आप बैंगलोर में एक दिन के लिए हैं और आपको इस बात का कोई आईडिया नहीं है कि कैसे एक दिन में पूरा शहर घूमा जाये, या दूसरे शब्दों में कहें तो आप इसी फ़िक्र में रहेंगे की क्या एक दिन में बैंगलोर जैसे विशाल शहर की यात्रा हो सकती है? चलिए हम आपकी मुश्किल को आसान करते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप एक दिन में पूरा बैंगलोर घूम सकते हैं।
कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर समृद्ध ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और आधुनिकता के मिश्रण के साथ भारत का पांचवां सबसे बड़ा और एक बेहद सुन्दर शहर है। एक ही स्थान पर बहुत कुछ होने के कारण पर्यटकों द्वारा भी इसे बहुत पसंद किया जाता है। बैंगलोर भारत का वो शहर है जहां के एमजी रोड में लाइन से आपको डिस्क और पब मिलेंगे तो वहीँ दूसरी तरफ आपकी भेंट समृद्ध सांस्कृतिक विरासतों और चुनिंदा मंदिरों से होगी।
यहाँ के इन खूबसूरत मंदिरों में आप चोल राजवंश के समय की वास्तुकला देख सकते हैं। आज बैंगलोर देश का आईटी हब होने के अलावा पर्यटन के भी सभी आयामों को पूरा करता दिखाई दे रहा है।
आप जब भी बैंगलोर आयें यहां के खूबसूरत पार्कों, मॉल, ऐतिहासिक स्थलों, मंदिरों को देखना न भूलें। आइये जाने बैंगलोर में आप एक दिन में क्या क्या देख सकते हैं।
मैजेस्टिक बस स्टैंड
चलिए हम अपनी एक दिवसी बैंगलोर यात्रा की शुरुआत केम्पेगौड़ा बस स्टैंड जिसे मैजेस्टिक के नाम से भी जाना जाता है से करते हैं। ये बस स्टैंड बैंगलोर सिटी स्टेशन के बेहद नजदीक है।
विधान सौदा
मैजेस्टिक बस स्टैंड से 4 किलोमीटर दूर है विधान सौदा तो अगर आप बैंगलोर जा रहे हैं तो विधान सौदा जरूर जाएं। यह राज्य सचिवालय होने के साथ-साथ ईंट और पत्थर से बना एक उत्कृष्ट निर्माण है। करीब 46 मीटर ऊंचा यह भवन बैंगलोर का सबसे ऊंचा भवन है। (54-ई ,56,57-ए 58,138-ए ,138-ई ,,223-पी ,238-टी ,238-जेड ,240-ऐ ,243-एच ,244-जी ,244-एल ,245-एन ,246-ए ,290-बी ,290-डी ,290-जे ,290-एम ,290-पी ,291-एच ,291-एम) इन बसों के माध्यम से आप मैजेस्टिक बस स्टैंड से विधान सौदा पहुँच सकते हैं।
बैंगलोर पैलेस
बैंगलोर पैलेस शहर के बीचों बीच स्थित पैलेस गार्डन में स्थित है। यह सदशिवनगर और जयामहल के बीच में स्थित है। इस महल के निर्माण का काम 1862 में श्री गेरेट द्वारा शुरू किया गया था। इसके निर्माण में इस बात की पूरी कोशिश की गई कि यह इंग्लैंड के विंसर कास्टल की तरह दिखे। 1884 में इसे वाडेयार वंश के शासक चमाराजा वाडेयार ने खरीद लिया था।
45000 वर्ग फीट में बने इस महल के निर्माण में करीब 82 साल का समय लगा। महल की खूबसूरती देखते ही बनती है। जब आप आगे के गेट से महल में प्रवेश करेंगे तो आप मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह सकेंगे।
अभी हाल ही में इस महल का नवीनीकरण भी किया गया है। विधान सौदा से आप इन बसों से यहां पहुंच सकते हैं। 30-सी ,110 111,111-ए ,113-ई ,114,114-सी ,122,124,126, 290-296.
उल्सूर झील
बैंगलोर शहर से 4 किलोमीटर दूर एमजी रोड के पास स्थित उल्सूर झील भी यहां का प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। कहते हैं कि इस झील का निर्माण केंपेगौड़ा ने करवाया था, जिन्होंने बेंगलुरु शहर भी स्थापना की थी। करीब 1.5 वर्ग किमी में फैले इस झील में कई छोटे-छोटे टापू बने हुए हैं। यहां अगस्त और सितंबर के दौरान गणेश उत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। इन बसों से आप आसानी से उल्सूर झील पहुंच सकते हैं। 112-ई , 144-जी ,144-एच ,144-के ,252-एन ,270-एच ,278-बी ,404,जी-8,जी -9,एमबीएस -3,एमबीएस-6, 329-डी,329-जी,329-जे,330-ए,330-बी,330-सी,330-डी,330-ई ,330-जी,330-एच ,330-एम ,330-पी ,331-ई
कॉमर्शियल स्ट्रीट
बैंगलोर में घुमक्कड़ी के बाद आप यहां के कॉमर्शियल स्ट्रीट से शॉपिंग कर सकते हैं। यहां आप ब्रिगेड रोड और कामराज रोड के जरिए पहुंच सकते हैं। एक ओर जहां आपको बड़े ब्रांड की दुकानें नजर आएंगी, वहीं दूसरी ओर कुछ छोटी दुकानें भी आपको दिख जाएंगे। वैसे कॉमर्शियल स्ट्रीट महिलाओं के रंगीन कपड़ों के लिए प्रसिद्ध है। यहां की दुकानें सुबह 10.30 बजे खुल जाती हैं। कॉमर्शियल स्ट्रीट में क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड काम नहीं करता है। आपको कैश के जरिए ही खरीददारी करनी होगी। साथ ही आप यहां मोलभाव करने से बिल्कुल भी गुरेज न करें। हालांकि यहां की ज्यादातर दुकानें महिलाओं की खरीददारी के लिए हैं, फिर भी चाय के स्टॉल और सड़क किनारे बने रेस्टोरेंट पुरुषों को खुश रखने की कोशिश करते हैं। उल्सूर से आप इन बसों की मदद से यहां पहुंच सकते हैं 22-ए , 127, 128, 301-ई
एम चेन्नास्वामी स्टेडियम
1969 में बना चेन्नास्वामी स्टेडियम बेंगलुरु शहर के केन्द्र में स्थित है। क्वींस रोड और कब्बन पार्क के बीच में बना यह स्टेडियम देश का एक चर्चित स्टेडियम है। इसका नाम चेन्नास्वामी के नाम पर हुआ है, जो 1977 से 1980 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे थे। साथ ही उन्होंने करीब 4 दशक तक कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) में अपनी सेवाएं दीं।यहां भारत और वेस्टइंडीज के बीच 1974 में पहला टेस्ट मैच खेला गया था। यह कर्नाटक रणजी टीम और आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर बैंगलोर का होम ग्राउंड है।
कब्बन पार्क
कब्बन पार्क को मूल रूप से 1870 में बनवाया गया था। यह बैंगलोर का प्रमुख लैंडमार्क होने के साथ-साथ शहर के प्रशासनिक क्षेत्र में आता है। एमजी रोड और कस्तुरबा रोड से यहां असानी से पहुंचा जा सकता है। पहले यह पार्क सिर्फ 100 एकड़ में फैला था। हालांकि बाद में इसे करीब 300 एकड़ में फैला दिया गया। यहां आप वनस्पति और जीव-जंतु का बेहतीन संकलन देखने को मिलता है। पहले इसे मेडे पार्क के नाम से जाना जाता था। तत्कालीन शासक को श्रद्धांजली देने के लिए जब सिल्वर जुबली मनाया गया तो इस पार्क का नाम बदलकर चारमाराजेन्द्र पार्क रखा गया। पार्क में घने बांस के पेड़ और दूसरे खूबसूरत पौधों के बीच एक बड़ा सा दायरा है, जिसे कर्नाटक सरकार के बागवानी विभाग द्वारा नियंत्रिण किया जाता है।
लाल बाग
बैंगलोर के दक्षिण में स्थित लाल बाग एक प्रसिद्ध बॉटनिकल गार्डन है। इस बाग का निर्माण कार्य हैदर अली ने शुरू किया था और बाद में उनके बेटे टीपू सुल्तान ने इसे पूरा किया। करीब 240 एकड़ भूभाग में फैले इस बाग में ट्रॉपिकल पौधों का विशाल संकलन है और यहां वनस्पतियों की 1000 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। बाग में सिंचाई की व्यवस्था बेहतरीन है और इसे कमल के फूल वाले तालाब, घास के मैदान और फुलवारी के जरिए बेहतरीन तरीके से सजाया गया है।
बुल टेंपल
बुल टेंपल को दोड़ बसवन गुड़ी मंदिर भी कहा जाता है। यह दक्षिण बेंगलुरु के एनआर कॉलोनी में स्थित है। इस मंदिर का मुख्य देवता नंदी है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार नंदी शिव का न सिर्फ बहुत बड़ा भक्त था, बल्कि उनका सवारी भी था। इस मंदिर को 1537 में विजयनगर साम्राज्य के शासक केंपेगौड़ा ने बनवाया था। नंदी की प्रतिमा 15 फीट ऊंची और 20 फीट लंबी है और इसे ग्रेनाइट के सिर्फ एक चट्टा के जरिए बनाया गया है।
रूट मैप
अगर आप और आधे घंटे की यात्रा कर लें तो आप वापस मैजेस्टिक बस स्टैंड पहुंच जाएंगे जहां से हमने अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। बैंगलोर में आपको कहीं से भी मैजेस्टिक के लिए बसें मिल जाएंगी। जब भी कभी आप बैंगलोर की एक दिवसीय यात्रा पर हों तो अपने पास इस मैप को अवश्य रखें आपकी मुश्किल काफी हद तक आसान होगी।