्गाकार कक्ष है, इसके संगमरमरी गुंबद पर काले रंग की लकीरें हैं।
फोटो कर्टसी - Robin.raina7
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
मकबरा चारों ओर से मदर ऑफ पर्ल केनॉपी और मेहराबों से घिरा है, जो झिलमिलाती चादरों से ढकी रहती हैं। यह इस्लामिक वास्तुकला का एक विशुद्ध उदाहरण है।
फोटो कर्टसी - Robin.raina7
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
दरगाह में प्रवेश करते समय सिर और कंधे ढके रखना अनिवार्य है। धार्मिक गात और संगीत इबादत की सूफी परंपरा का अटूट हिस्सा हैं।
फोटो कर्टसी - Robin.raina7
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
दरगाह में जाने के लिए सायंकाल 5 से 7 बजे के बीच का समय सर्वश्रेष्ठ है, विशेषकर वीरवार को, मुस्लिम अवकाशों और त्यौहार के दिनों में यहां भीड़ रहती है।
फोटो कर्टसी - Prateek Rungta
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
इन अवसरों पर कव्वाल अपने गायन से श्रद्धालुओं को धार्मिक उन्माद से भर देते हैं। यह दरगाह निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन के नजदीक मथुरा रोड से थोड़ी दूरी पर स्थित है।
फोटो कर्टसी - Arpit Jawa
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
यहां दुकानों पर फूल, लोहबान, टोपियां आदि मिल जाती हैं।
फोटो कर्टसी - Robin.raina7
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
दिल्ली का निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन, जहां पृष्ठभूमि में आपको हुमायुं का मकबराभी दिखाई देगा।
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
इसके अलावा आप हज़रात अमीर खुसरो के मकबरे को भी देखना बिलकुल न भूलें।
फोटो कर्टसी - Varunshiv
हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह
आप सड़क ट्रेन और फ्लाइट जैसे किसी भी माध्यम से इस दरगाह तक आसानी से पहुँच सकते हैं।
इन अवसरों पर कव्वाल अपने गायन से श्रद्धालुओं को धार्मिक उन्माद से भर देते हैं। यह दरगाह निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन के नजदीक मथुरा रोड से थोड़ी दूरी पर स्थित है। यहां दुकानों पर फूल, लोहबान, टोपियां आदि मिल जाती हैं। इसके अलावा आप हज़रात अमीर खुसरो के मकबरे को भी देखना बिलकुल न भूलें।
कैसे जाएं निज़ामुद्दीन दरगाह
आप ट्रेन, सड़क और फ्लाइट के माध्यम से आसानी से इस दरगाह तक पहुंच सकते हैं।
ट्रेन द्वारा
दिल्ली स्थित इस दरगाह तक ट्रेन द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। दिल्ली भारत के सभी प्रमुख शहरों के अलावा छोटे शहरों से भी कई साड़ी ट्रेनों द्वारा जुड़ा हुआ है।
फ्लाइट द्वारा
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा में घरेलू व अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल है जहाँ से बंगलौर, पुणे, मुंबई जैसे प्रमुख शहरों से, आदि नियमित उड़ानें पुनः दिल्ली के लिए उपलब्ध है। हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित होता है, जो दुनिया भर के सभी प्रमुख स्थलों से जुड़ा है।