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अब एक दिन में घूमे जोधपुर

अब एक दिन में करें जोधपुर की यात्रा

By Goldi

जोधपुर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा रेगिस्तान शहर है। अपनी अनूठी विशेषताओं के कारण इस शहर को दो उपनाम 'सन सिटी' और 'ब्लू सिटी' मिले हैं। 'सन सिटी' नाम जोधपुर के चमकीले धूप के मौसम के कारण दिया गया है, जबकि 'ब्लू सिटी' नाम शहर के मेहरानगढ़ किले आसपास स्थित नीले रंग के घरों के कारण दिया गया है। जोधपुर को 'थार के प्रवेश द्वार' के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह शहर थार रेगिस्तान की सीमा पर स्थित है। यह शहर 1459 ई0 में राठौड़ परिवार के नेता राव जोधा द्वारा स्थापित किया गया था। इससे पहले, शहर को 'मारवाड़' नाम से जाना जाता था किन्तु वर्तमान नाम शहर के संस्थापक, एक राजपूत मुखिया राव जोधा के नाम पर दिया गया है।

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इस शहर को अच्छे से घूमने में कम से कम तीन दिन का समय लगता है, लेकिन आज हम आपको अपने आर्टिकल से बताने जा रहे हैं कि, कैसे इस जोधपुर को महज 24 घंटे में घूमा जा सकता है...एक पूरे दिन में आप जोधपुर की खास और लोकप्रिय को घूमकर अपनी जोधपुर की ट्रिप को यादगार भी बना सकते हैं।

शाही अनुभव

शाही अनुभव

जिस तरह राजस्थान की राजधानी में रहते हुए आपको शाही अनुभव होता ठीक वैसा ही अनुभव आप जोधपुर में भी कर सकते हैं...यहां कई पुरानी हवेलियां मौजूद है. जिन्हें अब पंच सितारा होटलों में तब्दील कर दिया गया है।जोधपुर की शान मेहरानगढ़ किले के आसपास कई होमस्टे और होटल मौजूद है..जहां आप ठहरकर रात की रौशनी में किले का दीदार कर सकते हैं। इन होटल्स में रूफ टॉप कैफे(छत के उपर खाने का इंतजाम) भी मौजूद है, जहां से अप रात को पूरा जोधपुर दूधिया रोशनी में देख सकते हैं।PC:Gili Chupak

मेहरानगढ़ किला

मेहरानगढ़ किला

मेहरानगढ़ किला एक बुलंद पहाड़ी पर 150 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह शानदार किला राव जोधा द्वारा 1459 ई0 में बनाया गया था। यह किला जोधपुर शहर से सड़क मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है। इस किले के सात गेट हैं जहां आगंतुक दूसरे गेट पर युद्ध के दौरान तोप के गोलों के द्वारा बनाये गये निशानों को देख सकते हैं। कीरत सिंह सोडा, एक योद्धा जो एम्बर की सेनाओं के खिलाफ किले की रक्षा करते हुये गिर गया था, के सम्मान में यहाँ एक छतरी है। छतरी एक गुंबद के आकार का मंडप है जो राजपूतों की समृद्ध संस्कृति में गर्व और सम्मान व्यक्त करने के लिए बनाया जाता है। पर्यटक इस पूरे किले को महज डेढ़ से दो घंटे में पूरा घूम सकते हैं....किले के सभी ऐतिहासिक उपाख्यानों और वास्तुशिल्प विवरणों को जानने के लिए आप गाइड की मदद भी ले सकते हैं।

किले के खुलने और बंद होने का समय- 9 बजे से शाम 5 बजे तक

PC: Kroisenbrunner

उम्मेद भवन

उम्मेद भवन

उम्मेद भवन पैलेस का नाम इसके संस्थापक महाराजा उम्मेद सिंह के नाम पर रखा गया है। चित्तर पहाड़ी पर होने के कारण यह सुंदर महल 'चित्तर पैलेस' के रूप में भी जाना जाता है। यह भारत - औपनिवेशिक स्थापत्य शैली और डेको-कला का एक आदर्श उदाहरण है। डेको कला स्थापत्य शैली यहाँ हावी है और यह 1920 और 1930 के दशक के आसपास की शैली है। महल को तराशे गये बलुआ पत्थरों को जोड़ कर बनाया गया था। महल के निर्माण के दौरान पत्थरों को बाँधने के लिये मसाले का उपयोग नहीं किया गया था। यह विशिष्टता बड़ी संख्या में पर्यटकों को इस महल की ओर आकर्षित करती है। इस सुंदर महल के वास्तुकार हेनरी वॉन, एक अंग्रेज थे। महल का एक हिस्सा हेरिटेज होटल में परिवर्तित कर दिया गया है, जबकि बाकी हिस्सा एक संग्रहालय के रूप में है।PC: Ankit khare

जसवंत थाडा

जसवंत थाडा

जसवंत थाडा शाही परिवार के सदस्यों को दफ़नाने की जगह है..यह मेहरानगढ़ किला परिसर के बाईं ओर स्थित है। यह महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय, जोधपुर के 33वें राठौड़ शासक, का संगमरमर का एक सुंदर स्मारक है। यह स्मारक उनके बेटे, महाराजा सरदार सिंह द्वारा 19 वीं सदी में, बनवाया गया था। यह अपनी संगमरमर की जटिल नक्काशियों के कारण ‘मारवाड़ के ताजमहल‘ के रूप में भी जाना जाता है। मुख्य स्मारक एक मंदिर के आकार में बनाया गया था।

खुलने और बंद होने का समय- 8 बजे से शाम 6 बजे तक

PC:KenWalker [email protected]

राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क

राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क

शहर के पारिस्थितिकी और चट्टानी वातावरणों के मूल पौधों को पुनर्स्थापित करने के प्रयास में, इस पार्क का निर्माण 2006 में किया गया था। 170 एकड़ में फैले हुए, यह देशी वनस्पतियों-जीवों का पता लगाने के लिए सबसे अच्छी जगह है। यह जोधपुर में सबसे ताज़ा और अद्वितीय अनुभवों में से एक है।PC:T. R. Shankar Raman

शाम को क्लॉक टावर घूमे

शाम को क्लॉक टावर घूमे

शाम के समय आप शॉपिंग और राजस्थानी लजीज खाने का स्वाद चखने के लिए आप क्लॉक टावर घूम सकते हैं..साथ ही यहां राजस्थान लाख के कड़ों की खरीददारी के साथ राजस्थानी हस्तशिल्प भी खरीदा जा सकता है।

इन सबके के अलावा जोधपुर में कई और भी घूमने वाली जगह मौजूद हैं, जो देशी और विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर लुभाती है, जिसमे पुरानी हवेली से लेकर, जीप सफारी, कैमल सफारी, पुराने मंदिर शामिल है।

PC:Manish kachhawaha

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