Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »पुष्कर में ही नहीं, यहां भी है भगवान ब्रह्मा के अद्वितीय मंदिर

पुष्कर में ही नहीं, यहां भी है भगवान ब्रह्मा के अद्वितीय मंदिर

हम बचपन से सुनते और पढ़ते आयें हैं कि, ब्रह्मा जी का भारत में सिर्फ एक ही मंदिर है, जोकि राजस्थान के पुष्कर में स्थित है, लेकिन ऐसा नहीं ब्रह्मा जी के कई और मंदिर है, जोकि बाड़मेर के असोत्रा, कुल्लू घा

By Goldi

पूरे विश्व में पुष्कर भगवान ब्रह्मा के इकलौते मंदिर के लिए जाना जाता है, लेकिन आज हम आपको भारत में स्थित कुछ अन्य ब्रह्मा के मन्दिरों से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिनके बारे में शायद आप अभी तक नहीं जानते थे। पुष्कर में स्थित भगवान ब्रह्मा का मंदिर प्राचीन मन्दिरों में से एक है। किंवदंतियों के अनुसार, भगवान ब्रह्मा अन्य देवतायों से थोड़ा अलग है, वह अपने भक्तों की भक्ति से तुरंत प्रसन्न होकर उनकी मुरादों को पूरा कर देते हैं।

पौराणिक कथायों के मुताबिक, कई राक्षसों ने ब्रह्मा की उपासना कर उनसे वरदान लेकर देवतायों को और ऋषियों को काफी परेशान किया, जिसके बाद भगवान विष्णु और भगवान भोले नाथ के अथक प्रयास के चलते इन दानवों का विनाश किया गया। जिसके बाद लोगों ने भगवान ब्रह्मा की पूजा अर्चना बंद कर भगवान शिव और विष्णु की पूजा करनी शुरू कर दी।

ऐसी ही कई कहानी है, जो बताती है, कि आखिर अन्य देवी देवतायों के मुकाबले ब्रह्मा जी के मंदिर इतने कम क्यों है, आइये इसी क्रम में जानते हैं भारत में पुष्कर के अलावा कहां कहां ब्रह्मा जी के मंदिर स्थापित है।

पुष्कर

पुष्कर

पुष्कर में स्थपित ब्रह्मा जी का मंदिर प्राचीन मन्दिरों में से एक है। कहा जाता है कि, इस मंदिर का निर्माण करीबन 2000 वर्ष पूर्व हुआ था, लेकिन मौजूदा समय की संगमरमर संरचना 14 वीं शताब्दी की है। पुष्कर में झील के किनारे स्थित इस मंदिर में हर रोज हजारों की तादाद में भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं, खासकर की कार्तिक के महीने में यहां श्रधालुयों की भीड़ काफी देखने को मिलती है। कार्तिक के महीने में पर्यटक झील में डुबकी लगाकर ब्रह्मा मंदिर में दर्शन करने पहुंचते हैं।

बाड़मेर

बाड़मेर

ब्रह्मा जी का दूसरा प्राचीन मंदिर राजस्थान के जिले बाड़मेर के गांव असोत्रा में स्थित है। मंदिर का मुख्य सभागार जैसलमेर के प्रसिद्ध पीले पत्थरों से निर्मित है तथा बाकी पूरा मंदिर जोधपुरी पत्थरों से बना है। हालांकि, ब्रह्मा की मूर्ति पूरी तरह संगमरमर से निर्मित है। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1961 में हुआ था और मंदिर में भगवान ब्रह्मा की मूर्ति की स्थापना वर्ष 1984 में हुई है। इस मंदिर में हर रोज पक्षियों को 200 किलो ग्राम दाने खिलाएं जाते हैं, जिससे यहां हर रोज हजारों की तादाद में रंग बिरंगे पक्षी देखे जा सकते हैं।Pc:slf

कुंबाकोणम

कुंबाकोणम

पौराणिक कथायों की माने तो, भगवान ब्रह्मा को अपनी कला पर काफी घमंड था, और हमेशा खुद को भगवान शिव और विष्णु से बड़ा बताते थे। एक दिन भगवान विष्णु ने ब्रह्मा के घमंड को तोड़ने के लिए भूत बनाया, जिससे ब्रह्मा जी डर गये और, सहायता के लिए भगवान विष्णु के पास पहुंच गये, और उन्होंने अपने व्यवहार के लिए उनसे माफ़ी भी मांगी। जिसके बाद भगवान विष्णु ने उनसे कहा की, धरती पर जाकर अपनी कला को फिर से हासिल करो, कहा जाता है कि, ब्रह्मा अपने ध्यान के लिए कुम्बकोणम का चुना था। बाद में भगवान ब्रह्मा को अंतर्लीन होने के बाद विष्णु ने ब्रह्मा जी को माफ़ कर दिया, और उन्हें उनका ज्ञान भी हासिल हो गया।Pc:Unknown

खोखन

खोखन

खोखन में 14 वीं शताब्दी का निर्मित एक आदि ब्रह्मा मंदिर है, जोकि कुल्लू घाटी में पूरी तरह लकड़ी से बना हुआ है। मंदिर के भीतर भगवान विष्णु के साथ ब्रह्मा जी की प्रतिमा है। मंदिर के दोनों ओर गढ़ जोगनी और मणिकरण जोगनी के मंदिर हैं। पहले इस मंदिर के पास से एक प्राकृतिक झरना बहता था जो अब सूख चुका है। यहाँ मनाये जाने वाले त्यौहारों के अंतर्गत नागनी बिरशु, खिखन त्यौहार, मोहल त्यौहार और भूलंग बिरशु शामिल हैं।Pc:TusharSharma2510

चतुर्मुख ब्रह्मा मंदिर

चतुर्मुख ब्रह्मा मंदिर

आन्ध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में चेबरोलु कस्बे में स्थित है चतुर्मुख ब्रह्मा जी का मंदिर में परमपिता ब्रह्मा की चार मुखों वाली प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर आज से लगभग 200 साल पहले राजा वासिरेड्डी वेंकटाद्री नायडू ने बनवाया था।Pc: Adityamadhav83

भगवान तिरुपति के आंध्र प्रदेश में हैं कई खूबसूरत मंदिर, निहारें उन मंदिरों को कुछ तस्वीरें मेंभगवान तिरुपति के आंध्र प्रदेश में हैं कई खूबसूरत मंदिर, निहारें उन मंदिरों को कुछ तस्वीरें में

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X